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Rohtak- संविधान और देश की स्वतंत्रता को बचाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी: हुड्डा


चौ. रणबीर हुड्डा जी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंग्रेजों की 8 जेलों में काटी कैद



रोहतक, डिजिटल डेक्स।। स्वतंत्रता सेनानी, संविधान सभा के सदस्य व मेरे पूज्य पिता जी स्वर्गीय चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा संविधान को सबसे बड़ी उपलब्धि मानते थे। संविधान ने देश के हर नागरिक को बराबर का अधिकार दिया है। संविधान की भावना कहती है कि चपरासी से लेकर राष्ट्रपति तक, करोड़पति से लेकर निर्धन तक देश के सभी नागरिक एक समान हैं। सभी को एक-एक वोट का ही अधिकार हासिल है। इसलिए हमारे संविधान और देश की स्वतंत्रता की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। 

यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज चौधरी रणबीर सिंह की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके समाधि स्थल पहुंचे थे। यहां देश व प्रदेश से बड़ी तादाद में गांधीवादी नेता, कार्यकर्ता व स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन पहुंचे थे। सभी ने चौधरी रणबीर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर भूपेंद्र सिंह ने सभी देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी।

समाधि स्थल के अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय परिसर भी पहुंचे। यहां उन्होंने चौ. रणबीर सिंह के साथ संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को भी नमन कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में लगाई गई एक फोटो प्रदर्शनी में भी शिरकत की।

इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री ने चौ. रणबीर सिंह जी के जीवन से जुड़े हुए कई किस्से लोगों के साथ साझा किए। उन्होंने बताया कि रणबीर सिंह जी का जन्म 𝟐𝟔 नवम्बर, 𝟏𝟗𝟏𝟒 को हुआ था और यह सुखद संयोग है कि आज ही के दिन संविधान दिवस भी मनाया जाता है। उन्हें गर्व है कि उनके पिताजी देश की आजादी के लिए संघर्ष के दौरान अंग्रेजों की 𝟖 अलग-अलग जेलों में कैद रहे। इनमें से 𝟒 जेल आज भारत में हैं और 𝟒 पाकिस्तान चली गई हैं।

आजादी के बाद भी चौ. रणबीर सिंह जी का जीवन देश व समाज को ही समर्पित रहा। देश की आजादी के बाद वो संविधान निर्मात्री सभा के सबसे युवा सदस्य बने। यह प्रदेश के लिए भी गर्व की बात है कि वह हरियाणा क्षेत्र (पंजाब प्रांत) से संविधान सभा के इकलौते सदस्य थे। उन्होंने ही सबसे पहले 𝟐𝟑 नवम्बर, 𝟏𝟗𝟒𝟖 को संविधान सभा की बैठक में किसानों के लिए 𝐌𝐒𝐏 का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद आगे चलकर किसानों के लिए 𝐌𝐒𝐏 की व्यवस्था लागू हुई।

चौ. रणबीर सिंह हुड्डा लोकतंत्र के इतिहास में सर्वाधिक 𝟕 अलग-अलग सदनों के सदस्य रहे। उनकी यह उपलब्धि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है। वो संविधान सभा व संविधान परिषद (𝟏𝟗𝟒𝟕 से 𝟏𝟗𝟓𝟎), अस्थाई लोकसभा (𝟏𝟗𝟓𝟎 से 𝟏𝟗𝟓𝟐), पहली लोकसभा (𝟏𝟗𝟓𝟐 से 𝟏𝟗𝟓𝟕), दूसरी लोकसभा (𝟏𝟗𝟓𝟕 से 𝟏𝟗𝟔𝟐), संयुक्त पंजाब विधानसभा (𝟏𝟗𝟔𝟐 से 𝟏𝟗𝟔𝟔), हरियाणा विधानसभा (𝟏𝟗𝟔𝟔 से 𝟏𝟗𝟔𝟕 व 𝟏𝟗𝟔𝟖 से 𝟏𝟗𝟕𝟐) और राज्यसभा (𝟏𝟗𝟕𝟐 से 𝟏𝟗𝟕𝟖) के सदस्य रहे।

हरियाणा और पंजाब की सरकारों में मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। भाखड़ा नांगल बांध परियोजना के रूप में चौ. रणबीर सिंह ने भारत के पहले विस्मयकारी बांध के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे किसानों को बारहमासी जल की सप्लाई उपलब्ध हो सकी। चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा सामाजिक समानता के प्रबल पक्षधर थे। 

𝟔 नवंबर, 𝟏𝟗𝟒𝟖 को भारतीय विधान परिषद् की बैठक में उन्होंने कहा था कि हम वर्गविहीन समाज बनाना चाहते हैं, जिसमें सभी को एक समान अधिकार हासिल हों। उनका मानना था कि देश और देश का संविधान बिना गांव, गरीब और किसान के अधूरा है। यही कारण है कि भाखड़ा नांगल जैसी बड़ी परियोजना के तत्काल अनुमोदन एवं त्वरित क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप भाखड़ा नहर प्रणाली का कार्य शीघ्र पूरा हुआ और इसे 𝟐𝟐 अक्टूबर, 𝟏𝟗𝟔𝟑 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा उसे राष्ट्र को समर्पित किया गया।






































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