रामलीला मंचन
- अंगद को ही क्यों दूत बनाकर भेजा
दरअसल, जब प्रभु श्रीराम
लंका पहुंच गए तब उन्होंने रावण के पास अपना दूत भेजने का विचार किया। सभा में सभी
ने प्रस्ताव किया कि हनुमानजी को ही दूत बनाकर भेजना चाहिए। लेकिन रामजी ने यह कहा
कि अगर रावण के पास फिर से हनुमानजी को भेजा गया तो यह संदेश जाएगा कि राम की सेना
में अकेले हनुमान ही महावीर हैं। इसलिए किसी अन्य व्यक्ति को दूत बनाकर भेजा जाना
चहिए जो हनुमान की तरह पराक्रमी और बुद्धिमान हो। ऐसे में प्रभु श्रीराम की नजर अंगद पर जा टिकी। प्रभु श्रीराम
ने अंगद से कहा कि हे अंगद! रावण के द्वार जाओ। कुछ सुलह हो जाए, उनके और हमारे विचारों में एकता आ जाए, जाओ तुम उनको शिक्षा दो। ताकी युद्ध ना हो।...अंगद ने भी प्रभु
श्रीराम के द्वारा सौंपे गए उत्तरदायित्व को बखूबी संभाला।
जौं अस करौं तदपि न बड़ाई। मुएहि बधें नहिं कछु मनुसाई। कौल कामबस कृपिन बिमूढ़ा। अति दरिद्र अजसी अति बूढ़ा॥
सदा रोगबस संतत क्रोधी। बिष्नु बिमुख श्रुति संत बिरोधी। तनु पोषक निंदक अघ खानी जीवत सव सम चौदह प्रानी॥
- रावण की सभा में अंगद
जिसके लिए अंगद को दूत बनकर लंका भेजा जाता
है। अंगद रावण के दरबार में पहुंचते है और रावण को हर प्रकार से समझाने का प्रयास
करते है। लेकिन रावण किसी प्रकार से मानने को तैयार नही होता तो अंगद रावण को कहता
कि तुम्हारे सारे सेनापति राम से युद्ध करना तो दूर अगर मेरे पैर भी हिला दे तो हम
अपनी हार मान लेंगे। तब अंगद रावण के दरबार में अपना पैर जमा देते है तब रावण के
सारे योद्धा यहां तक कि मेघनाद भी पूरा जोर लगाते है लेकिन कोई अंगद का पैर नहीं
उठा पाता। तब अंगद श्रीराम के पास वापस आ कर कहता है कि रावण किसी प्रकार से मानने
को तैयार नहीं है तो युद्ध ही इसका विकल्प है। जिसके बाद श्रीराम की सेना युद्ध की
सारी तैयारी पूरी करके लंका पर चढ़ाई कर देती है। लक्ष्मण को युद्ध की कमान
संभालने को कहा जाता है। युद्ध के दौरान जब रावण की तरफ से मेघनाद मुकाबले के लिये
आता है तो लक्ष्मण और मेघनाद के बीच बहुत भयंकर युद्ध होता है। जिसमें मेघनाद
विचार करता है कि इस प्रकार तो लक्ष्मण से जीतना असंभव है। तब मेघनाद लक्ष्मण पर ब्रह्म
अस्त्र चला देता है और लक्ष्मण मूर्छित हो जाते है। इस मौके पर रामलीला क्लब के
प्रधान कुलदीप सिंह, उपप्रधान सतीश कांबोज, निदेशक पंकज धीमान, सचिव संजीव शास्त्री, सह सचिव अनुज जिंदल, अमित बतरा, पुजारी सुरेंद्र
पेंटर व मेकअप मैन कृष्ण कुमार उपस्थित थे।
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