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𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬: Farmers को बजट से क्या है उम्मीद, क्या है किसानों की राय.?

Budget: हाल में मोदी सरकार को 3 कृषि कानूनों के विरोध मे किसानों की बड़ी नाराजगी देखने को मिली है, इस बार आम बजट विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के बीच पेश होने जा रहा है !



यमुनानगर, डिजिटल डेक्स।। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल (𝟏 फरवरी) को संसद में केंद्रीय बजट 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 की घोषणा करने जा रही हैं। अन्य उद्योगों की तरह ही कृषि क्षेत्र को भी इस साल के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। याद रहे कि 𝟐𝟎𝟏𝟔 में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 𝟐𝟎𝟐𝟐 तक किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया था। यह वादा कितना पूरा हुआ इस पर तो साफ-साफ जवाब सरकार भी नहीं दे रही है लेकिन बजट 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 में उसके पास इस दिशा में एक और कोशिश करने का मौका जरूर होगा।

Budget Expectation for agriculture sector




यमुनानगर में किसानों से उनकी राय जानी, किसानों ने कहा कि आज के दौर में सभी चीजें महंगी हो चुकी हैं, लेकिन किसान की फसलों के दाम आज भी सरकार पूरे नहीं दे पा रही। किसानों की फसल में गिरने वाला खाद, डीजल तेल व पेस्टिसाइड के काफी दाम बढ़ चुके हैं। 


लेकिन किसानों की फसलों की कीमतें में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। किसानों ने कहा कि सरकार को किसानों की राय लेकर बजट पेश करना चाहिए, ताकि आम आदमी को भी महंगाई की मार ना पड़े और किसानों को भी उनकी फसलों के उचित दाम मिलते रहे। कहा कि कोई भी सामान खरीदने के लिए आज कीमतें आसमान छू रही हैं।


वहीं, जब किसानों से बात की तो किसानों ने कहा कि वह दलहन और तिलहन जैसी खेती पर जोर दें ताकि सरकार की तरफ से भी किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि उनकी जमीन इस काबिल नहीं है कि इसमें तिलहन या दलहन जैसी खेती की जाए। अलग-अलग किसानों की अलग-अलग राय सामने आई किसी ने उचित मूल्य के दाम के लिए कहा तो किसी ने कहा कि सरकार को एक बार किसानों से चर्चा करने के बाद ही किसानों के लिए बजट तैयार करना चाहिए।


इंप्लीमेंट पर अनुदान को लेकर किसानों ने कहा कि एक गरीब किसान के लिए अनुदान लेना भी बड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि एक इंप्लीमेंट की कीमत लाखों रुपए में होती है। यदि उस किसान के पास लाखो रुपए या पैसे होंगे तो अनुदान भी तभी लेगा जब वह पहले इंप्लीमेंट्स के नाम पेमेंट जमा करवाएगा। सरकार को चाहिए कि यह अनुदान राशि पहले ही दी जाए ताकि किसान बाकी रकम देकर इंप्लीमेंट खरीद सके।


प्रधानमंत्री किसान योजना को लेकर जब किसानों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार साल में 6 हजार रूपये किसानों को सहायता देती है। तो यह सब्सिडी भी बढ़ाई जाए ताकि महंगे होने वाले खाद व पेस्टिसाइड को फसलो में समय पर डाल सके। कुल मिलाकर यदि बात की जाए तो किसानों का कहना था कि एक बार सरकार को किसानों के साथ बजट पेश करने से पहले राय ले लेनी चाहिए।

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