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𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐃𝐞𝐬𝐤 : गौ हत्या के लिए कड़ा कानून : 𝟏𝟎 वर्ष तक कारावास व 1 लाख रुपये तक जुर्माने , तस्करी करने वाले व्यक्ति को 𝟕 वर्ष तक कैद 𝟕𝟎 हजार रुपये तक जुर्माना

गौ-हत्या के अपराधियों को सजा दिलाने के लिए फरीदाबाद व यमुनानगर में गौमास टेस्टिंग लैब स्थापित की गई हैं !



By, Ran Singh Chauhan

हरियाणा, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमारे प्रदेश में गाय छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका का एक मुख्य साधन रही है। गायों की सुरक्षा के लिए  राज्य सरकार ने कड़े कानून बनाये हैं। 

हमारी सरकार ने ’’हरियाणा गौ वंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम-𝟐𝟎𝟏𝟓’’ के अंतर्गत गौ हत्या करने वाले व्यक्ति को 𝟏𝟎 वर्ष तक कारावास व एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया है। 

गौ तस्करी करने वाले व्यक्ति को 𝟕 वर्ष तक कैद और उपयोग किये जाने वाले वाहन को जब्त करने के अतिरिक्त 𝟕𝟎 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 


जुर्माना राशि अदा न करने पर एक साल तक की अतिरिक्त कैद का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा गौ-हत्या व गौ-तस्करी को रोकने के लिए राज्यस्तरीय विशेष गौ संरक्षण कार्यबल का गठन किया गया है।

 गौ-हत्या के अपराधियों को सजा दिलाने के लिए फरीदाबाद व यमुनानगर में गौमास टेस्टिंग लैब स्थापित की गई हैं।

*गौरक्षा के लिए गौभक्तों को जन जागरण अभियान चलाना होगा*

कहा कि कानूनी प्रावधान करने के अलावा जनमानस को गौ माता के साथ पहले की तरह जोड़ना भी जरूरी है। इसके लिए आप सभी गौ भक्तों को जन जागरण अभियान चलाना होगा। 

इस काम में स्वयं सेवी संगठन भी कारगर भूमिका निभा सकते है। आप उनका सहयोग भी अवश्य लें। उन्होंने कहा कि गौ माता की सुरक्षा के लिए वर्तमान सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। 

राज्य में गौशालाओं की संख्या जो वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒 में 𝟐𝟏𝟓 होती थी, अब बढ़कर 𝟔𝟕𝟓 हो गई है। इन गौशालाओं में चारे के प्रबंध के लिए हमारी सरकार ने पिछले लगभग 𝟏𝟎 सालों में 𝟐𝟑𝟖 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। 

इसके अलावा, गौशालाओं में 𝟑𝟖𝟖 शैड बनाने के लिए 𝟑𝟎 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि गौ माता को आश्रय देने के लिए गौशालाओं के अलावा गौ अभ्यारण्यों की स्थापना भी की गई है। 

गांव नैन जिला पानीपत में 𝟓𝟎 एकड में 𝟑𝟎𝟎𝟎 गौवंश क्षमता का एक गौ-अभ्यारण्य बनाया गया है। गांव ढंढुर जिला हिसार में भी 𝟑,𝟎𝟎𝟎 गोवंश क्षमता का एक गौ-अभ्यारण्य बनाया गया है।

*देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन किया लागू*

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ माता को पहले जैसा सम्मान दिलाने के लिए हमें देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कारगर कदम उठाने होंगे। 

इस दिशा में कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन लागू किया है। 

देशी नस्ल की गाय, जैसे कि हरयाणा, साहीवाल, बेलाही, थारपारकर, गिर आदि की 𝟐𝟎 पशुओं की डेरी स्थापित करने पर लाभार्थियों को गाय की खरीद हेतु लिये गये बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि देशी गायों की मिनी डेरी योजना के तहत गाय की देशी नस्लों के संरक्षण एवं विकास तथा राज्य में गौ संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए देशी नस्ल की 𝟑 व 𝟓 गायों की डेरी इकाई लगाने वाले पशुपालकों को गायों के खरीद मूल्य पर 𝟓𝟎 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। 

इस योजना में 𝟕 हजार 𝟓𝟑𝟑 लाभार्थियों को 𝟖𝟐 करोड़ 𝟖𝟓 लाख 𝟔𝟕 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।

*प्रदेश में चार गौवंश संवर्धन एवं अनुसधान केन्द्रों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में*

नायब सिंह सैनी ने बताया कि देशी गायों की नस्ल सुधार हेतु राज्य में 𝟑𝟕 करोड़ रुपये की लागत से चार गौवंश संवर्धन एवं अनुसधान केन्द्रों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है। 

ये केन्द्र जिला कैथल के क्योड़क, झज्जर के लकड़िया, करनाल के उचानी और महेन्द्रगढ़ में स्थापित किए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि पंचगव्य आधारित उत्पादों पर अनुसंधान और विकास के लिए हरियाणा गौवंश अनुसंधान केंद्र सुखदर्शनपुर (पंचकूला) की स्थापना की गई है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में बेसहारा गौवंश पशु चिकित्सालय बनाने की योजना है ताकि बेसहारा गौवंश का इलाज व रखरखाव किया जा सके।

उन्होंने उपस्थित सभी गौसेवकों से आह्वान किया कि सब एकजुट होकर बेसहारा गौवंश को गौशालाओं में लाने का काम करें और प्रदेश को बेसहारा गौवंश मुक्त प्रदेश बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि सरकार आपकी मदद के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़गी।

महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि भारतीय नस्ल की गायों के पंचगव्य को विश्व के अन्य देशों ने भी माना है। कोविड के समय में इन्हीं गायों के पंचगव्य को वैज्ञानिक और व्यवाहारिक तौर पर धरातल पर देखने को मिला।

गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 𝟔𝟕𝟓 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिसमें 𝟒.𝟓𝟎 लाख गौवंश है !

*गाय को माता का दर्जा दिया गया है*

गौसेवकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सब गौसेवा के माध्यम से भारत की संस्कृति को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश और समाज में गाय आदिकाल से ही पूजनीय रही है। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, गाय में सभी देवी-देवता निवास करते हैं। गाय को आध्यात्मिक और दिव्य गुणों की स्वामिनी भी कहा गया है। 

समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक कामधेनु गाय थी। उन्होंने कहा कि गौ सेवा, गौ पालन और गौ रक्षा का किसी न किसी रूप में हमारे धर्म-ग्रन्थों में उल्लेख मिलता है। 

वेदों में गाय की महिमा का व्यापक रूप से वर्णन मिलता है। हमारे यहां गाय को माता का दर्जा दिया गया है।

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