नुक्कड़ नाटिका के जरिए किया सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति जागरूक
REPORT BY : RAHUL SAHAJWANI
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : 14 हरियाणा बटालियन एनसीसी यमुनानगर के तत्वावधान में डीएवी गल्र्स कॉलेज की एनसीसी विंग की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव के तहत नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक पर नुक्कड़ नाटिका का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का आयोजन कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अजय कौशिश, एडम ऑफिसर कर्नल एपीएस संधु, सुबेदार मेजर जाकिर हुसैन व मेजर गीता शर्मा की देखरेख में हुआ। नुक्कड़ नाटिका में कैडेट योगिता, भावना, प्रीति, प्राची, जया, मधु, मुस्कान, अंजली, गौरी, नताशा, रिया, महक, आदिति, तनु, ज्योति, आरजू, कवंलप्रीत, सिमरन, अंजली ने भाग लिया। इस दौरान केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पूरी पालना की गई।
कर्नल अजय कौशिश ने कहा कि चालीस माइक्रोमीटर (माइक्रॉन) या उससे कम स्तर के प्लास्टिक को सिंगल यूज प्लास्टिक कहा जाता है। प्लास्टिक के थैले (पॉलीथीन), स्ट्रॉ, पानी की बोतल और भोजन का सुरक्षित रखने वाले पैकेट सिंगल यूज प्लास्टिक के ही बने होते हैं। इन्हें न तो आसानी से नष्ट किया जा सकता और न ही रिसाइकिल किया जा सकता है। यही वजह है कि इन्हें सिंगल यूज प्लास्टिक कहा गया है। विडंबना यह है कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में सबसे ज्यादा प्रयोग सिंगल यूज प्लास्टिक का ही होता है।
नुक्कड़ नाटिका में कैडेट्स से दिया प्लास्टिक का समाधान
नुक्कड़ नाटिका के जरिए कैडेट्स ने प्लास्टिक की जगह अन्य चीजों के इस्तेमाल करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की पानी के बोतलों की जगह शीशा, धातु, कॉपर और सेरामिक की बनी बोतलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जो बाजार में आसानी से मिल जाती है। ऐसे ही प्लास्टिक के कप की जगह दोबारा इस्तेमाल होने वाले कप अपने साथ रखें। जिसमें पेपर की प्याली इत्याउदि शामिल हैं। प्लास्टिक की थैली की जगह जूट से बनी थैली या कागज की बनी थैली का इस्तेमाल किया जा सकता है। प्लास्टिक की चाकू, चम्मच इत्यादि की जगह स्टेनलेस स्टेल की चाकू व लकड़ी के चम्मच भी बाजार में आसानी से मिल, उनको इस्तेमाल कर सकते हैं