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Chandigarh- CM Window: गुरुग्राम के पारस अस्पताल पर लगाया 16 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना

सीएम विंडो आसान, असरदार व भरोसेमंद

𝐈𝐧 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲'𝐬 𝐢𝐧𝐟𝐨𝐫𝐦𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐞𝐜𝐡𝐧𝐨𝐥𝐨𝐠𝐲 𝐞𝐫𝐚, 𝐂𝐌 𝐖𝐢𝐧𝐝𝐨𝐰 𝐥𝐚𝐮𝐧𝐜𝐡𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐢𝐬 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐛𝐞 𝐚𝐧 𝐞𝐚𝐬𝐲, 𝐞𝐟𝐟𝐞𝐜𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐫𝐞𝐥𝐢𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐬𝐲𝐬𝐭𝐞𝐦 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞, 𝐚𝐧𝐝 𝐑𝐓𝐈 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐯𝐢𝐬𝐭𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐰𝐡𝐢𝐬𝐭𝐥𝐞-𝐛𝐥𝐨𝐰𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐠𝐚𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐧𝐟𝐢𝐝𝐞𝐧𝐜𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐬𝐲𝐬𝐭𝐞𝐦 𝐚𝐬 𝐚𝐧 𝐅𝐈𝐑 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐫𝐞𝐠𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐚𝐭 𝐆𝐮𝐫𝐮𝐠𝐫𝐚𝐦'𝐬 𝐏𝐚𝐫𝐚𝐬 𝐇𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐚𝐧𝐝 𝐚 𝐟𝐢𝐧𝐞 𝐨𝐟 𝐦𝐨𝐫𝐞 𝐭𝐡𝐚𝐧 𝐑𝐬 𝟏𝟔 𝐥𝐚𝐤𝐡 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐬𝐞𝐝 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐚 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐫𝐞𝐠𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞𝐦. 


चंडीगढ़
NEWS
आज के इस सूचना प्रौद्योगिकी के युग में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा आरम्भ की गई सीएम विंडो जहां लोगों के लिए एक ओर आसान, असरदार व भरोसेमंद व्यवस्था सिद्ध हो रही है तो वहीं दूसरी ओर आरटीआई एक्टिविस्ट व व्हिसल ब्लोअर्स का भी इसके प्रति विश्वास बढ़ा है क्योंकि उनकी शिकायत पर गुरुग्राम के पारस अस्पताल पर एफआईआर दर्ज व 16 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।

मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल, जो चंडीगढ़ मुख्यालय से निरंतर सीएम विंडो व मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर आई शिकायतों व सुझावों पर संज्ञान लेकर समाधान करवाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं, के अनुसार मुख्यमंत्री की इस व्यवस्था पर आम जनता के साथ-साथ अब  आरटीआई एक्टिविस्ट व व्हिसल ब्लोअर्स का भी विश्वास बढ़ा है। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम के आरटीआई एक्टिविस्ट व व्हिसल ब्लोअर्स के ग्रुप अधिकारके एक सदस्य रमेश यादव ने सीएम विंडो पर शिकायत की थी कि गुरुग्राम के सैक्टर-43 स्थित पारस अस्पताल में पार्किंग के नाम पर एक माफिया अवैध वसूली कर रहा है। अस्पताल के बेसमेंट-2 पर अस्पताल प्रबंधन ने नगर निगम से प्रॉपर्टी टैक्स में सौ फीसदी छूट ले रखी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमने सैक्टर-43 के चौकी इंचार्ज और उसके बाद पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम को भी शिकायत दी थी, परंतु उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब भी अस्पताल में पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली जारी है। लगता है कि पुलिस व अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से माफिया यह अवैध वसूली कर रहा है।

