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Chandigarh- हरियाणा में 1988 के बाद प्रकाशित हुई दर अनुसूची

The Chief Minister was apprised that notification of this version will be issued Soon and with this new rates will be applied in the new tenders. It was also informed that the first edition of the rate schedule of Haryana was published in the year 1962.


City Life Haryanaचंडीगढ:  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकारी कार्य में पारदर्शिता लाने की मुहिम में आज एक और अध्याय जुड़ गया जब लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग ने इंजीनियरिंग कार्यों के लिए प्रकाशित हरियाणा की दर अनुसूची-2021 का नया संस्करण जारी किया।

हरियाणा की दर अनुसूची-2021 का विमोचन करने उपरांत मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को कड़ी मेहनत से इतना विशाल संस्करण तैयार करने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे इंजीनियरिंग कार्यों में पारदर्शिता आएगी तथा ठेकेदारों के लिए नई दरें उपलब्ध होंगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी गई कि शीघ्र ही इस संस्करण की अधिसूचना जारी की जाएगी और इसके साथ ही नई निविदाओं में ये नई दरें लागू हो जाएंगी। इस बात की भी जानकारी दी गई कि हरियाणा की दर अनुसूची का पहला संस्करण वर्ष 1962 में प्रकाशित किया गया था। बाद में समय-समय पर आवश्यकतानुसार आधार दरों पर अधिकतम प्रीमियम निर्धारित किये जाते रहे। अंतिम बार वर्ष 1988 में इसे संशोधित किया गया था। हरियाणा की दर अनुसूची-1988 को अपडेट करना ही पर्याप्त नहीं था। जीएसटी लागू होने के बाद नई कर व्यवस्था की अवधारणा आ गई थी और इसे संशोधित करना आवश्यक था।

सरकार के निर्देश पर 12 नवम्बर, 2019 को लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के सलाहकार राकेश मनोचा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था और लोक निर्माण, सिंचाई एवं जलसंसाधन तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों के इंजीनियरिंग-इन-चीफ को इस कमेटी में सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

वर्तमान में निर्माण कार्यों में नई-नई तकनीकी तथा सामग्रियों का इस्तेमाल होने लगा है और इसी के अनुरूप कई नये कार्य मदों को भी इसमें शामिल किया गया है तथा इसवके अलावा दरों को संशोधित करना भी जरूरी था। संस्करण का डिजिटल प्रारूप भी उपलब्ध रहेगा और डीएनआईटी और ठेकदारों के बिल ऑनलाइन तैयार करने की सुविधा होगी। साथ ही इंजीनियरिंग कार्यों से जुडें विभागों के कार्यों के निष्पादन में निश्चित रूप से पारदर्शिता आएगी, जो मुख्यमंत्री का विजन भी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव डी.एस.ढेसी, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अलोक निगम तथा उप-प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के अभियंता प्रमुख, जी.डी.गोयल के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

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