𝐏𝐫𝐨𝐭𝐞𝐜𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐘𝐨𝐮𝐫𝐬𝐞𝐥𝐟 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐂𝐲𝐛𝐞𝐫𝐜𝐫𝐢𝐦𝐞 𝐃𝐚𝐧𝐠𝐞𝐫𝐬.
Bluetooth Connections and Use Public Wifi With Extreme Caution.
अब साइबर अपराधी लोगों से ठगी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ को हथियार बना रहे हैं। पुलिस द्वारा समय समय पर साइबर अपराध से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है ताकि आमजन सतर्क व सचेत रहकर अपने पैसे की सुरक्षा कर सके।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई बार हम बाहर होते है तो हमारे मोबाईल लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते है। जो साइबर ठग अपने मोबाईल फोन को हमारी ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट करके अकाउंट में सेंध लगा सकते है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई बार हम बाहर होते है तो हमारे मोबाईल लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते है। जो साइबर ठग अपने मोबाईल फोन को हमारी ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट करके अकाउंट में सेंध लगा सकते है।
उन्होने बताया कि ये साईबर ठग भीडभाड वाले स्थानो पर जाकर अपने मोबाईल फोन से अन्य व्यक्ति के मोबाईल फोन पर ब्लूटूथ कनेक्ट की रिक्वेस्ट सेंड करते है।
जैसे ही किसी मोबाईल फोन के ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट होते है तो उस व्यक्ति का सारा डाटा हैक कर लेते है और इस प्रकार उसका सारा अकाउंट खाली कर देते है। उन्होंने बताया कि ऐसे अपराधों से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि किसी अंजान डिवाईस से आने वाली ब्लूटूथ कनेक्ट रिकवेस्ट स्वीकार ना करे।
कहा कि अगर सावधानी या सतर्कता रखने के बावजूद भी आपके साथ किसी प्रकार का साइबर फ्रॉड हो जाता है तो घबराएं नहीं। बल्कि तुरंत साइबर धोखाधड़ी होने पर शिकायत साइबर हेल्प डेस्क नंबर 1930, अपने बैंक तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें और साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत रजिस्टर्ड कराए।
देखने में आता है कि पीड़ित व्यक्ति जब 1930 पर काल करता है तो वहां कार्यरत कर्मचारी द्वारा डिटेल्स पूछी जाती है तो पीड़ित हडबडाहट में पूर्ण डिटेल्स नही देता और फोन काट देता है ऐसे मे आपकी शिकायत अधूरी रह जाती है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 1930 पर काल करने से पहले आपको पीडित का नाम, मोबाईल नंबर, निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला, बैंक का नाम, डेबिट राशि, खाता संख्या/वॉलेट मर्चेंट, यूपीआई आईडी जिससे राशि डेबिट की गई है।
जैसे ही किसी मोबाईल फोन के ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट होते है तो उस व्यक्ति का सारा डाटा हैक कर लेते है और इस प्रकार उसका सारा अकाउंट खाली कर देते है। उन्होंने बताया कि ऐसे अपराधों से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि किसी अंजान डिवाईस से आने वाली ब्लूटूथ कनेक्ट रिकवेस्ट स्वीकार ना करे।
कहा कि अगर सावधानी या सतर्कता रखने के बावजूद भी आपके साथ किसी प्रकार का साइबर फ्रॉड हो जाता है तो घबराएं नहीं। बल्कि तुरंत साइबर धोखाधड़ी होने पर शिकायत साइबर हेल्प डेस्क नंबर 1930, अपने बैंक तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें और साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत रजिस्टर्ड कराए।
देखने में आता है कि पीड़ित व्यक्ति जब 1930 पर काल करता है तो वहां कार्यरत कर्मचारी द्वारा डिटेल्स पूछी जाती है तो पीड़ित हडबडाहट में पूर्ण डिटेल्स नही देता और फोन काट देता है ऐसे मे आपकी शिकायत अधूरी रह जाती है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 1930 पर काल करने से पहले आपको पीडित का नाम, मोबाईल नंबर, निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला, बैंक का नाम, डेबिट राशि, खाता संख्या/वॉलेट मर्चेंट, यूपीआई आईडी जिससे राशि डेबिट की गई है।