रेपिड रेल से यात्रा करने का सपना होगा पूरा
प्रोजेक्ट को लेकर एनसीआरटीसी के मुख्य परियोजना प्रबंधक के साथ मीटिंग
क्या है आरआरटीएस- बता दें कि आरआरटीएस, रेल आधारित सुरक्षा यात्री सेवा है, जो क्षेत्रीय नोड्ïस को जोड़ती हैं। यह सड़क पर भीड़ को कम करने में मदद के साथ-साथ ऊर्जा की कम खपत और प्रदूषण रहित है।
मीटिंग में विकास जैन ने बताया कि हाई स्पीड रेल का प्रोजेक्ट पहले दिल्ली से पानीपत तक था, अब इसका करनाल तक विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए डीपीआर बनेगी, दिल्ली-पानीपत की डीपीआर बन चुकी है, जो हरियाणा सरकार ने अनुमोदित हो गई है। अब पानीपत से करनाल की डीपीआर बनाई जाएगी। पहले इसे हरियाणा सरकार अनुमोदित करेगी, फिर इसके बाद भारत सरकार से अप्रूवल होगी। पानीपत से करनाल तक आरआरटीएस के प्रोजेक्ट पर करीब 6 करोड़ रूपये की लागत आएगी।
उन्होंने बताया कि डीपीआर से पहले टोपोग्राफी यानि स्थल की नक्शासाजी, ड्रॉन सर्वे और लैंड टैस्टिंग की जाएगी। कार्य शुरू होने पर ऐलीवेटिड पुल, डिपो और स्टेशन बनेंगे। पानीपत से दिल्ली तक करीब 17 स्टेशन और पानीपत से करनाल के लिए घरौंडा और करनाल के स्टेशन बनेंगे। रेपिड ट्रेन से दिल्ली से करनाल का सफर करीब एक घण्टे में पूरा होगा, इसकी डिजाईन स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गई है, लेकिन यह 160 किलोमीटर प्रतिघंटा चलेगी। ट्रेन में हवाई जहाज की सीटों जैसी आरामदायक करीब 250 सीटें होंगी। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट को कम्पलीट करने के लिए सारा कार्य बड़ी तेजी से किया जा रहा है। प्रोजेक्ट की फिजीबल स्टडी और डीपीआर फाईनल होने के बाद आगामी अप्रैल-मई में हरियाणा के मुख्यमंत्री को प्रेजेंटेशन दिखाई जाएगी। प्रशासन के साथ अगली मीटिंग सम्भवत: ड्रोन सर्वे के बाद हो सकती है।
मीटिंग में उपायुक्त ने भरोसा दिलाया कि प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए जिला प्रशासन हर सम्भव सहयोग देगा, किसी प्रकार की अड़चन नहीं आने दी जाएगी। मीटिंग में प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियर युसुफ मोहम्मद मंसूरी, एके सिंह, विक्रांत तथा रोहित कुमार (एनजीओ) भी मौजूद थे।