"We are hopeful that this issue will soon be resolved. Construction of SYL is not in our hands," he added. He further shared that three dams, Renuka, Lakwar and Kishau dam are being built so as to ensure regulation of water. With the construction of these dams, the water needs of the state would certainly be addressed. "Plans are also being made to explore the utilisation of small sources of water. Dams will be constructed and plans will be formulated to ensure how this water can be utilised for local use. Work is being done on 9 dams, the work on Adi badri dam is completed," shared Manohar Lal.
SYL is a pivotal issue for Haryana and Punjab
मनोहर लाल ने कहा कि फिलहाल दिल्ली को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हरियाणा सरकार 250 क्यूसेक पानी दे रही है। आने वाले समय में दिल्ली के साथ साथ हरियाणा के अपने जिलों की भी पानी की आवश्यकता निश्चित रूप से बढ़ने वाली है, इसलिए जल संरक्षण वर्तमान समय की जरूरत बन गया है।
उन्होंने कहा कि पानी के नियमन को सुनिश्चित करने के लिए तीन बांध रेणुका, लखवाड़ और किशाऊ बांध बनाए जा रहे हैं। इन बांधों के बनने से निश्चित तौर पर राज्य की पानी की जरूरतें पूरी होंगी।
उन्होंने कहा कि पानी के छोटे स्रोतों के उपयोग का पता लगाने के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। स्थानीय उपयोग के लिए इस पानी का उपयोग कैसे किया जा सकता है, यह सुनिश्चित करने के लिए बांध बनाए जाएंगे और योजनाएं तैयार की जाएंगी। आदिबद्री सहित 9 बांधों पर काम किया जा रहा है।
जल संसाधन एक्शन प्लान जल संरक्षण की दिशा में साबित होगा मील का पत्थर... इस अवसर पर हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने जल संसाधन एक्शन प्लान को लॉन्च करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जल संसाधन एक्शन प्लान जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में गिरता भूजल स्तर राज्य के लिए एक चुनौती है। राज्य में पानी की मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में जल संरक्षण के लिए यह योजना अपने आप में पहला प्रयास है। सभी विभागों ने मिल कर दो साल का जल संरक्षण का लक्ष्य 𝟒𝟗.𝟕 प्रतिशत प्रस्तावित किया है।
मनोहर लाल ने कहा कि फिलहाल दिल्ली को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हरियाणा सरकार 250 क्यूसेक पानी दे रही है। आने वाले समय में दिल्ली के साथ साथ हरियाणा के अपने जिलों की भी पानी की आवश्यकता निश्चित रूप से बढ़ने वाली है, इसलिए जल संरक्षण वर्तमान समय की जरूरत बन गया है।
उन्होंने कहा कि पानी के नियमन को सुनिश्चित करने के लिए तीन बांध रेणुका, लखवाड़ और किशाऊ बांध बनाए जा रहे हैं। इन बांधों के बनने से निश्चित तौर पर राज्य की पानी की जरूरतें पूरी होंगी।
उन्होंने कहा कि पानी के छोटे स्रोतों के उपयोग का पता लगाने के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। स्थानीय उपयोग के लिए इस पानी का उपयोग कैसे किया जा सकता है, यह सुनिश्चित करने के लिए बांध बनाए जाएंगे और योजनाएं तैयार की जाएंगी। आदिबद्री सहित 9 बांधों पर काम किया जा रहा है।
जल संसाधन एक्शन प्लान जल संरक्षण की दिशा में साबित होगा मील का पत्थर... इस अवसर पर हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने जल संसाधन एक्शन प्लान को लॉन्च करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जल संसाधन एक्शन प्लान जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में गिरता भूजल स्तर राज्य के लिए एक चुनौती है। राज्य में पानी की मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में जल संरक्षण के लिए यह योजना अपने आप में पहला प्रयास है। सभी विभागों ने मिल कर दो साल का जल संरक्षण का लक्ष्य 𝟒𝟗.𝟕 प्रतिशत प्रस्तावित किया है।
कृषि विभाग ने जल संरक्षण में 𝟐𝟖.𝟖𝟎 प्रतिशत, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने जल संरक्षण का 𝟏𝟑 प्रतिशत, पंचायत विभाग ने 𝟑 प्रतिशत और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने 𝟑 प्रतिशत लक्ष्य रखा है।
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