𝐃𝐚𝐲𝐚𝐥 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐧 𝐑𝐓𝐈 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐯𝐢𝐬𝐭 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐆𝐮𝐫𝐮𝐠𝐫𝐚𝐦 𝐚𝐧𝐝 𝐦𝐞𝐦𝐛𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐫𝐨𝐮𝐩 '𝐀𝐝𝐡𝐢𝐤𝐚𝐫’, 𝐑𝐚𝐦𝐞𝐬𝐡 𝐘𝐚𝐝𝐚𝐯, 𝐡𝐚𝐝 𝐟𝐢𝐥𝐞𝐝 𝐚 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧𝐭 𝐨𝐧 𝐂𝐌 𝐖𝐢𝐧𝐝𝐨𝐰 𝐫𝐞𝐠𝐚𝐫𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐰𝐚𝐬 𝐦𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐫𝐞𝐜𝐨𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐧𝐚𝐦𝐞 𝐨𝐟 𝐩𝐚𝐫𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐭 𝐏𝐚𝐫𝐚𝐬 𝐇𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥, 𝐒𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫-𝟒𝟑, 𝐆𝐮𝐫𝐮𝐠𝐫𝐚𝐦. 𝐎𝐧 𝐁𝐚𝐬𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭-𝟐 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥, 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐦𝐚𝐧𝐚𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝟏𝟎𝟎 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐞𝐱𝐞𝐦𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐧 𝐩𝐫𝐨𝐩𝐞𝐫𝐭𝐲 𝐭𝐚𝐱 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐩𝐨𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧. 𝐓𝐡𝐞 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐯𝐢𝐬𝐭 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐦𝐚𝐭𝐭𝐞𝐫, 𝐰𝐞 𝐡𝐚𝐝 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐚 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧𝐭 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐬𝐭 𝐢𝐧-𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞 𝐨𝐟 𝐒𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫-𝟒𝟑 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐧 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐏𝐨𝐥𝐢𝐜𝐞, 𝐆𝐮𝐫𝐮𝐠𝐫𝐚𝐦, 𝐛𝐮𝐭 𝐧𝐨 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐰𝐚𝐬 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐨𝐧 𝐢𝐭. 𝐄𝐯𝐞𝐧 𝐧𝐨𝐰 𝐢𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐫𝐞𝐜𝐨𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐢𝐬 𝐠𝐨𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐧 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐧𝐚𝐦𝐞 𝐨𝐟 𝐩𝐚𝐫𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥. 𝐈𝐭 𝐬𝐞𝐞𝐦𝐬 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐢𝐬 𝐦𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐢𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐫𝐞𝐜𝐨𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐧𝐢𝐯𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐚𝐝𝐦𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧.

𝐁𝐡𝐮𝐩𝐞𝐬𝐡𝐰𝐚𝐫 𝐃𝐚𝐲𝐚𝐥 𝐢𝐧𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚 𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐜𝐨𝐠𝐧𝐢𝐳𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐰𝐚𝐬 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐦𝐚𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐌 𝐖𝐢𝐧𝐝𝐨𝐰. 𝐀 𝐭𝐞𝐚𝐦 𝐨𝐟 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐩𝐨𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐆𝐮𝐫𝐮𝐠𝐫𝐚𝐦 𝐨𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥𝐬 𝐯𝐢𝐬𝐢𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐬𝐢𝐭𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐨𝐮𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐦𝐚𝐧𝐚𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐝 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐮𝐬𝐞 𝐁𝐚𝐬𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭-𝟐 𝐟𝐨𝐫 𝐟𝐫𝐞𝐞 𝐩𝐚𝐫𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝟏𝟎𝟎 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐞𝐱𝐞𝐦𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐧 𝐩𝐫𝐨𝐩𝐞𝐫𝐭𝐲 𝐭𝐚𝐱 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐩𝐨𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧. 𝐇𝐨𝐰𝐞𝐯𝐞𝐫, 𝐚𝐭 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐭 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐧𝐨𝐭 𝐟𝐨𝐫 𝐟𝐫𝐞𝐞 𝐩𝐚𝐫𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐛𝐮𝐭 𝐟𝐨𝐫 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐰𝐨𝐫𝐤𝐬. 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐢𝐬 𝐧𝐨 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐩𝐚𝐜𝐞 𝐚𝐯𝐚𝐢𝐥𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐟𝐨𝐫 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐞𝐫𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐩𝐚𝐫𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐚𝐧 𝐧𝐞𝐚𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐚𝐬𝐢𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐨𝐜𝐮𝐦𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐚𝐮𝐭𝐡𝐨𝐫𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐨𝐧 𝐛𝐞𝐡𝐚𝐥𝐟 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥, 𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐢𝐬𝐬𝐮𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐜𝐨𝐥𝐥𝐞𝐜𝐭 𝐩𝐫𝐨𝐩𝐞𝐫𝐭𝐲 𝐭𝐚𝐱 𝐨𝐟 𝐑𝐬.𝟏𝟔,𝟐𝟕,𝟓𝟖𝟐. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐦𝐚𝐧𝐚𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐞𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐞𝐝 𝐑𝐬 𝟏𝟐,𝟖𝟗,𝟔𝟒𝟕 𝐨𝐮𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐨𝐧 𝐉𝐚𝐧𝐮𝐚𝐫𝐲 𝟐𝟓, 𝟐𝟎𝟐𝟏 𝐚𝐧𝐝 𝐫𝐞𝐪𝐮𝐞𝐬𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐰𝐚𝐢𝐯𝐞 𝐨𝐟𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐦𝐚𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭. 𝐓𝐡𝐢𝐬 𝐰𝐚𝐬 𝐫𝐞-𝐜𝐚𝐥𝐜𝐮𝐥𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐟𝐨𝐮𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐩𝐞𝐫𝐭𝐲 𝐭𝐚𝐱 𝐨𝐟 𝐑𝐬.𝟏𝟔,𝟐𝟕,𝟓𝟖𝟐 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐜𝐚𝐥𝐜𝐮𝐥𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐚𝐬𝐢𝐬 𝐨𝐟 𝐩𝐚𝐫𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐩𝐞𝐧 𝐬𝐩𝐚𝐜𝐞 𝐰𝐡𝐞𝐫𝐞𝐚𝐬 𝐢𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐯𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐚𝐫𝐞𝐚, 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐜𝐨𝐫𝐫𝐞𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐥𝐚𝐭𝐞𝐫.

