तीन कृषि कानूनो व नये बिजली बिल को रद्द करने की मांग
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन बिलो को वापिस नहीं लिया गया तो यह कृषि आंदोलन एक जन आंदोलन में तबदील हो जाएगा। जिसकी जिमेंवारी सरकार की होगी। उपवास कार्यक्रम में उपस्थित किसानो व सेवानिवृत कर्मचारियो से आह्वान किया गया कि 25 से 27 दिसंबर को टोल फ्री करने का निर्णय संयुक्त संगठनो द्वारा लिया गया है। इसलिए सभी इस टोल फ्री करने के कार्य में अधिक से अधिक संख्या में भाग ले।
इस अवसर पर लालचंद कांबोज व सुभाष चन्द्र ने कहा कि सरकार द्वारा लागू किए गए 3 कृषि विधेयक पूरी तरह से किसानो के विरोध में है। इनका न केवल किसानो को नुकसान उठाना होगा बल्कि आम जनता पर भी इनका विपरीत असर होगा। इसलिए सरकार को इन काले कानूनो को वापिस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनो के अलावा सरकार बिजली बिल कानून व अन्य जनविरोधी नीतियो में भी सुधार करे। नहीं तो यह आंदोलन किसान आंदोलन से आगे बढक़र एक जन आंदोलन का रूप ले लेगा और पूरे देश में इस आंदोलन की लौ फैलेगी। जिसका परिणाम सरकार को भुगतना होगा।
मौके पर लक्ष्मण दास, रोशनलाल, केसर सिंह, सुरेन्द्र चौहान, रामेश्वर, प्यारेलाल, सतपाल मलिक, रामचन्द्र सैनी, ज्ञानचंद सैनी, नरेन्द्र कुमार, बलवंत सिंह, साोमनाथ, ईश्वरचंद, नरसिंह, जयसिंह, बलबीर, बृजमोहन, बलबीर सिंह, राजपाल, रामचन्द्र बकाना, बलजीत सिंह इत्यादि
मौजूद थे।