करौंथा कांड में आया फैसला: रामपाल को किया बरी, 16 साल पहले हुआ खूनी टकराव, एक की मौत, 59 लोग हुए थे घायल
रोहतक | NEWS - रोहतक में करीब 16 साल पहले हुए करौंथा कांड में अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया। जिसमें सतलोक आश्रम करौंथा के संचालक रामपाल को बरी कर दिया। हालांकि जिसको लेकर गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हत्या, जानलेवा हमला करने व विभिन्न अन्य धाराओं के तहत दर्ज केस में सतलोक आश्रम करौंथा के संचालक रामपाल सहित 33 लोग नामजद हैं।
रामपाल के बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट ने गांव करौंथा में सतलोक आश्रम खोला था। इसका आर्य समाजियों तथा आसपास के ग्रामीणों ने विरोध किया, लेकिन 12 जुलाई 2006 को करौंथा के सतलोक आश्रम के बाहर भीड़ एकत्रित हो गई। वहीं रामपाल के अनुयायियों व आर्य समाजियों में टकराव हो गया।
एक की मौत हुई थी
तनाव इतना बढ़ा की नौबत फायरिंग तक जा पहुंची। तनाव के बीच गोली लगने से झज्जर जिले के गांव बाघपुर निवासी सोनू की मौत हो गई थी, वहीं 59 लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने रामपाल सहित अन्य को हिरासत में लेकर आश्रम को सील कर कब्जे में ले लिया था। हालांकि, हाईकोर्ट से रामपाल को 2 साल बाद जमानत मिल गई।
ये हुए थे केस में नामजद
16 साल पुराने मामले में रामपाल, विजय, कृष्ण, सतीश चंद्र, सुनील, बिजेंद्र, मनोज, सूरजमल, अनिल, सुरेंद्र, जगबीर, रवींद्र, महेंद्र, हरजीत, हवलदार जसबीर व बिजेंद्र, अमित, हवा सिंह, कृष्ण, आजाद, कृष्ण सिंह, धर्मेंद्र, महेंद्र सिंह, बसंत, वीरेंद्र, मुकेश, राजकुमार उर्फ राजकपूर, राजेंद्र, जितेंद्र व विनय सहित 33 लोग नामजद हैं। सदर थाने में आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 307, 148, 149, 323 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
रामपाल को किया बरी
वकील पीयूष गक्खड़ ने बताया कि करौंथा कांड में गवाही की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई। इस मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया गया है। अदालत ने रामपाल को बरी कर दिया।