Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐍𝐞𝐰𝐬: सरकार पंचायती राज संस्थाओं में चुनकर आए प्रतिनिधियों के हकों को छीनने का कार्य कर रही है- सैलजा

 

सरकार के नए फैसले के अनुसार दो लाख रुपये तक के विकास कार्यों की स्वीकृति चुने हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा उनके स्तर पर दी जा सकती है, दो लाख से ऊपर के विकास कार्य ई-टेंडर के जरिए हो सकेंगे !



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने का कार्य कर रही है।

सरकार द्वारा गांवों में दो लाख रुपयों से ऊपर के विकास कार्य ई-टेंडर से करवाना सरासर गलत है। सरकार को पंचायती राज संस्थाओं में चुनकर आए प्रतिनिधियों को उनका अधिकार वापस देना चाहिए।

Senior Congress leader, Kumari Selja

सैलजा ने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं में चुनकर आए प्रतिनिधियों के हकों को छीनने का कार्य कर रही है। सरकार के नए फैसले के अनुसार दो लाख रुपये तक के विकास कार्यों की स्वीकृति चुने हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा उनके स्तर पर दी जा सकती है। 

दो लाख से ऊपर के विकास कार्य ई-टेंडर के जरिए हो सकेंगे। सरकार के इस फैसले से गांवों में विकास कार्य प्रभावित होंगे। सरपंच लगातार इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। मगर सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इससे पहले भी सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में राइट टू रिकॉल बिल लाकर अपनी विकास विरोधी सोच का परिचय दिया था।

कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देकर उन्हें मजबूत करने का कार्य किया। पंचायती राज संस्थाएं विकास कार्य कर सकें, इस सोच के साथ राजीव गांधी जी ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त किया। मगर यह सरकार लगातार पंचायती राज संस्थाओं पर हमले कर उन्हें कमजोर करने का प्रयास कर रही है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार इस जनविरोधी फैसले को तुरंत वापस ले और पुरानी नीति को ही लागू करे। सरपंचों को 50 लाख तक के विकास कार्य अपने स्तर पर कराने की छूट दे, ताकि गांवों में विकास हो सकें।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads