सब्जी की फसल तो पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है जबकि धान व गन्ने की फसलें भी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है !
रादौर, डिजिटल डेक्स।। हथनीकुंड बैराज से मंगलवार की सुबह यमुनानदी का बहाव 3 लाख 59 हजार क्यूसिक दर्ज किया गया। जिसके बाद यह पानी विभिन्न क्षेत्रों से होता हुआ जठलाना गुमथला क्षेत्र में पहुंचा।
जहां नगली व गुमथला घाट के समीप एक एक बार फिर से यूपी की साइड में पानी खेतों में निकल गया और फसलें एक बार फिर से जलमग्र हुई थी। हालांकि सोमवार को यमुनानदी का बहाव 3 लाख 9 हजार क्यूसिक रहने के बाद सुबह के समय यमुनानदी का जलस्तर काफी कम हो गया था।
लेकिन दोपहर के बाद एक बार फिर से जलस्तर का बढऩा शुरू हो गया। लगातार बह रहे पानी से किसानों की चिंताए बढ़ गई है। किसानों को डर सता रहा है कि अगर इससे अधिक पानी यमुनानदी में आता है तो वह भारी तबाही मचा सकता है।
पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह, विनोद, हरनाम सिंह व सोनू ने बताया कि एक दिन पहले जहां यमुनानदी में करीब 3 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी बह रहा था। जिससे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था लेकिन एक बार फिर से दूसरे दिन भी 3 लाख 59 हजार क्यूसिक पानी बहने लगा।
पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह, विनोद, हरनाम सिंह व सोनू ने बताया कि एक दिन पहले जहां यमुनानदी में करीब 3 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी बह रहा था। जिससे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था लेकिन एक बार फिर से दूसरे दिन भी 3 लाख 59 हजार क्यूसिक पानी बहने लगा।
यह पानी भी जब गुमथला क्षेत्र में पहुंचा तो एक बार फिर से पानी खेतों में निकल गया। जिससे किसानों की चिंताए फिर से बढ़ गई है। हर तरफ यमुनानदी का पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
सब्जी की फसल तो पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है जबकि धान व गन्ने की फसलें भी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि 2019 के बाद तीन साल बाद यमुनानदी अपने इस रौद्र रूप में आई है।
जिससे भारी नुकसान होने का अनुमान है। इतना ही नहीं इस बार किनारों पर कटाव भी अधिक होने की संभावना है क्योंकि कई जगहों पर अवैध खनन माफिया ने किनारों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। जिससे कटाव अधिक होने की संभावना है। इसी चिंता में किसान सहमें हुए है।
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