नगर निकायों द्वारा दुकानों व मकानों की बिक्री नीति लागू होने से संपत्तियों के विवादों का होगा निपटारा, हजारों शहरवासियों को मिलेगा लाभ
नीति को स्वीकृति देने पर नगर निगम मेयर मदन चौहान ने मुख्यमंत्री का जताया आभार
REPORT BY : RAHUL \ RANSINGH
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : नगर निगम मेयर मदन चौहान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मंत्रीमंडल में नगर निकायों द्वारा दुकानों, मकानों की बिक्री नीति को स्वीकृति देने पर आभार जताया है। साथ ही मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है। इस नीति के तहत शहरों में 20 साल पुराने दुकान व मकान कब्जाधारकों को संपत्तियों पर मालिकाना हक मिलेगा। सरकार के इस फैसले से नगर निगम में मौजूद इस तरह की संपत्तियों के विवादों का निपटारा होगा।
बता दें कि नगर निगम मेयर मदन चौहान ने कुछ दिनों पहले इस नीति को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत की थी और इस नीति को स्वीकृति देने की मांग रखी थी। जिसके बाद वीरवार को मंत्रीमंडल में इस नीति को स्वीकृति दी गई। नगर निगम महापौर मदन चौहान ने स्पष्ट किया कि नगर निकायों द्वारा दुकानों, मकानों की बिक्री नीति के तहत जिस किरायेदार को किसी दुकान या मकान पर 20 साल से कब्जा है। वह उसे खरीदकर उसका मालिक बन सकता है। मालिकाना हक न लेने वाले कब्जाधारकों को सरकार की संशोधित नीति अनुसार बढ़ा हुआ किराया देना होगा। अभी इन संपत्तियों का स्वामित्व नगर निगम की बजाय अन्य संस्थाओं, व्यक्तियों के पास 20 वर्ष या इससे अधिक समय से है। इस नीति से शहर के हजारों लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल नगर निगम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि छोटे दुकानदारों और अन्य पट्टेदारों को संपत्तियों के स्वामित्व का अधिकार भी देगी।
ऐसे मिलेगा मालिकाना हक
मेयर मदन चौहान एकल कब्जाधारक को मंजिलों की संख्या अधिक होने के बावजूद कलेक्टर रेट अनुसार कीमत चुकानी होगी। जहां दो मंजिल हैं और प्रत्येक मंजिल को अलग-अलग कब्जाधारक को स्थानांतरित किया जाना है। वहां भूतल के कब्जाधारक के लिए कीमत आधार दर का 60 प्रतिशत और प्रथम तल के कब्जाधारक के लिए आधार दर का 40 प्रतिशत चार्ज होगी। जहां तीन मंजिल हैं और इसे एक से अधिक कब्जेदारों को हस्तांतरित किया जाना है, तो वहां भूतल के कब्जाधारक के लिए कीमत आधार दर का 50 प्रतिशत, प्रथम तल के कब्जाधारक के लिए 30 प्रतिशत और द्वितीय तल के कब्जाधारक के लिए आधार दर का 20 प्रतिशत होगी।