- मंसूबों में सफल नहीं होंगे विपक्षीदल
- विपक्षी दलों का है सारा खेल
- आंदोलन के पीछे कांग्रेस की बड़ी भूमिका
- सत्ता में रहते कांग्रेस ने नहीं किया किसानों का भला
- बातचीत के लिए सरकार के द्वार सदैव खुले
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के पीछे
सारा खेल विपक्षी दलों का है और उनमें सबसे बड़ी भूमिका कांग्रेस पार्टी की है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लंबे समय तक शासन किया। सत्ता में रहते हुए
कांग्रेस ने किसानों की भलाई के लिए कोई कार्य नहीं किया। अगर किसानों के हित में
कदम उठाए होते तो आज यह नौबत नहीं आती। लेकिन आप जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए भरसक प्रयास कर रही है
तो विपक्षी दल उसमें रोडा अड़ाने का काम कर रहे हैं।
डॉ. अरविंद शर्मा ने दोहराया कि किसानों
से बातचीत के लिए सरकार के द्वार हमेशा खुले हैं। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने तीनों
कृषि कानून के क्रियान्वयन पर डेढ़ साल के लिए रोक लगा रखी है। इसलिए किसानों को
भी बातचीत के लिए अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकांश किसान सरकार
की नीतियों से खुश है लेकिन विपक्षी दल उन्हें गुमराह व विचलित कर रहे हैं। इसके
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसानों के साथ मानवीय दृष्टिकोण
के साथ व्यवहार कर रही है। आंदोलन पर बैठे किसानों को पानी व बिजली जैसी मूलभूत
सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन की वजह से आम जनता को
परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और भारी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। एक सवाल के
जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में टीचरों पर लाठी-गोलियां बरसाई गई
थी। इससे पहले भी दूसरे दलों की सरकारों के दौरान करौंथा निसिंग व कंडेला कांड हो
चुके हैं।
डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि भाजपा की
सरकार सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास की भावना को लेकर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया
जा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान भी किसानों के एक-एक दाने की खरीद की गई है।
इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष अजय बंसल,
महामंत्री सतीश आहुजा, धर्मवीर शर्मा, आजाद अत्री, मंडल अध्यक्ष संदीप
बुधवार, डॉ आनंद, सतबीर सैनी, शुभम भारद्वाज,
रणधीर शर्मा व विपिन गोयल आदि मौजूद थे।