- कोरोना काल में प्राइवेट अस्पतालों की लूट जारी
- परिजनों का हंगामा, जांच कमेटी गठित
हरियाणा के करनाल में जीटी रोड स्थित पार्क हॉस्पिटल में कोविड-19 मरीज के परिजनों को जो बिल दिया गया उसमें पीपीई किट का दाम देखकर परिजन भौचक्के रह गए। इस मामले में उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी ने भी जीटी रोड स्थित पार्क अस्पताल में पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
असंध निवासी रोहित ने आरोप लगाया था कि
उसके पिता बलविंद्र (53) को कोरोना पॉजिटिव होने पर चार मई को पार्क अस्पताल के
आईसीयू में भर्ती किया गया था। दो दिन बाद अस्पताल की ओर से फोन आया और उसे 50 हजार रुपये जमा
कराने को कहा गया। उसने पैसे जमा करा दिए। ऐसे ही हर दो दिन बाद फोन आने लगा और वह
रुपये जमा कराता रहा।
Rohit Kumar, a resident of Assandh, said he got his father Balwinder Kumar admitted to a private hospital on May 4. He was discharged on May 25. He alleged that during his stay in the hospital, he was charged exorbitant bills. I was given a bill of Rs 4,62,959, including Rs 44,000 for PPE kits, Rs 25,155 for tests, Rs 4,850 for CT scans and Rs 3,15,000 for the Covid ICU, he alleged.
जब पिता को अस्पताल ने छुट्टी दी तो उसका बिल 4.62 लाख रुपये बना दिया। जब उसे बिल मिला तो उसमें 44 हजार रुपये पीपीई किट के जोड़े गए थे। 80 हजार रुपये करीब इंजेक्शन के लगाए गए थे। जब उसने बिल में मनमानी फीस का विरोध किया तो उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उसे अस्पताल से निकाल दिया गया।
- डॉ. रजना शर्मा, एमएस, पार्क अस्पताल
मरीज बलविंद्र का जो बिल बनाया गया है व
सरकारी रेट के अनुसार ही है। पीपीई किट को लेकर सरकार से एक पत्र जारी हुआ है,
जिसमें दो हजार रुपये तक पीपीई किट के लिए जा सकते हैं, क्योंकि यह एक दिन के एक पीपीई किट के रुपये नहीं हैं। दिन
में मरीज के पास सफाई कर्मचारी, खाना देने वाला, डॉक्टर सहित कई लोग पीपीई किट पहनकर आते-जाते हैं। इस लिहाज
से एक दिन में कई पीपीई किट लगते हैं। यह उसी का बिल है। पीपीई किट के बिल को लेकर
मरीज के परिजन को कहा गया था कि वह उन्हें डिस्काउंट दे देंगे। मरीज द्वारा धक्के
मारने के आरोप निराधार हैं।
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