𝐌. 𝐕𝐞𝐧𝐤𝐚𝐢𝐚𝐡 𝐍𝐚𝐢𝐝𝐮, 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐜𝐜𝐚𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐮𝐧𝐜𝐡, 𝐬𝐚𝐥𝐮𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐚𝐜𝐫𝐢𝐟𝐢𝐜𝐞 𝐨𝐟 𝐃𝐞𝐞𝐧𝐛𝐚𝐧𝐝𝐡𝐮 𝐒𝐢𝐫 𝐂𝐡𝐡𝐨𝐭𝐮 𝐑𝐚𝐦. 𝐖𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐫𝐞𝐥𝐞𝐚𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐜𝐨𝐥𝐥𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐝𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐢𝐟𝐞 𝐬𝐭𝐨𝐫𝐲 𝐨𝐟 𝐃𝐞𝐞𝐧𝐛𝐚𝐧𝐝𝐡𝐮 𝐂𝐡𝐡𝐨𝐭𝐮 𝐑𝐚𝐦, 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭, "𝐈 𝐟𝐞𝐞𝐥 𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐡𝐚𝐩𝐩𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐚𝐭𝐢𝐬𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐛𝐞𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐈 𝐚𝐦 𝐛𝐞𝐜𝐨𝐦𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐮𝐦 𝐭𝐨 𝐡𝐞𝐥𝐩 𝐚𝐜𝐪𝐮𝐚𝐢𝐧𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐮𝐛𝐥𝐢𝐜 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐡𝐢𝐬 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧𝐚𝐥𝐢𝐭𝐲." 𝐇𝐞 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐦𝐚𝐧𝐲 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐡𝐞𝐫𝐨𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐝𝐨𝐦 𝐦𝐨𝐯𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐡𝐨 𝐰𝐨𝐫𝐤𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐨𝐫 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐮𝐧𝐢𝐭𝐲, 𝐛𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐫𝐭𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐰𝐨𝐫𝐤 𝐰𝐚𝐬 𝐧𝐨𝐭 𝐥𝐢𝐦𝐢𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐠𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐫 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐮𝐧𝐢𝐭𝐲 𝐛𝐮𝐭 𝐦𝐚𝐝𝐞 𝐚𝐧 𝐢𝐦𝐩𝐚𝐜𝐭 𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐰𝐢𝐝𝐞. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐠𝐫𝐞𝐚𝐭 𝐦𝐞𝐧 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐃𝐞𝐞𝐧𝐛𝐚𝐧𝐝𝐡𝐮 𝐒𝐢𝐫 𝐂𝐡𝐡𝐨𝐭𝐮 𝐑𝐚𝐦 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐫𝐢𝐬𝐞𝐧 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐞𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐫𝐞𝐠𝐢𝐨𝐧, 𝐞𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐬𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐬𝐨𝐜𝐢𝐞𝐭𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐨𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐞𝐱𝐩𝐥𝐨𝐢𝐭𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐢𝐧𝐣𝐮𝐬𝐭𝐢𝐜𝐞.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने विमोचन अवसर पर दीनबंधु सर
छोटूराम के त्याग व समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि
दीनबंधु छोटूराम के जीवन वृतांत को समर्पित इस संग्रह का विमोचन करते हुए मुझे
अत्यंत हर्ष व संतोष की अनुभूति हो रही है क्योंकि दीनबंधु छोटूराम के व्यक्तित्व
से जन मानस को परिचित कराने का आज वे माध्यम बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि
स्वाधीनता आंदोलन के अनेक ऐसे नायक थे जिन्होंने अपने क्षेत्र में या समुदाय में
काम किया लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्यों का महत्व क्षेत्र या समुदाय तक सीमित
नहीं था बल्कि देशव्यापी था। उन्होंने कहा कि दीनबंधु सर छोटू राम जैसे महापुरुष
हर क्षेत्र, हर वर्ग में हुए हैं जिन्होंने शोषण और अन्याय के खिलाफ लोगों को
जागरूक किया है और उन्हें संगठित किया है। उन्होंने इस संकलन को प्रकाशित करने के
लिए हरियाणा अकादमी ऑफ हिस्ट्री एंड कल्चर की सराहना की और कहा कि यह संकलन देश की
महान विभूति से जनता को परिचित करवाने का सशक्त माध्यम बन रहा है। इन पांच खंडों
में उस समय की राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों पर सर छोटू राम जी जैसे प्रबुद्ध
राजनेता के विचारों को एकत्र किया गया है जिससे आने वाली पीढ़ियां, स्वाधीनता आंदोलन
में विभिन्न क्षेत्रों और वर्गों के संघर्ष से भी परिचित हो सकेंगी।
The thoughts of an enlightened statesman like Sir Chhotu Ram on the political and economic conditions of that time have been compiled in these five volumes so that the coming generations are familiarised with the struggle of different regions and classes in the freedom movement.
