दवाओं और टीकों समेत विभिन्न चिकित्सा उत्पादों को देश में सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता है.
विशेष रूप से महामारी की दूसरी लहर का जवाब देने के लिए दवाओं और टीकों समेत विभिन्न चिकित्सा उत्पादों को देश में सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता है। यद्यपि रेमेडिसवीर, फ़ेविपवीर, कोवेक्सिन और कोविशील्ड का स्थानीय उत्पादन हो रहा है और कंपनियों ने स्वेच्छा से मूल्यों में कमी भी की है लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अत्यधिक अपर्याप्त है तथा मूल्य अत्यधिक है।
उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच वैश्विक कॉरपोरेट बिल गेट्स के उस कथन का पुरजोर विरोध करता है कि वे वैक्सीन फार्मूला, भारत और अन्य देशों के साथ साझा करने के ख़िलाफ़ हैं। यह सदी की भीषणतम महामारी के समय वैश्विक कॉरपोरेट जगत के अनैतिक और अनुचित लालच का नवीनतम उदाहरण है। एक अनुमान के अनुसार इस समय देश को कम से कम 70% आबादी का टीकाकरण करने के लिए लगभग 195 करोड़ खुराक की आवश्यकता है।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा के लिए, सरकार को पेटेंट और
व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा बाधाओं को दूर करने के लिए उपाय करने होंगे।
वैश्विक स्तर पर दवाओं और वैक्सीन के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकियों का स्थानांतरण
सुनिश्चित होना चाहिए। वैश्विक स्तर पर सभी प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा की आवश्यकता और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों की छूट
की माँग को आगे बढ़ाया जाए। इस हेतु जी 7, जी 20 और अन्य समूहों में राजनयिक प्रयासों में तेजी
लायी जाए।