बजट में सिंचाई व कृषि पर विशेष फोकस
बजट को किसानों को समर्पित किया
सरस्वती हेरिटेज बोर्ड का गठन किया गया
इसका बजट मात्र 1.15 करोड़ रुपये का
मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो प्रदेश के वित्त मंत्री भी हैं, विधानसभा में 12 मार्च को रखे गए बजट अनुमानों पर चर्चा के बाद आज सदन में अपना उत्तर दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के पिछले बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 5052 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए थे जो वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों में 6111 करोड़ रुपये रखे गए हैं जो 20.9 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य कृषि क्षेत्र में बजट को घटाने की बात कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि इसमें वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार सिंचाई के लिए पिछले वर्ष के संशोधन अनुमान 2892 करोड़ रुपये के थे। इस वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों में इसे बढ़ाकर 5081 करोड़ रुपये किया गया है, जिसमें 75 प्रतिशत की वृद्धि है। मनोहर लाल ने सदन को इस बात की भी जानकारी दी कि सिंचाई का पैसा पश्चिमी यमुना नहर के हथनीकुंड बैराज से भालौठ ब्रांच तक जीर्णोद्धार पर खर्च किया जाएगा। इसी प्रकार, सूक्ष्म सिंचाई की बड़ी परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी और इसके लिए अभिरूचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की गई हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि बजट में आंकड़ों का विशेष महत्व होता है। कृषि व सिंचाई आखिरकार किसानों व किसानी के लिए ही हैं। इसलिए वे अपने बजट को किसानों को समर्पित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की विधायिका श्रीमती किरण चौधरी द्वारा चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के हिंदी व अंग्रेजी के कॉपी में आंकड़ों में अंतर बताने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि बजट के पैरा 56 में यह कहा गया है कि 9,14,273 किसानों को बीमा के लिए कवर किया गया है जबकि अंग्रेजी में यह 9.14 लाख है जो एक ही बात है। उन्होंने कहा कि क्या श्रीमती किरण चौधरी दशमलव के फार्मूले को नहीं जानती हैं। अगर ये संख्या हिंदी में 9,14,773 होती तो अंग्रेजी में इसे 9.15 लाख लिखा जाता है जोकि स्वाभाविक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार, श्रीमती चौधरी ने बिजली सब्सिडी में 440 करोड़ रुपये की सब्सिडी कम करने का आरोप लगाया है । बिजली सब्सिडी कम होना इस बात का परिचायक है कि सरकार ने बिजली चोरी को रोका है और बिजली कम्पनियों के कार्य प्रदर्शन में सुधार हुआ है और अब बिजली कम्पनियां लाभ में हैं, जिसके परिणामस्वरूप बिजली कम्पनियों ने सरकार को 115 करोड़ रुपये का लाभांश का चैक प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, श्रीमती किरण चौधरी ने सरस्वती नदी के नाम पर करोड़ों रुपये खराब करने का आरोप लगाया है, जबकि सरस्वती हमारी संस्कृति की प्रतीक है और यह सौभाग्य की बात है कि इसका उदगम स्थम यमुनानगर के नजदीक आदीबद्री है, जिसे राज्य सरकार द्वारा विकसित किया जा रहा है और इस संदर्भ में सरस्वती हेरिटेज बोर्ड का गठन किया गया है और इसका बजट मात्र 1.15 करोड़ रुपये का है ।
मनोहर लाल सदन को यह भी आश्वासन दिया कि कोविड-19 के बावजूद हम राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं वित्त प्रबंधन के मानदंडों को बनाए रखने में सफल रहे हैं और अपने पड़ोसी राज्य पंजाब, राजस्थान से कहीं बेहतर स्थिति में है।