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Chandigarh- ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर किसानों से की जा रही है करोड़ों की वसूली : हुड्डा

Leader of Opposition Bhupinder Singh Hooda- 

Has said that the government should plan to give relief to farmers instead of experimenting with them during the Corona pandemic. He highlighted the fact that farmers are facing continuous problems in getting electricity and tube well connections.


City Life Haryanaचंडीगढ़ / पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि सरकार कोरोना काल में किसानों के साथ नए-नए प्रयोग करने की बजाए उन्हें राहत देने की योजना बनाए। उन्होंने कहा कि किसानों को बिजली और ट्यूबवेल कनेक्शन लेने लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच किसानों पर एक और नई शर्त थोपी जा रही है।  खबर है कि अब उन्हीं किसानों को कनेक्शन दिया जाएगा जो सिंचाई विभाग से एनओसी लेकर आएंगे। ऐसे में जिन किसानों ने कई साल पहले सिक्युरिटी जमा करवाई थी, उन किसानों को समझ नहीं आ रहा कि वो करें तो क्या करें।

“The government is changing the rules and standards time and again to thwart them. Sometimes the standards of electric motor are changed while at other times rules of ground water level are changed. Farmers do not even have the freedom to take the motor of their choice,” he said.

नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि सरकार कनेक्शन के नाम पर किसानों से करोड़ों रुपये की वसूली कर रही है। कई साल पहले किसानों ने कनेक्शन के लिए सिक्योरिटी जमा करवाई थी लेकिन आजतक उन्हें कनेक्शन नहीं मिले। सरकार उन्हें टरकाने के लिए बार-बार नियमों और मानकों में बदलाव कर रही है। कभी बिजली मोटर के मानकों में फेरबदल कर दिया जाता है तो कभी भूजल स्तर के नियमों को बदल दिया जाता है। यहां तक कि किसानों को अपनी मर्जी की मोटर लेने की भी आजादी नहीं है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार की बताई गई मोटर खरीदने और निर्धारित फीस जमा करवाने के बाद भी किसानों को बार-बार अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं लेकिन फिर भी उन्हें कनेक्शन नहीं मिलता। किसान सरकार की तरफ से कनेक्शन ना देने के लिए की जा रही इस बहानेबाजी से बेहद परेशान हैं। इसकी वजह से उन्हें मानसिक और आर्थिक दोनों तरह के नुकसान झेलने पड़ रहा हैं।

The people and farmers were expecting help from the government during the pandemic and recession. They were expecting relief in electricity bills and concessions in rules but on the contrary, the government is constantly putting restrictions and additional financial burden on them,” he said.

महामारी और मंदी के दौर में आम जनता और किसानों को सरकार से आर्थिक मदद, बिजली बिलों में राहत और नियमों में रियायतों की उम्मीद कर रही है। लेकिन सरकार इसके उलट उनपर लगातार पाबंदिया और आर्थिक बोझ डालने में लगी है। 





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