𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐥𝐦𝐨𝐬𝐭 𝐟𝐫𝐞𝐞 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐠𝐫𝐢𝐜𝐮𝐥𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐬𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫 𝐢𝐧 𝐏𝐮𝐧𝐣𝐚𝐛 𝐚𝐧𝐝 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚; 𝐛𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐞𝐦𝐩𝐡𝐚𝐬𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐨𝐧 𝐩𝐫𝐨𝐦𝐨𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐮𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐬𝐨𝐥𝐚𝐫 𝐞𝐧𝐞𝐫𝐠𝐲. “𝐔𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝟑𝟎,𝟎𝟎𝟎 𝐬𝐨𝐥𝐚𝐫 𝐜𝐨𝐧𝐧𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐨𝐫𝐤 𝐨𝐟 𝐠𝐢𝐯𝐢𝐧𝐠 𝟓𝟎,𝟎𝟎𝟎 𝐦𝐨𝐫𝐞 𝐬𝐨𝐥𝐚𝐫 𝐜𝐨𝐧𝐧𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐢𝐬 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫𝐰𝐚𝐲. 𝐀 𝐭𝐚𝐫𝐠𝐞𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐬𝐞𝐭 𝐭𝐨 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐚 𝐭𝐨𝐭𝐚𝐥 𝐨𝐟 𝟏 𝐥𝐚𝐤𝐡 𝐬𝐨𝐥𝐚𝐫 𝐜𝐨𝐧𝐧𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬,” 𝐡𝐞 𝐚𝐝𝐝𝐞𝐝. 𝐓𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐮𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐬𝐨𝐥𝐚𝐫 𝐞𝐧𝐞𝐫𝐠𝐲 𝐡𝐚𝐬 𝐫𝐞𝐬𝐮𝐥𝐭𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐜𝐭 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐞𝐚𝐫𝐥𝐢𝐞𝐫 𝐚 𝐭𝐨𝐭𝐚𝐥 𝐨𝐟 𝐑𝐬 𝟕,𝟐𝟎𝟎 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞 𝐰𝐚𝐬 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐚𝐬 𝐬𝐮𝐛𝐬𝐢𝐝𝐲 𝐨𝐧 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲, 𝐰𝐡𝐞𝐫𝐞𝐚𝐬 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐑𝐬 𝟓,𝟓𝟎𝟎 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞 𝐢𝐬 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐚𝐬 𝐬𝐮𝐛𝐬𝐢𝐝𝐲. 𝐀𝐩𝐚𝐫𝐭 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐭𝐨 𝐩𝐫𝐨𝐦𝐨𝐭𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐮𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐬𝐨𝐥𝐚𝐫 𝐞𝐧𝐞𝐫𝐠𝐲 𝐢𝐧 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐛𝐮𝐢𝐥𝐝𝐢𝐧𝐠𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐑𝐨𝐨𝐟𝐭𝐨𝐩 𝐒𝐨𝐥𝐚𝐫 𝐏𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐢𝐦𝐩𝐥𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭𝐞𝐝.
हाइलाइट्स
- बिजली क्षेत्र में हरियाणा ने किया उल्लेखनीय कार्य
- हरियाणा में 80 प्रतिशत से अधिक गांवों को मिल रही 24 घंटे बिजली
- पिछले 8 सालों में राज्य सरकार ने बिजली दरों में कोई बढोतरी नहीं की
- मुख्यमंत्री ने फोर्म ऑफ रेगुलेटर्स की 83वीं बैठक में बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव को 𝟐𝟒 घंटे बिजली प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟔 में कुरुक्षेत्र से म्हारा गांव - जगमग गांव योजना की शुरुआत की। आज राज्य में 𝟓𝟔𝟖𝟎 गांवों लगभग 𝟖𝟎 प्रतिशत गांवों को 𝟐𝟒 घंटे बिजली मिल रही है।
फ्री इलेक्ट्रिसिटी इज नो इलेक्ट्रिसिटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ प्रांतों में फ्री बिजली देने की शुरुआत हुई है, लेकिन हमने इस अवधारणा को नकारा है, क्योंकि फ्री इलेक्ट्रिसिटी इज नो इलेक्ट्रिसिटी। इससे न तो उपभोक्ताओं का भला होता है और न ही सरकार का। हरियाणा के लोगों ने भी इस बात को समझा है और वे सरकार का पूरा सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमने हरियाणा में चली आ रही बिजली के बिल न भरने की प्रथा पर करारा प्रहार किया। वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟓 में बाढ़डा में एक जन रैली के दौरान वहां के नागरिकों से बिजली के बिल भरने की अपील की और यही संदेश प्रदेशभर के नागरिकों तक पहुंचाया। इस पहल में लोगों ने भी हमारा सहयोग किया और आज हरियाणा बिजली क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने ओवरचार्ज माफ कर उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाई। इतना ही नहीं, डिफॉल्ट हो चुके उपभोक्ताओं को बिजली बिलों की मूल राशि का किस्तों में भुगतान करने का विकल्प प्रदान किया गया और करोड़ों रुपये का ब्याज व सरचार्ज भी माफ किया गया। राज्य सरकार द्वारा किए गए पहलों के बल पर ही पिछले 𝟐 साल में एनर्जी एफिशिएंसी रैंक में हरियाणा शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ है।
पिछले 8 सालों में राज्य सरकार ने बिजली दरों में कोई बढोतरी नहीं की
