पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो कुछ ही देर में अवैध खनन से जुडे लोग भी वहां पहुंच गए और ट्रालियां को छोडऩे की जिद करने लगे. यह ड्रामा घंटो तक चलता रहा !
रादौर, डिजिटल डेक्स।। अवैध खनन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है इसका एक बार फिर उस समय प्रमाण देखने को मिला जब एक खनन एजेंसी इंचार्ज ने पोबारी घाट पर चल रहे अवैध खनन की सूचना जठलाना पुलिस को दी।
खनन एजेंसी इंचार्ज सचिन कुमार का कहना है कि उसने जैसे ही सूचना पुलिस को दी उसके कुछ देर बाद ही अवैध खनन कर रहे लोग अपनी ट्रैक्टर ट्रालियों को लेकर वहां से भागने लगे। लेकिन ट्रालियां रेत में धंस गई। जिससे माफिया ट्रालियां छोड़कर मौके से फरार हो गए।
उनके फरार होने के बाद पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो कुछ ही देर में अवैध खनन से जुडे लोग भी वहां पहुंच गए और ट्रालियां को छोडऩे की जिद करने लगे। यह ड्रामा घंटो तक चलता रहा। लेकिन मामले की क्षेत्र में चर्चा होने के कारण पुलिस ने इन वाहनों को अपने साथ थाने ले जाने में ही भलाई समझी। जिसके बाद वह खनन एजेंसी के वाहनों की मदद से इन ट्रालियों को थाने ले गए। इस पूरे मामले में प्रशासन की कार्रप्रणाली पर एक बार फिर से संदेह के बादल छाए है।
इस मामले को लेकर जब थाना प्रभारी संदीप कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने काल रिसीव नहीं की। उधर क्षेत्रवासी गौरव, गुरनाम, मेजर सिंह, सोनू, बलजीत का कहना है कि क्षेत्र में खनन घाट बी 12 व पोबारी घाट खनन माफिया की पहली पसंद बना हुआ है। जहां दिन रात अवैध खनन का कार्य जारी है।
लेकिन अभी तक न तो स्थानीय पुलिस और न ही खनन विभाग इस पर कोई सख्त कार्रवाई कर पाया है। अवैध खनन माफिया जहां सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहा है वहीं प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवालियां निशान उठा रहा है। क्षेत्र के लोग अवैध खनन को रोकने की मांग कर रहे है।
क्योंकि इससे यमुनानदी के किनारे भी खस्ताहाल हो रहे है। जिससे आने वाले समय में साथ लगते किसानों को इसका नुकसान उठाना होगा। ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त व जिला पुलिस अधीक्षक से इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेने की मांग की है।
खनन एजेंसी इंचार्ज सचिन कुमार का कहना है कि उसने जैसे ही सूचना पुलिस को दी उसके कुछ देर बाद ही अवैध खनन कर रहे लोग अपनी ट्रैक्टर ट्रालियों को लेकर वहां से भागने लगे। लेकिन ट्रालियां रेत में धंस गई। जिससे माफिया ट्रालियां छोड़कर मौके से फरार हो गए।
उनके फरार होने के बाद पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो कुछ ही देर में अवैध खनन से जुडे लोग भी वहां पहुंच गए और ट्रालियां को छोडऩे की जिद करने लगे। यह ड्रामा घंटो तक चलता रहा। लेकिन मामले की क्षेत्र में चर्चा होने के कारण पुलिस ने इन वाहनों को अपने साथ थाने ले जाने में ही भलाई समझी। जिसके बाद वह खनन एजेंसी के वाहनों की मदद से इन ट्रालियों को थाने ले गए। इस पूरे मामले में प्रशासन की कार्रप्रणाली पर एक बार फिर से संदेह के बादल छाए है।
इस मामले को लेकर जब थाना प्रभारी संदीप कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने काल रिसीव नहीं की। उधर क्षेत्रवासी गौरव, गुरनाम, मेजर सिंह, सोनू, बलजीत का कहना है कि क्षेत्र में खनन घाट बी 12 व पोबारी घाट खनन माफिया की पहली पसंद बना हुआ है। जहां दिन रात अवैध खनन का कार्य जारी है।
लेकिन अभी तक न तो स्थानीय पुलिस और न ही खनन विभाग इस पर कोई सख्त कार्रवाई कर पाया है। अवैध खनन माफिया जहां सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहा है वहीं प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवालियां निशान उठा रहा है। क्षेत्र के लोग अवैध खनन को रोकने की मांग कर रहे है।
क्योंकि इससे यमुनानदी के किनारे भी खस्ताहाल हो रहे है। जिससे आने वाले समय में साथ लगते किसानों को इसका नुकसान उठाना होगा। ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त व जिला पुलिस अधीक्षक से इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेने की मांग की है।