शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय ने जारी किए निर्देश
लकड़ी की बचाने के लिए लिया निर्णय
BY, Rahul Sahajwani
यमुनानगर। NEWS : हिन्दू धर्म में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद मृत शरीर का दाह संस्कार करने में लकड़ी का सबसे अधिक उपयोग होता है। एक सर्वे के अनुसार भारत में एक तिहाई यानि करीब 70 फीसदी लकड़ी का उपयोग अंतिम संस्कार के लिए होता है। अकेले शवों के अंतिम संस्कार के लिए ही सालाना पांच करोड़ पेड़ों को काट दिया जाता है। शवों के अंतिम संस्कार से पर्यावरण पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़े, पेड़ों के अंधाधुंध कटान पर अंकुश लगाया जाए व लकड़ी बचाई जाए।
इसके लिए शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से अंतिम संस्कार में लकड़ी के इस्तेमाल की बजाय उपले या विद्युत शवदाह गृह से अंतिम संस्कार करने की एडवाइजरी जारी की है। इस संबंध में निदेशालय की तरफ से प्रदेश के सभी निगम आयुक्त, जिला निगम आयुक्त, ईओ, नगर परिषदों के सचिव व अन्य को पत्र जारी कर लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का आह्वान किया है। निगम की ओर से सभी श्मशान घाटों पर बैनर लगाकर लोगों को लकड़ी की जगह उपले या विद्युत शव गृह में अंतिम संस्कार कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है।