The Vice President
said that Deenbandhu Sir Chhotu Ram and his Unionist Party's contribution in
the politics of Undivided Punjab to oppose the partition of the country on the
basis of religion before independence can never be forgotten. He said that even
Sardar Patel had praised the working style of Sir Chhotu Ram. After the
constitutional reforms, Sir Chhotu Ram continued to raise issues related to
farmers and labourers. As the Development Minister in the Unionist Party
government in Punjab, Sir Chhotu Ram made laws to free the farmers from the
exploitation of moneylenders and arhtiyas. The foundation of future
agricultural reforms was laid on the basis of the laws he implemented in the
interest of agricultural workers. He liberated the farmers from the vicious
circle of interest and debt, and got their land back. At the same time, the
contribution of Deenbandhu Chhotu Ram in saving the mortgaged houses of farmers
and also their animals from the possession of moneylenders has been
incomparable. He was also actively involved in setting up mandis at the local
level so that farmers could get the right price for their produce.
Naidu said that
Deenbandhu Sir Chhotu Ram also took meaningful steps in setting up research
institutes to develop modern scientific methods in agriculture and animal
husbandry. He said that the idea of Bhakra Dam on Sutlej was first conceived by
Sir Chhotu Ram and for its construction; an agreement was made with the British
Government and the ruler of Bilaspur. In such a situation, only a person who
has personally experienced the problems of farmers and agriculture can do this
work. He said that Sir Chhotu Ram himself belonged to a farmer's family. Sir
Chhotu Ram was a prolific writer, farmer messiah, educationist and an ideal
statesman.
He said that the government is taking effective steps in the interest of farmers because agriculture in India is not just a business; it is the basis of Indian culture. Sh. Naidu said that his own life has also been related to agriculture and even today he visits different parts of the country to know the condition of the farmers. He said that there should be continuous dialogue between the government and the farmers. Farmers’ interest should never be mixed with politics and to improve the condition of the farmer, the country will have to be transformed into a 'One Food Zone'. There should be an open market system to stop the exploitation of the farmers. The farmers of the country can go anywhere and sell their crop. This is in the interest of the country and also in the interest of the farmers.
एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वाधीनता से पूर्व संयुक्त पंजाब की राजनीति में चौधरी छोटू राम और उनकी यूनियनिस्ट पार्टी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, जिन्होंने धर्म के आधार पर देश के बंटवारे का विरोध किया। उन्होंने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भी चौधरी छोटूराम की कार्यशैली की प्रशंसा की थी। संवैधानिक सुधारों के बाद से सर छोटूराम लगातार किसानों व मजदूरों से जुड़े मुद्दे उठाते रहे। पंजाब में यूनियनिस्ट पार्टी की सरकार में विकास मंत्री के रूप में सर छोटू राम ने किसानों को साहूकारों, आढ़तियों के शोषण से मुक्त करवाने के लिए कानून बनाए। उन्होंने कृषि श्रमिकों के हित में जिन कानूनों को लागू किया उनके आधार पर भविष्य के कृषि सुधारों की नींव रखी गई। उन्होंने ब्याज और कर्ज के कुचक्र से किसानों को मुक्ति दिलाई, उनकी भूमि को वापस दिलवाया। साथ ही किसानों के गिरवी रखे घरों, पशुओं को साहूकारों के कब्जे से भी बचाने में दीनबंधु छोटू राम का योगदान अतुलनीय रहा है। किसान अपनी उपज का सही दाम पा सकें, इसके लिए स्थानीय स्तर पर मंडियां स्थापित करवाने में भी उनकी सक्रिय भागीदारी रही है।
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि कृषि और पशुपालन में आधुनिक
वैज्ञानिक प्रणाली विकसित करने के लिए शोध संस्थान स्थापित करने में भी दीनबंधु सर
छोटू राम ने सार्थक कदम उठाए। उन्होंने बताया कि सतलुज नदी पर भाखड़ा बांध की
कल्पना सबसे पहले सर छोटू राम ने ही की थी और उसके निर्माण के लिए अंग्रेज सरकार
तथा बिलासपुर के शासक से समझौता भी किया था। ऐसे में ये कार्य वही व्यक्ति कर सकता
है जिसने किसानों और कृषि की समस्याओं को स्वयं अनुभव किया हो। उन्होंने कहा कि सर
छोटूराम स्वयं एक किसान परिवार से थे। वे प्रखर लेखक, किसान मसीहा, शिक्षाविद व एक
आदर्श राजनेता थे। उन्होंने कहा कि किसान हित में सरकार प्रभावी कदम उठा रही है
क्योंकि भारत में कृषि सिर्फ व्यवसाय नहीं है, यह भारतीय संस्कृति का आधार है। नायडू
ने कहा कि उनका जीवन भी कृषि से जुडा रहा है और आज भी अलग-अलग हिस्सों में जाकर
किसानों का हाल चाल जानते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार व किसानों के बीच निरंतर
संवाद होते रहना चाहिए। किसान हित को कभी भी राजनीति से नहीं जोडना चाहिए और किसान
की हालत सुधारने के लिए देश को ‘वन फूड जॉन’ में बदलना होगा। किसान के शोषण को बंद करने के लिए ऑपन मार्केट की
व्यवस्था होनी चाहिए। देश का किसान कहीं भी जाकर अपनी फसल की बिक्री कर सकता है।
यह देश के हित में भी है और किसान के हित में भी।
’मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा-हरियाणा में किसान हित में लिए जा रहें हैं अभूतपूर्व निर्णय’
दीनबंधु सर छोटूराम- राइटिंग्स एंड स्पीचेज के पांचों खंडों के विमोचन समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के आगमन पर उनका अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि महापुरूषों के जीवन-दर्शन से आज की और भावी पीढ़ी को परिचित करवाने के लिए पुस्तकें सर्वोत्तम माध्यम हैं। सर छोटू राम के जीवन पर जिन पांच खंडों का लोकार्पण हुआ है इनमें उनके जीवन-दर्शन, उनकी राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक व प्रशासनिक सोच का बड़ा व्यापक वर्णन किया गया है। उन्होंने कहा कि दीनबन्धु छोटू राम बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और स्वाभिमान एवं निडरता, सादगी तथा सच्चरित्रता उनकी अपनी ही विशेषताएं रही हैं। गरीबों और कमजोर वर्गों के लोगों के उत्थान व सम्मान के लिये जीवन-पर्यन्त दीनबंधु छोटू राम ने