𝐁𝐡𝐮𝐩𝐞𝐬𝐡𝐰𝐚𝐫 𝐃𝐚𝐲𝐚𝐥 𝐢𝐧𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐞 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐫𝐞𝐠𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐅𝐈𝐑 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐦𝐚𝐧𝐚𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐬𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝟑𝟖𝟒 𝐨𝐟 𝐈𝐏𝐂 𝐨𝐧 𝐉𝐮𝐥𝐲 𝟐𝟗, 𝟐𝟎𝟐𝟏 𝐚𝐭 𝐒𝐮𝐬𝐡𝐚𝐧𝐭 𝐋𝐨𝐤, 𝐚 𝐜𝐨𝐩𝐲 𝐨𝐟 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐰𝐚𝐬 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐟𝐫𝐞𝐞 𝐨𝐟 𝐜𝐨𝐬𝐭 𝐭𝐨 𝐑𝐓𝐈 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐯𝐢𝐬𝐭 𝐑𝐚𝐦𝐞𝐬𝐡 𝐘𝐚𝐝𝐚𝐯 𝐰𝐡𝐨 𝐞𝐱𝐩𝐫𝐞𝐬𝐬𝐞𝐝 𝐬𝐚𝐭𝐢𝐬𝐟𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐯𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐂𝐌 𝐖𝐢𝐧𝐝𝐨𝐰.

𝐒𝐢𝐦𝐢𝐥𝐚𝐫𝐥𝐲, 𝐢𝐧 𝐚𝐧𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐜𝐚𝐬𝐞 𝐫𝐞𝐭𝐢𝐫𝐞𝐝 𝐩𝐫𝐨𝐟𝐞𝐬𝐬𝐨𝐫 𝐨𝐟 𝐁𝐡𝐚𝐠𝐚𝐭 𝐏𝐡𝐨𝐨𝐥 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐌𝐚𝐡𝐢𝐥𝐚 𝐕𝐢𝐬𝐡𝐰𝐚𝐯𝐢𝐝𝐲𝐚𝐥𝐚𝐲𝐚, 𝐊𝐡𝐚𝐧𝐩𝐮𝐫 𝐊𝐚𝐥𝐚𝐧 (𝐒𝐨𝐧𝐢𝐩𝐚𝐭), 𝐃𝐫. 𝐒𝐡𝐚𝐧𝐤𝐮𝐭𝐚𝐥𝐚 𝐒𝐚𝐡𝐚𝐫𝐚𝐧, 𝐡𝐚𝐝 𝐟𝐢𝐥𝐞𝐝 𝐚 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧𝐭 𝐨𝐧 𝐂𝐌 𝐖𝐢𝐧𝐝𝐨𝐰 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐑𝐬. 𝟏𝟏,𝟏𝟗𝟎 𝐃𝐀 𝐰𝐚𝐬 𝐧𝐨𝐭 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐢𝐧 𝐛𝐚𝐬𝐢𝐜 𝐩𝐞𝐧𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝟓 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐮𝐧𝐢𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐭𝐲. 𝐀𝐩𝐚𝐫𝐭 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐡𝐢𝐬 𝐚𝐫𝐫𝐞𝐚𝐫𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐓𝐂 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐫𝐢𝐨𝐝 𝐉𝐚𝐧𝐮𝐚𝐫𝐲 𝟏, 𝟐𝟎𝟏𝟔 𝐭𝐨 𝐌𝐚𝐫𝐜𝐡 𝟑𝟏, 𝟐𝟎𝟏𝟗 𝐚𝐬 𝐩𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐜𝐨𝐦𝐦𝐞𝐧𝐝𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐨𝐟 𝟕𝐭𝐡 𝐏𝐚𝐲 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐫𝐞 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐩𝐞𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐔𝐧𝐢𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐭𝐲.

