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Haryana Desk- जज्बे को सलाम: ड्यूटी की खातिर सब कुछ छोड़ मरीजों की सेवा में जुटी डा. पूजा दत्त, बनी मिसाल

Dr. Pooja Dutt-

कोरोना वायरस: किन हालात में काम कर रहे हैं डॉक्टर, कोरोना मरीजों की सेवा के लिए नहीं ली अपनी शादी मे भी छुटियां, भाई की मौत भी नहीं तोड़ पाई होंसला, दर्द भरे माहौल मे भी नहीं छोडी मरीजों की सेवा.


City Life Haryanaहरियाणा डेस्‍क / कोरोना संकट के बीच डॉक्टर ही हैं जिसके भरोसे मानव जाति इस अद्श्य दुश्मन से लड़ने में जुटी हुई है। संकट की इस घड़ी में डॉक्टरों के कई ऐसे काम सामने आए, जिससे स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति लोगों के दिल में सम्मान और बढ़ता जा रहा है। आज बात करेंगे हरियाणा के यमुनानगर गांव घिलौर की बेटी डा. पूजा दत्त के सेवा भाव और होंसले की, जिसको हर आदमी दिल से अभिवादन करना चाहेगा।

कहते हैं कि हौसला बुलंद हो, तो मंजिल तक का सफर और भी आसान हो जाता है, इसी हौसले की उड़ान को सच कर दिखाया डा. पूजा दत्ता ने 20 जून 2020 से लाडवा के सामुदायिक केंद्र में कार्यरत है। डा. पूजा दत्ता ने रशिया से डाक्टरी की पढ़ाई की थी और उसकी पहली पोस्टिंग दिल्ली एम्स में हुई थी। वह पिछले करीब साढ़े दस महीने से लाडवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत है।

Dr. Pooja Dutt


डा. पूजा दत्ता कि इसी अप्रैल माह की 3 अप्रैल को शादी हुई थी। शादी के खुशियों भरे माहौल मे शादी से ठीक एक दिन पहले भाई की डी.जे. पर नाचते समय हृदयगति रुकने से निधन हो गया था। उसी माहौल मे शादी भी हुई लेकिन डा.पूजा दत्ता ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और मजबूत होंसला दिखाते हुए अपने काम पर लोट मरीजों की सेवा जारी रखी। शादी से पहले ही घर मे हुई दर्दनाक घटना भी डा. पूजा दत्ता का होंसला और सेवा भाव को नहीं डिगा पाया।  

वही, लाडवा समुदायिक केंद्र की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अंजली वैद्य ने बताया की डा.पूजा दत्त सबसे कम उम्र की चिकित्सक है और वह दिन-रात सिर्फ मरीजों की सेवा मे लगी रहती है, सारा दिन मरीजों की देखभाल हो, रात की ड्यूटी हो या फिर कोरोना मरीजों की सैंपलिंग करनी हो डॉ. पूजा दत्ता आगे आकर कहती हैं कि यह काम मैं करूंगी। बताया कि डॉ पूजा दत्ता मे अपने काम के प्रति इतनी लग्न और मरीजों के प्रति इतना सेवा भाव है की पिछले 1 साल में डॉ. पूजा दत्ता ने कभी कोई छुटी नहीं ली।

डा. पूजा दत्ता घिलौर गांव की वो बेटी है जिसके ऊपर माँ, घिलौर गाँव और लाडवा गर्व महसूस करता है। पिछले एक वर्ष के कोरोना काल के दौरान जहाँ एक और लोग कोरोना के मरीजों को देखते ही दुरी बना लेते है। लेकिन डा. पूजा दत्ता हमेशा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बोलकर लेती थी कोरोना मरीजों की ड्यूटी।


एक और बड़ी बात अपनी शादी मे जहाँ लोग महीना छुटियो पर जाते है तो वही डा. पूजा दत्ता ने अपनी ड्यूटी को निभाने और सेवा भाव की मिसाल पेश करते हुए अपनी शादी और इसी दौरान भाई की मौत जैसे गमगीन समय मे भी मात्र 5-6 दिनों की छुटी लेकर, दोबारा से ड्यूटी की खातिर सब कुछ छोड़ मरीजों की सेवा में जुटे गई।



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