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 𝟖 सालों में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की, बल्कि बिजली की दरों को घटाकर लोगों को राहत पहुंचाई है। एफएसए 𝟑𝟕 पैसे था, जो हमने समाप्त कर दिया। इतना ही नहीं, बिजली की दर 𝟏𝟓𝟎 यूनिट तक 𝟒.𝟓𝟎 रुपये प्रति यूनिट थी, जिसमें हमने कमी की और 𝟐𝟎𝟎 यूनिट तक 𝟐.𝟓𝟎 रुपये प्रति यूनिट तथा 𝟓𝟎 यूनिट तक मासिक बिजली खपत करने पर 𝟐 रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित की।
उन्होंने कहा कि सरकार की सोच है कि 𝟓𝟎 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को और रियायत पहुंचाई जा सके, ताकि गरीब परिवारों को राहत मिल सके। इसके लिए सरकार विद्युत नियामक आयोग से इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगी।
लाइन लॉस में कमी लाकर बिजली निगमों को घाटे से उबारा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒 में राज्य में लाइन लॉस 𝟐𝟗 प्रतिशत थे, जो आज घटकर 𝟏𝟒 प्रतिशत पर आ गए हैं। इससे लगभग 𝟔 हज़ार करोड़ रुपये की बचत हुई है। सरकार और बिजली निगमों के प्रयासों से आज हरियाणा के चारों बिजली निगम लाभांश की स्थिति में है। सरकार ने बिजली की चोरी रोकने व लाईन लॉस कम करने तथा मीटरिंग व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर बल दिया है।
ढांचागत विकास पर किया काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ढांचागत विकास पर भी काम किया गया है। अक्टूबर 𝟐𝟎𝟏𝟒 से अब तक प्रसारण नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए 𝟑𝟔𝟕𝟗 करोड़ रुपये की लागत से 𝟓𝟕 नए सब-स्टेशनों की स्थापना की गई तथा 𝟓𝟐𝟐 सब-स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि की गई।
प्रदेश में 𝟓𝟎 हजार नये ट्रांसफार्मर लगाए गए। इसके अलावा, 𝟏𝟖𝟗𝟓 किलोमीटर की प्रसारण लाईनें भी जोड़ी गई। इतना ही नहीं, घरों, कॉलोनियों, तालाबों तथा स्कूल के ऊपर से गुजरने वाली 𝟐𝟓𝟑𝟗 खतरनाक लाईनों को हटाया गया है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में तो पंजाब तथा हरियाणा में लगभग फ्री बिजली दी जा रही है। लेकिन हमने सौर ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इसके तहत, 𝟑𝟎 हज़ार सोलर कनेक्शन दिए जा चुके हैं तथा 𝟓𝟎 हज़ार और सोलर कनेक्शन देने का काम चल रहा है।
कुल 𝟏 लाख सोलर कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सौर ऊर्जा के उपयोग से यह परिणाम हुआ कि जहां पहले बिजली पर कुल 𝟕𝟐𝟎𝟎 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दिए जाते थे, वहीं आज 𝟓𝟓𝟎𝟎 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दिए जाते हैं। इसके अलावा, सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए रूफटॉप सोलर पॉलिसी को लागू किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की आवश्यकता को समझते हुए राज्य सरकार ने जल संरक्षण पर भी जोर दिया है। भावी पीढ़ी को जल संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार ने मेरा पानी - मेरी विरासत योजना बनाई है, ताकि आने वाली पीढ़ी को जमीन के साथ-साथ पानी भी विरासत में दिया जा सके।
इसके तहत, धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए किसानों को 𝟕 हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसके फलस्वरूप राज्य में लगभग 𝟏 लाख एकड़ क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विनियामक मंच में सभी राज्यों के विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्षों व सदस्यों द्वारा आमजन तक सुविधाएँ और भी बेहतर ढंग से पहुँचाने समेत कई विषयों पर चर्चा की जाएगी। इससे अन्य प्रांतों द्वारा अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिस को अन्य राज्यों के साथ साझा करने से बिजली क्षेत्र में और दक्षता सुनिश्चित होगी।
इस अवसर पर हरियाणा विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आर के पचनंदा, अन्य राज्यों से आए विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष व सदस्य उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विनियामक मंच में सभी राज्यों के विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्षों व सदस्यों द्वारा आमजन तक सुविधाएँ और भी बेहतर ढंग से पहुँचाने समेत कई विषयों पर चर्चा की जाएगी। इससे अन्य प्रांतों द्वारा अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिस को अन्य राज्यों के साथ साझा करने से बिजली क्षेत्र में और दक्षता सुनिश्चित होगी।
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