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Chandigarh- अब प्रदेश में ड्रोन से भूमि के नीचे 15 मीटर तक होगी मैपिंग


𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐰𝐚𝐬 𝐚𝐩𝐩𝐫𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐃𝐑𝐈𝐈𝐒𝐇𝐘𝐀 𝐡𝐚𝐬 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐚 𝐬𝐮𝐜𝐜𝐞𝐬𝐬𝐟𝐮𝐥 𝐬𝐮𝐫𝐯𝐞𝐲 𝐨𝐟 𝐊𝐡𝐚𝐧𝐚𝐤 𝐦𝐢𝐧𝐞𝐬 𝐮𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐟𝐢𝐱𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐢𝐧𝐠 𝐝𝐫𝐨𝐧𝐞 (𝐅-𝟗𝟎) 𝐟𝐨𝐫 𝐯𝐨𝐥𝐮𝐦𝐞𝐭𝐫𝐢𝐜 𝐚𝐧𝐚𝐥𝐲𝐬𝐢𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐫𝐞𝐚𝐬 𝐨𝐟 𝐁𝐡𝐢𝐰𝐚𝐧𝐢 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭, 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦 𝐚𝐧𝐝 𝐊𝐡𝐚𝐧𝐚𝐤. 𝐀𝐩𝐚𝐫𝐭 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐨𝐫𝐤 𝐨𝐟 𝐢𝐧𝐬𝐩𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐚𝐡𝐚𝐝𝐮𝐫𝐠𝐚𝐫𝐡 – 𝐃𝐚𝐮𝐥𝐚𝐭𝐚𝐛𝐚𝐝 𝐡𝐢𝐠𝐡 𝐭𝐞𝐧𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐥𝐢𝐧𝐞, 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐮𝐫𝐯𝐞𝐲 𝐰𝐨𝐫𝐤 𝐨𝐟 𝐚 𝐰𝐚𝐭𝐞𝐫𝐥𝐨𝐠𝐠𝐞𝐝 𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐢𝐧 𝟏𝟏.𝟓𝟓 𝐬𝐪𝐮𝐚𝐫𝐞 𝐤𝐢𝐥𝐨𝐦𝐞𝐭𝐫𝐞 𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐨𝐟 𝟏𝟎 𝐯𝐢𝐥𝐥𝐚𝐠𝐞𝐬 𝐚𝐥𝐨𝐧𝐠 𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚 𝐑𝐢𝐯𝐞𝐫 𝐢𝐧 𝐊𝐚𝐫𝐧𝐚𝐥 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐝𝐨𝐧𝐞. 𝐖𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐥𝐚𝐫𝐠𝐞-𝐬𝐜𝐚𝐥𝐞 𝐦𝐚𝐩𝐩𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐨𝐫𝐤 𝐡𝐚𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐢𝐧 𝐒𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫 𝟏𝟓-𝐀 𝐚𝐧𝐝 𝐒𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫 𝟕𝟓 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐅𝐚𝐫𝐢𝐝𝐚𝐛𝐚𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐑𝐚𝐤𝐡𝐢𝐠𝐚𝐝𝐡𝐢 𝐇𝐞𝐫𝐢𝐭𝐚𝐠𝐞 𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐨𝐟 𝐇𝐢𝐬𝐚𝐫 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭.



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करने की दिशा में एक ओर पहल करते हुए ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्या) के अधिकारियों को एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, ड्रोन से भूमि के नीचे 15 मीटर तक मैपिंग करने के सेंसर की भी खरीद की जाए।

मुख्यमंत्री, जो ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्या) के चेयरमैन भी हैं, आज यहां दृश्या के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की तीसरी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि ड्रोन फ्लाइंग के लिए जल्द से जल्द नागर विमानन महानिदेशालय, भारत सरकार से अनुमति की प्रक्रिया पूर्ण की जाए। उन्होंने कहा कि विमानन से जुड़े अनुभवी लोगों की सेवाएं दृश्या को लेनी चाहिएं।

𝐇𝐞 𝐝𝐢𝐫𝐞𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐟𝐟𝐢𝐜𝐞𝐫𝐬 𝐭𝐨 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐞𝐭𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐜𝐞𝐬𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐞𝐫𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐟𝐨𝐫 𝐟𝐥𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐝𝐫𝐨𝐧𝐞𝐬 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐃𝐢𝐫𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐆𝐞𝐧𝐞𝐫𝐚𝐥 𝐨𝐟 𝐂𝐢𝐯𝐢𝐥 𝐀𝐯𝐢𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐆𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐚𝐫𝐥𝐢𝐞𝐬𝐭. 𝐓𝐡𝐞 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐢𝐜𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐞𝐱𝐩𝐞𝐫𝐢𝐞𝐧𝐜𝐞𝐝 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐚𝐬𝐬𝐨𝐜𝐢𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐚𝐯𝐢𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐛𝐞 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐛𝐲 𝐃𝐑𝐈𝐒𝐇𝐘𝐀, 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫.

बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि दृश्य द्वारा भिवानी जिले के खनन क्षेत्रों डाडम व खानक में वॉल्यूमेट्रिक विश्लेषण के लिए सर्वे का कार्य करने के लिए फिक्सिंग विंग ड्रोन (एफ-𝟗𝟎) का उपयोग कर सफलतापूर्वक कार्य किया गया है। 

इसके अलावा, बहादुरगढ़ – दौलताबाद हाईटेंशन बिजली लाइन के निरीक्षण का कार्य, करनाल जिले में यमुना नदी के साथ लगते 𝟏𝟎 गांवों के 𝟏𝟏.𝟓𝟓 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जलभराव क्षेत्र के सर्वे का कार्य भी किया गया है। इतनी ही नहीं, दृश्या द्वारा फरीदाबाद के सेक्टर 𝟏𝟓-ए व सेक्टर 𝟕𝟓 में तथा हिसार जिले के राखीगढ़ी हेरिटेज क्षेत्र में भी लार्ज स्केल मैपिंग का कार्य किया गया है।

बैठक में अवगत करवाया गया कि राजस्व विभाग के अलावा शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, आपदा प्रबंधन, खनन, वन, यातायात, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, कृषि जैसे अन्य विभागों में भी सर्वे के लिए ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इससे शहरी क्षेत्रों में मानचित्रण, भूमि रिकॉर्ड, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं, विकास की योजनाओं में मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की पहल से हरियाणा यूएवी संचालित गवर्नेंस एप्लिकेशन को तीव्र गति प्रदान करने के लिए एक अलग निगम बनाने वाला पहला राज्य है। दृश्या की स्थापना से राज्य में एक अनूठी शुरुआत हुई है, क्योंकि अब ड्रोन की मदद से क्षेत्र के विस्तार का पता लगाने के साथ-साथ अवैध अतिक्रमणों को भी नियंत्रित किया जा सकता है। पहले समय समय पर मैन्युअल सर्वेक्षण किए जाते थे, जिनमें बहुत समय लगता था और अधिक मैनपॉवर की आवश्यकता के साथ साथ खर्चीले भी होते थे।

बैठक में मुख्य सचिव एवं दृश्या के उपाध्यक्ष संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त वी एस कुंडू, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरूण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव व दृश्या के निदेशक वी उमाशंकर, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता, ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम्स ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्या) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टी एल सत्यप्रकाश और दृश्या के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार (सेवानिवृत) सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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