लड़ाई लड़ी। गरीबों के सच्चे हमदर्द होने के कारण ही वे ‘दीनबन्धु’ कहलाए। उन्होंने कहा कि चौधरी छोटू राम ने किसानहित के कई विधेयक पास करवाकर कानून बनवाए। उन्होंने किसानों को कर्जों से मुक्ति दिलवाई तथा गिरवी रखी हुई जमीनें किसानों को वापस दिलवाईं। कृषि सम्बन्धी कानूनों के बनाने में योगदान देने के लिए उनका नाम भारत के इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनबंधु छोटूराम के किसान व गरीब उत्थान के सपने को साकार करने की दिशा में प्रधानमंत्री ने कृषि को लाभकारी बनाकर किसानों को समृद्ध एवं खुशहाल बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बुवाई से लेकर बाजार तक किसान की हर संभव मदद करने के लिए योजनाओं को मूर्त रूप दिया है। प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए ऐसे विजन पर काम कर रही है कि किसान का बेटा कृषि से विमुख न हो। दीनबंधु सर छोटूराम के नाती एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ.बीरेंद्र सिंह ने समारोह में पहुंचे अतिथिगण का धन्यवाद व्यक्त किया। साथ ही हिसार से सांसद एवं चौधरी बिरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह ने भी विचार रखे।
अंग्रेजी व हिंदी दोनों भाषाओं में प्रकाशित है दीनबंधु छोटू रामः राइटिंग्स एंड स्पीचेज के पांच खण्डः
दीनबंधु सर छोटूरामः राइटिंग्स एंड स्पीचेज के पांच खण्ड अंग्रेजी व हिंदी भाषा में प्रकाशित हैं जिनका विमोचन किया गया। हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी द्वारा प्रकाशित इन पांच खंडों में तीन खंड अंग्रेजी भाषा व दो खंड हिंदी भाषा के हैं। यह संकलन भविष्य में युवाओं को दीनबंधु सर छोटूराम के संदर्भ में हर पहलू की उपयोगी जानकारी देने के लिए एक सशक्त माध्यम होगा। साथ ही दीनबंधु सर छोटूराम के सिद्धांतों व विचारधारा पर रिसर्च करने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण अध्ययन सामग्री साबित होगी। वहीं स्वतंत्रता से पूर्व व उपरांत उत्तर भारत के सामाजिक, आर्थिक संस्मरण के लिए अहम रहेगा। विमोचन समारोह में दीनबन्धु सर छोटूराम के जीवन वृतांत को दर्शाती डॉक्युमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। कला एवं सांस्कृतिक विभाग हरियाणा के निदेशक डी.सुरेश ने अतिथिगण का स्वागत किया।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर
दीनबंधु को किया नमन
दीनबंधु सर छोटूराम-राइटिंग्स एंड
स्पीचेज के पांच खंडों के विमोचन कार्यक्रम में हरियाणा में एक सराहनीय कदम नजर
आया। समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की भागीदारी सामाजिक
उत्थान की दिशा में बढ़ते कदम का प्रमाण देखने को मिला। कार्यक्रम में बडी संख्या
में ऐसे लोग थे जोकि राजनीतिक विचारधारा में भले ही एक दूसरे से अलग रहने वाले हों, किंतु दीनबंधु सर छोटूराम
को सम्मान देने के लिए समारोह में गरिमामयी रूप से सभी ने भागीदारी निभाई।
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, प्रदेश के कृषि मंत्री जयप्रकाश
दलाल, सांसद बृजेन्द्र सिंह, सांसद धर्मबीर सिंह, हरियाणा उपक्रम
ब्यूरो के चैयरमेन सुभाष बराला,
सीएम के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, राज्यसभा सांसद
दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, वक्फ बोर्ड हरियाणा के अध्यक्ष जाकिर
हुसैन, पूर्व सांसद नवीन जिंदल, प्रेम सिंह चंदु माजरा , पूर्व विधायक कर्ण
दलाल, पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया, पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व
न्यायधीश प्रीतमपाल, गुरुग्राम मण्डल आयुक्त राजीव रंजन सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद
रहे।