62.60 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे का निस्तारण दिसंबर 2023 तक करने का लक्ष्य निर्धारित
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि बायो-माइनिंग की दिशा में कार्य करते हुए राज्य सरकार द्वारा दिसंबर 𝟐𝟎𝟐𝟑 तक लेगेसी वेस्ट का निवारण किया जाएगा। प्रदेश में 𝟏𝟎𝟏 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे की प्रोसेसिंग की जानी है। अब तक 𝟑𝟖.𝟕𝟒 लाख मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया जा चुका है और शेष 𝟔𝟐.𝟔𝟎 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे का निस्तारण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि लेगेसी वेस्ट के प्रसंस्करण पर लगभग 𝟐𝟔𝟐 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। राज्य सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन के तहत आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को 𝟏𝟓𝟓 करोड़ रुपये की डिमांड भेजी है।
कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुराने कचरे के प्रसंस्करण के लिए बड़े प्लांट लगाने की बजाय छोटे-छोटे क्रशर लगाए जाएं। उन्होंने अंबाला, कैथल और यमुनानगर जिलों द्वारा कचरा प्रसंस्करण के कार्य में बेहतर प्रदर्शन करने पर उनकी प्रशंसा की और अन्य जिलों के अधिकारियों को अपने कार्य प्रदर्शन में तेजी लाने के निर्देश दिए।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की निगरानी समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रीतम पाल ने हरियाणा के अधिकारियों को ट्रिब्यूनल के दिशानिर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
समिति के सदस्य और हरियाणा की पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती उर्वशी गुलाटी ने कहा कि पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली में सुधार के लिए संयुक्त प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास धरातल पर दिखाई देने चाहिए। ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ घर-घर कचरा संग्रहण भी सुचारू रूप से किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम अच्छी स्थिति में हैं लेकिन कमियों की पहचान करने और लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में काम करने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
बैठक में बताया गया कि अधिकांश डंपिंग साइट बस्ती या रिहायशी इलाकों से दूर हैं, फिर भी स्थानीय निकायों ने एहतियात के तौर पर कई कदम उठाए हैं। अधिकांश निकायों ने प्रोजेक्ट साइट की परिधि के साथ बाड़ / चारदीवारी की है। इसके अलावा, निकायों द्वारा नियमित रूप से डंपिंग साइट पर विभिन्न गतिविधियों की जांच की जा रही है। निकायों द्वारा समय-समय पर भूजल की गुणवत्ता का परीक्षण भी किया जा रहा है।
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