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𝐑𝐚𝐝𝐚𝐮𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬: लंबे समय से चले आ रहे रैकी ग्रुप प्रशासन के लिए भी बने है मुसीबत

दो दिन पहले डीटीओ की टीम क्षेत्र में पहुंची थी, हालांकि ग्रुपों में उस टीम के आने की सूचना भी वायरल हुई थी लेकिन उसके बाद भी विभाग ने ओवरलोड़ वाहन चालको पर कार्रवाई की थी !



रादौर, डिजिटल डेक्स।। ओवरलोड़ वाहनों पर कार्रवाई के लिए जैसे जैसे प्रशासन सक्रिय हो रहा है वहीं प्रशासन की रैकी के लिए बने व्हाट्सअप ग्रुपों में रैकी करने वाले लोग भी सक्रिय हो रहे है। इन ग्रुपों में प्रशासन के अधिकारियों की पल पल की रिर्पोट वायरल की जा रही है। 

ताकि ग्रुपों से जुड़े वाहन चालक अधिकारियों की कार्रवाई से बच सके। इन दिनों क्षेत्र में जठलाना रोड़ व रादौर पर रैकर अधिक नजर बनाए हुए है। क्योंकि पिछले दिनों न केवल प्रशासन की ओर से यहां कार्रवाई अधिक की जा रही है 

वहीं प्रशासनिक अधिकारियों के ओवरलोड़ वाहन चालकों से मिलीभगत संबंधित वीडिय़ों वायरल होने के बाद रैकी करने वालों की नजर यहां इसलिए अधिक बनी हुई है क्योंकि उनको लग रहा है कि अब इस एरिया में प्रशासन अधिक सक्रिय होगा। इसलिए उनसे अपने वाहन चालको को बचाने के लिए वह हर संभव प्रयास करने में जुटे है।

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डीटीओ की कार्रवाई में वाहन चालकों पर लग चुका है साढ़े 14 लाख जुर्माना

दो दिन पहले डीटीओ की टीम क्षेत्र में पहुंची थी। हालांकि ग्रुपों में उस टीम के आने की सूचना भी वायरल हुई थी लेकिन उसके बाद भी विभाग ने ओवरलोड़ वाहन चालको पर कार्रवाई की थी। डीटीओ उर्मिल श्योकंद ने बताया कि शुक्रवार की रात विभाग की टीम रादौर क्षेत्र में मौजूद रही और सड़क से गुजर रहे ओवरलोड़ वाहन चालकों की जांच की। 

इस दौरान वाहन चालकों पर करीब साढ़े 14 लाख रूपए जुर्माना लगाया गया है। विभाग की यह कार्रवाई निरतंर जारी रहेगी। अगर कोई भी वाहन चालक ओवरलोड़ ले जाता मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई तय है।

लंबे समय से चले आ रहे रैकी ग्रुप प्रशासन के लिए भी बने है मुसीबत

क्षेत्र में लंबे समय से यह रैकी गु्रप सक्रिय है, जो प्रशासनिक अमले के लिए भी मुसीबत का कारण बने हुए है। जब भी प्रशासन की कोई टीम अवैध खनन व ओवरलोड़ पर कार्रवाई करने के लिए क्षेत्र में आती है तो उनकी पल पल की रिर्पोट इन ग्रुपों में वायरल कर दी जाती है। जिससे वाहन चालक सक्रिय हो जाते है और अधिकतर वाहन चालक कार्रवाई से बच निकलते है। 

रैकी ग्रुपों की सक्रियता से प्रशासन खुद भी परेशान है लेकिन अभी तक इन गु्रपों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिस कारण यह ग्रुप बिना किसी बाधा के निरंतर चल रहे है। अधिवक्ता वरयामसिंह ने बताया कि अब तक एक बार व्हाटसअप गु्रपों के संचालक पर कार्रवाई हुई थी लेकि उसमें भी प्रशासन ने ढील बरती। जिस कारण पकड़ा गया संचालक आसानी से जमानत पर छूट गया।

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