रोडवेज अपनी पांच गुलाबी बसों को बना रहा हाईटेक एंबुलेंस
REPORT BY : RAHUL SAHAJWANI
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण एंबुलेंस की कमी होने लगी है। जिस कारण अन्य मरीजों को एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में रोडवेज ने एंबुलेंस तैयार करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत डिपो में खड़ी गुलाबी मिनी बसों को एंबुलेंस की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इसमें एक साथ चार लोगों को सेवा मिल सकेगी। इसके लिए एक बस में चार बेड लगाए जाएंगे। यही नहीं इसमें तीमारदारों के बैठने के लिए भी सीटों का इंतजाम होगा। यह एंबुलेंस हाईटेक होगी। जिसमें ऑक्सीजन सिलिंडर सहित अन्य आपातकालीन उपकरण लगे होंगे। रोडवेज यह बसें तैयार करके स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगा।
रोडवेज वर्कशॉप कर्मचारी युद्ध स्तर पर इन्हें तैयार करने में लगे हुए हैं। यमुनानगर में डिपो की ओर से पांच गुलाबी बसों को एंबुलेंस बनाया जा रहा है। डिपो वर्कशॉप में इसका काम शुरू हो चुका है। तीन दिन में पांचों एंबुलेंस पूरी तरह तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एंबुलेंस बस स्वास्थ्य विभाग के पास आने से भारी राहत मिलेगी। विभाग के पास एक बार में 20 एंबुलेंस बढ़ जाएंगी।
चार चार लगेंगे बेड
बसों को एंबुलेंस बनाने के लिए सभी सीटें निकाली जा रही हैं। इन सीटों की जगह प्रत्येक बस में चार स्ट्रेचर लगाए जाएंगे। पांच बसों में 20 मरीजोें को लाने ले जाने की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते रोडवेज मुख्यालय के आदेशों के बाद यह एंबुलेंस तैयार की जा रही हैं। विभाग का दावा है कि बुधवार तक इन्हें तैयार कर लिया जाएगा और वीरवार को स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को अपने मुताबिक इन एंबुलेंस का प्रयोग की आजादी होगी, लेकिन बस में चालक रोडवेज का ही रहेगा।
एंबुलेंस वाली होंगी सभी सुविधाएं
आपातकाल में तैयार की जा रही यह एंबुलेंस बसें हाईटेक होंगी। जिसमें एंबुलेंस में होने वाली सभी सुविधाएं होंगी। एक बस में चार बेड के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर व मास्क होंगे। वहीं अन्य जीवन रक्षक उपकरण हर बेड पर लगे होंगे। इसकी बनावट इस हिसाब से तैयार की जा रही है कि चार मरीजों के साथ बैठने वाले तीमारदारों को भी परेशानी नहीं होगी। सभी के बीच बराबर की दूरी हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इनके तैयार होने से विभाग के साथ लोगों को भारी फायदा होगा। जिससे एंबुलेंस की कमी काफी हद तक कम हो जाएगी।