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रादौर - शिक्षा विभाग 10वीं व 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं ओएमआर पैटर्न से परीक्षा लेने की तैयारी में

छात्र व शिक्षक दोनो इसके पक्ष में नहीं है

BY: Ravinder Saini


City Life Haryanaरादौर :  शिक्षा विभाग 10वीं व 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं ओएमआर पैटर्न से परीक्षा लेने की तैयारी कर रहा है। हालांकि छात्र व शिक्षक दोनो इसके पक्ष में नहीं है। जिसको लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ भी इसका विरोध जता चुकी है। अध्यापक संघ का कहना है कि अगर विभाग इस पैटर्न से परीक्षा लेना चाहता है तो उसे नियम भी उसी आधार पर निश्चित करने होगें। उनका तर्क है कि फिलहाल छात्रो को इसका ज्ञान नहीं है। जिससे उन्हें दिक्कत होगी। ओएमआर पैटर्न के लिए जितना समय देने की योजना बनाई गई है वह पर्याप्त नहीं है। इसके लिए पूरा समय छात्रो को दिया जाना चाहिए।

-इस योजना पर हो रहा है कार्य
कोरोना संकट के कारण 30 प्रतिशत सिलेब्स कम कर दिया गया है। वार्षिक परीक्षा 80 अंको की होनी है। जबकि 20 अंक मूल्याकंन परीक्षाओ के आधार पर निर्धारित होगें। 80 अंको की जो परीक्षा होनी है उसमें से 50 प्रतिशत यानि 40 अंको की परीक्षा ओएमआर सीट के माध्यम से लिए जाने की योजना है। जिसके लिए मात्र 45 मिनट का समय छात्रो को मिलेगा। वह भी शुरूआत में। 45 मिनट के बाद छात्रो से यह सीट वापिस ले ली जाएगी। फिर एक घंटा 45 मिनट छात्रो को लिखित परीक्षा के लिए दिए जाएगें। वह भी 40 अंको की है।

-यह है समस्या
छात्रो को ओएमआर परीक्षा का अभ्यास नहीं है और नही पैटर्न के बारे पूरी जानकारी है। शुरूआत का काफी समय तो पैटर्न को समझने में ही निकल जाएगा। फिर जो समय बचेगा उसमें 40 प्रश्रो को हल करना संभव नहीं होगा। विभाग ओएमआर पैटर्न के लिए शुरूआत के 45 मिनट ही निर्धारित करना चाहता है वह भी सही नहीं है। परीक्षा अप्रैल में होनी है। अब इतना समय भी अध्यापको के पास नहीं है कि वह ओएमआर पैटर्न की तैयारी करवा सके।

-जगपाल सिंह, जिला सचिव हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ  

ओएमआर के लिए 45 मिनट का समय शिक्षा विभाग निर्धारित करना चाहता है। लेकिन अध्यापक संघ का मत है कि यह समय पाबंदी नहीं होनी चाहिए। छात्रो को परीक्षा के लिए पूरे 3 घंटे मिलने चाहिए और ओएमआर सीट भी पूरे तीन घंटे छात्रो के पास ही रहनी चाहिए। बीच में सीट लेना सही नहीं है। इससे छात्र डिस्टर्ब होगें। इसके अलावा ओएमआर सीट के बजाए अगर वैकल्पिक पैटर्न अपनाया जाए तो यह ज्यादा उचित होगा। ओएमआर में गोला बनाने में अधिक समय लगता है लेकिन अगर प्रश्र वैकल्पिक पैटर्न से हल करने होगें तो वह केवल निशान लगा सकता है, जिससे सुविधा होगी।

-शिवकुमार धीमान, उप जिला शिक्षा अधिकारी
ओएमआर पैटर्न को लेकर अभी फाईनल निर्णय नहीं हुआ है। योजना चल रही है लेकिन परीक्षा कैसे होगी यह तय नहीं है। पेपर ऑनलाईन होगे या फिर ऑफलाईन यह भी क्लीयर नहीं है। परीक्षा अप्रैल माह में होनी है। विभाग का जो भी निर्णय होगा उसी अनुसार परीक्षा ली जाएगी।
 

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