सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने प्रदर्शन कर केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम दिया अपनी माँगो का ज्ञापन
यमुनानगर । NEWS - सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित विभिन्न विभागीय संगठनों के सदस्यों ने उपायुक्त कार्यालय के सामने नई अनाज मंडी में एकत्रित होकर जिला प्रधान महिपाल सौदे की अध्यक्षता में विरोध प्रदर्शन कर बजट 2023-24 के संबंध में आयकर छूट व कर्मचारियों की अन्य माँगो व सुझावों के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम अपनी 10 सूत्रीय माँगो का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया। इस दौरान सभी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन स्थल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर पर फूल माला अर्पित कर 2 मिनट का मौन धारण कर उन्हें पुष्प श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कायर्क्रम का संचालन जिला सचिव गुलशन भारद्वाज कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के तौर में शामिल रिटायर्ड संघ के राज्य प्रधान जरनैल सिंह सांगवान ने गांधी जी को याद करते हुए बताया कि महात्मा गांधी जी ने देश में सांप्रदायिकता व छुआछूत के खिलाफ पैड यात्राएं कि व अंग्रेजों की गुलामी से आजादी के लिए जनता को जागरूक करके हिंदू मुस्लिम एकता का प्रयास किया।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि केंद्रीय सरकार कुछ दिन बाद केंद्रीय बजट पेश करने वाली है जिसमे सरकार को उच्च आय वर्ग पर प्रत्यक्ष कर बढ़ाकर उन्हें शिक्षा,स्वास्थ्य,ढांचागत निर्माण व जनकल्याण पर सरकारी खर्च के तौर पर खर्च किया जाए जिससे निम्न आय वर्ग,प्राथमिक उत्पादकों और मध्यम वर्गीय तबकों को राहत मिलेगी और घरेलू माँग को बढ़ाते हुए अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भरता की और ले जाने में सहायक होगी।इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष सतीश कुमार,बिजली विभाग से यूनिट प्रधान पवन हांडा,परमजीत सिंह,रिटायर्ड संघ से जिला प्रधान सोमनाथ, जिला सचिव जोत सिंह,रोशन लाल,अजमेर सिंह,पीडब्ल्यूडी बीएंडआर से राज्य नेता नरेंद्र काम्बोज, जिला सचिव प्रेम प्रकाश, काला,कमल,सुरेश पाल,एचएसवीपी से सर्कल सचिव गोकुल प्रशाद, यासीन अली,स्वास्थ्य से जिला प्रधान सुमित ऋषि,विजय कुमार, माँगे राम आदि शामिल रहें।
1. इनकम टैक्स की छूट सीमा को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए।
2. मानक कटौती 50 हजार रूपये से बढ़ाकर 1लाख रूपए की जाए।
3. टैक्स की दरों को न्याय संगत बनाया जाए। दस लाख से ऊपर की आय पर 20% की दर शुरू हो।
4. किसी भी प्रकार के भत्ते पर टैक्स ना लगाया जाए जैसे चिकित्सा भत्ता, महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता इत्यादि, क्योंकि ये विशेष प्रकार के व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए दिए जाते हैं।
5. नई पेंशन स्कीम में सरकार का 14% हिस्सा बाजार में चला जाता है और कर्मचारी द्वारा लगाया गया हिस्सा भी बाजार में चला जाता है। यह सरकार पर अनावश्यक बोझ है। इसलिए इससे बचने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए।
6. निजीकरण, लीज पर देना, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, ठेका करण की नीतियों को बंद किया जाए। बैंक, बीमा, रेलवे, बिजली व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों को ना बेचा जाएं।
7. रसोई गैस, डीजल, पेट्रोल व अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित किया जाए। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम हो गई हैं। इसलिए कम से कम तीस प्रतिशत कीमतें तत्काल घटाई जाएं। गैस व डीजल पर विशेष तौर से सब्सिडी दी जाए।
8. अप्रत्यक्ष टैक्स कम किए जाएं व डायरेक्ट टैक्स बढ़ाए जाएं। डायरेक्ट टैक्स का बड़ा हिस्सा उच्च आय वर्ग व कारपोरेट सैक्टर से लिया जाए।
9. जनकल्याण की योजनाओं व जन सेवाओं पर सरकारी खर्च को बढ़ाया जाए, शिक्षा,स्वास्थ्य, मनरेगा, बिजली,सार्वजनिक परिवहन आदि पर निवेश बढ़ाया जाए। इससे देश को लाभ होगा और अर्थव्यवस्था मंदी से बच पाएगी।
10. कृषि समेत सभी प्राथमिक उत्पादकों को उचित दाम व सब्सिडी दी जाए तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सभी आवश्यक वस्तुएं दी जाए।