𝐀𝐜𝐜𝐨𝐫𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐞𝐬𝐡𝐰𝐚𝐫 𝐃𝐚𝐲𝐚𝐥, 𝐰𝐡𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐮𝐧𝐢𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐭𝐲 𝐨𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐚𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐫𝐞𝐠𝐚𝐫𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐌 𝐖𝐢𝐧𝐝𝐨𝐰, 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐚𝐜𝐜𝐞𝐩𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐦𝐢𝐬𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐝𝐞𝐝𝐮𝐜𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐓𝐃𝐒 𝐨𝐟 𝐑𝐬.𝟏𝟗,𝟔𝟓𝟑 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐮𝐭𝐬𝐭𝐚𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐏𝐫𝐨𝐟𝐞𝐬𝐬𝐨𝐫 𝐃𝐫. 𝐒𝐡𝐚𝐧𝐤𝐮𝐭𝐚𝐥𝐚 𝐒𝐚𝐡𝐚𝐫𝐚𝐧, 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐚𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭𝐬 𝐭𝐨 𝐑𝐬.𝟏,𝟕𝟔,𝟖𝟕𝟒, 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐬𝐞𝐧𝐭 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞𝐦 

ये भी पढ़ें: राइट टू सर्विस एक्ट के तहत नागरिक सेवाओं मेंदेरी करने वाले अधिकारियों को मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता की दो टूक

भूपेश्वर दयाल ने बताया कि सीएम विंडो द्वारा इस मामले में कड़ा संज्ञान लिया गया और जिस पर नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों की एक टीम ने अस्पताल साइट का दौरा किया और पाया कि अस्पताल प्रबंधन ने बेसमेंट-𝟐 का फ्री पार्किंग के लिए उपयोग करते हेतु नगर निगम से प्रॉपर्टी टैक्स में सौ फीसदी छूट ले रखी है। परंतु वर्तमान में इसका उपयोग अस्पताल द्वारा फ्री पार्किंग के लिए नहीं बल्कि अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। अस्पताल के पास इसके अलावा व्यावसायिक पार्किंग के लिए कोई अन्य जगह उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अस्पताल की ओर से उपलब्ध करवाए गए दस्तावेजों के आधार पर 𝟏𝟔,𝟐𝟕,𝟓𝟖𝟐 रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के आदेश जारी किये। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने 𝟐𝟓 जनवरी, 𝟐𝟎𝟐𝟏 को इसमें से 𝟏𝟐,𝟖𝟗,𝟔𝟒𝟕 रुपये की राशि जमा करवा दी तथा शेष राशि को माफ करने का अनुरोध किया। नगर निगम आयुक्त द्वारा इसकी पुनर् गणना की गई और पाया गया कि 𝟏𝟔,𝟐𝟕,𝟓𝟖𝟐 रुपये के प्रॉपर्टी टैक्स की गणना खुली जगह में पार्किंग के आधार पर की गई है जबकि यह कवर्ड एरिया से की जानी चाहिए, जिसे बाद में ठीक कर लिया गया है। 

भूपेश्वर दयाल ने बताया कि पुलिस ने भी अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध पुलिस थाना सुशांत लोक में 𝟐𝟗 जुलाई, 𝟐𝟎𝟐𝟏 को आईपीसी की धारा 𝟑𝟖𝟒 के तहत एफआईआर संख्या 𝟎𝟏𝟕𝟖 दर्ज की है, जिसकी एक प्रति आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश यादव को निशुल्क उपलब्ध करवा दी गई है और उन्होंने सीएम विंडो की कार्रवाई पर संतुष्टि जाहिर की है।

इसी प्रकार, एक अन्य मामले में भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां (सोनीपत) की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ𝟎 शंकुतला सहारण ने सीएम विंडो पर शिकायत दी थी कि विश्वविद्यालय द्वारा पहली जुलाई, 𝟐𝟎𝟏𝟗 से 𝟑𝟏 दिसम्बर, 𝟐𝟎𝟏𝟗 तक की अवधि का 𝟏𝟏𝟏𝟗𝟎 रुपये की दर पर 𝟓 प्रतिशत के हिसाब से बेसिक पेंशन में डीए नहीं दिया गया। इसके अलावा, उनका 𝟕वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पहली जनवरी, 𝟐𝟎𝟏𝟔 से 𝟑𝟏 मार्च, 𝟐𝟎𝟏𝟗 की अवधि का बकाया तथा एलटीसी भी विश्वविद्यालय की ओर लम्बित है।

भूपेश्वर दयाल के अनुसार सीएम विंडो द्वारा इस सम्बंध में जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों को सम्पर्क किया गया तो उन्होंने अपनी गल्ती मानते हुए बताया कि प्रोफेसर डॉ𝟎 शंकुतला सहारण के सारे बकाया की राशि में से 𝟏𝟗,𝟔𝟓𝟑 रुपये टीडीएस काटकर जो 𝟏,𝟕𝟔,𝟖𝟕𝟒 रुपये बनती है, को चैक नम्बर 𝟏,𝟎𝟕,𝟖𝟖𝟑 के माध्यम से उनको भेज दिए गए हैं। 

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