गुरुग्राम सिविल हॉस्पिटल सैक्टर 10 में एक टन और आधे टन क्षमता के दो प्लांट लगाए गए.
इस प्लांट से 100 से 150 बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी.
ईएसआईसी हॉस्पिटल सैक्टर 9 ए में एक टन क्षमता और ईएसआई अस्पताल सैक्टर 3 मानेसर में एक टन क्षमता के प्लांट लगाए गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट काल में
उद्योगों का सराहनीय योगदान रहा है। पहली लहर में कंसंट्रेटर की कमी रही, वहीं दूसरी लहर
में ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करना पड़ा। ऐसे में हरियाणा सरकार ने बहुत ही कम
समय में ऑक्सीजन की कमी को दूर किया। इसके लिए न केवल कई स्थानों पर ऑक्सीजन
प्लांट लगाए बल्कि दूसरे राज्यों से भी ऑक्सीजन मंगवाई। ऑक्सीजन मंगवाने के लिए
एयर लिफ्ट करके भी टेंकर भेजे गए। इसके अलावा जनसहयोग से कंसंट्रेटर भी मंगवाने
पड़े।
- इन अस्पतालों में स्थापित संयत्र
गुरुग्राम सिविल हॉस्पिटल सैक्टर 10 में एक टन और आधे
टन क्षमता के दो प्लांट लगाए गए। इस प्लांट से 100 से 150 बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी। इसी
प्रकार ईएसआईसी हॉस्पिटल सैक्टर 9 ए में एक टन क्षमता और ईएसआई अस्पताल सैक्टर 3 मानेसर में एक टन
क्षमता के प्लांट लगाए गए।
उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत किया जा रहा है। इसे हरियाणा सरकार चैलेंज के रूप में ले रही है। अस्पतालों में स्थापित किए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट सम्भावित तीसरी लहर में उपयोगी सिद्व होंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि विशेषज्ञों द्वारा यह आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। इसीलिए सरकार किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरत रही है।
इस अवसर पर मारूति सुजुकी के एम डी
केनिची आयुकावा ने इस महामारी के संकट से जल्द बाहर आने की कामना करते हुए आभार
व्यक्त किया। इसके साथ आवश्यकता अनुसार और सहयोग करने का आश्वासन दिया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान
सचिव डी एस ढेसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वी एस कुण्डु, राजीव अरोड़ा एवं
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।