दिल्ली उपद्रव पर सासंद सैनी ने दी प्रतिक्रिया, कहा-किसानो के नाम पर मचाया जा रहा है उपद्रव, नहीं बख्शे जाएगें दोषी
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Life Haryana। रादौर : किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली में हुए बवाल पर
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कुरूक्षेत्र सासंद नायब सैनी ने कहा कि दिल्ली में
गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई घटना लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली है। इस प्रकार का
तांडव रचने वाले लोग किसान नहीं थे बल्कि किसानो के नाम का प्रयोग करने वाले
उपद्रवी थे। जिन्हें सरकार व हमारे देश का कानून किसी भी कीमत पर नहीं बख्सने वाला
नहीं है। दिल्ली में हुए इस तांडव की जितनी भी निंदा की जाए कम है। सासंद नायब
सैनी रादौर में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारो से बातचीत कर
रहे थे।
इस अवसर पर नायब सैनी ने कहा कि हमारे देश का किसान भोला भाला व
मेहनती है और अपनी मेहनत से देश का पेट भरने का कार्य किसान कर रहा है। लेकिन देश
व किसान विरोधी ताकते उनका भला होते नहीं देखना चाहिए। जिसमें विपक्ष भी अपनी भूमिका
निभा रहा है। दिल्ली में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर टै्रक्टर चढ़ाने का
प्रयास करने वाले, लाठिया व पत्थर बरसाने वाले लोगो को किसान नहीं
कहा जा सकता। उन लोगो ने तो देश के लोकतंत्र को शर्मसार करने का कार्य किया है।
ऐसे लोगो की सरकार व पुलिस प्रशासन ने पहचान करने का अभियान चला दिया है। जिनके
खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसान नेताओ ने दिल्ली पुलिस के साथ बैठकर पहले
बातचीत की थी और कुछ शर्ते ट्रैक्टर परेड़ के लिए रखी गई थी लेकिन जिन नेताओ ने यह
भरोसा दिलाया था कि वह शांतिपूर्ण ढंग से इस कार्य को पूरा करेगें वह नेता बात
बिगडऩे पर मौके से गायब हो गए। जिसके लिए अब दोषी लोगो को नहीं बख्शा जाएगा और
उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कृषि अध्यादेशो पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि
यह काले कानून नहीं बल्कि किसानो के हित में लिया गया एक क्रांतिकारी कदम है।
जिसके लिए किसान वर्षो से संघर्ष कर रहे थे। लेकिन विपक्षी दल व कुछ राजनीतिक
रोटियां सेंकने वाले नेता ऐसा होने देना नहीं चाहते। जबकि कुछ किसान संगठन इसका
समर्थन भी कर रहे है और सरकार उनसे बातचीत भी कर रही है। इस बातचीत भी में भी वही
लोग अपनी हठधर्मिता का अंडगा अडा रहे है जो किसानो का भला नहीं चाहते।
मौके पर पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज, पूर्व विधायक ईश्वर
पलाका, मंडल महामंत्री धनपत सैनी, विनोद सिंगला, सचिन कांजनू, रामलाल पोटली, डा. बिमल गर्ग, विक्रम वाल्मिकी, विकास बरसान इत्यादि
मौजूद थे।