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कुरुक्षेत्र - जैविक देशी घी तैयार करने के लिए पशुओं को शहद-अजवायन जैसी जड़ी-बूटियों की देंगे डाईट

चंदन की लकड़ी के बिलौने से तैयार करेंगे देशी घी


कुरुक्षेत्र
: लोगों की सेहत को जहन में रखते हुए जैविक व शुद्घ देशी घी उपलब्ध करवाने के लिए पशुओं को जैविक शहद, अजवायन, स्ट्राबेरी का पाउडर और अन्य जड़ी-बूटियों की डाईट दी जाएगी। इस डाइट को लेने के बाद पशु अच्छी गुणवता का दुध दे सके और इस दुध से देशी घी तैयार किया जा सके। इतना ही नहीं इस देशी घी को बनाने के लिए चंदन की लकड़ी से बने बिलौने का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रोजैक्ट को समाज हित के लिए शाहबाद के डंगाली गांव के प्रगतिशील किसान करण सीकरी ने अमलीजामा पहनाने का काम किया है।

प्रगतिशील किसान करण सीकरी ने विशेष बातचीत करते हुए कहा कि लोगों को जैविक व शुद्घ देशी घी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध करवाने का एक लक्ष्य जहन में था। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लम्बे समय से प्रयास किए जा रहे थे। अब इन प्रयासों को धरातल पर लाने का काम किया गया है। उनकी सोच है कि लोगों की सेहत अच्छी रहे, देशी घी का प्रयोग करने से शरीर को किसी प्रकार का नुकसान ना हो अपितू देशी घी सेहत के लिए अच्छा साबित हो। इन तमाम पहलुओं को जहन में रखते हुए सबसे पहले विषय विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया और पशु पालकों से भी लम्बी चर्चा की गई। इन लोगों से चर्चा करने के बाद पशुओं के लिए चारे के साथ-साथ एक विशेष डाईट चार्ट भी तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा कि पशुओं को फार्म हाउस पर ही तैयार किए गए जैविक शहद, अजवायन, स्ट्राबेरी का पाउडर और अनेकों जड़ी-बूटियां डाईट-चार्ट के अनुसार दी जाएंगी। विशेषज्ञों के अनुसार पशु अगर अच्छा खाएगा तो अच्छी गुणवता का दुध भी देगा। दुध में तमाम आवश्यक तत्व भी मिल पाएंगे। इस समय उनके पास देशी गाय और भैंसों सहित कुल 50 पशु है। इन पशुओं को डाईट के अनुसार चारा और जड़ी-बूटियां दी जा रही है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे है। उन्होंने कहा कि एक महीने में 100 किलो देशी घी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि पशुओं को चारा भी फार्म हाउस उपलब्ध करवाया जाएगा और इस फार्म हाउस में चारे के लिए देशी खाद का ही प्रयोग किया जाता है ताकि चारे से लेकर पशुओं की डाईट भी फार्म हाउस की तैयार की हो। इस पर विशेष फोकस रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस देशी घी की डिमांड अभी से आनी शुरु हो गई है और एक किलो देशी घी का दाम 800 रुपए रखा गया है।

 -चंदन की लकड़ी से बने बिलौने का होगा प्रयोग

प्रगतिशील किसान करण सीकरी का कहना है कि देशी घी को तैयार करने के लिए दही को मथने और मक्खन तैयार करने के लिए परम्परागत बिलौने की तर्ज पर मशीन तैयार की गई है, इस मशीन में चंदन की लकड़ी का प्रयोग किया जाएगा। इतना ही नहीं पशुओं का दुध निकालने के लिए भी आटोमैटिक मशीन का प्रयोग किया जाएगा ताकि शुद्घता और गुणवता बनी रहे।

 

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