यमुनानदी पार क्षेत्र के सैंकड़ो किसानो की भूमि
रादौर𝐍𝐄𝐖𝐒। बीते दिनों बारिश के बाद बढ़े यमुनानदी के जलस्तर से नगली घाट पर बनाया गया अस्थाई रास्ता एक बार फिर से बह गया। रास्ते का निर्माण ओवरब्रिज बनाने का कार्य कर रही कंपनी की ओर से करवाया गया था। जिस पर लाखों रूपएं खर्च किएं गएं थे। एक ओर जहां कंपनी को इससे लाखों का नुकसान हुआ है वहीं दूसरी
ओर यमुनानदी पार स्थित अपने खेतों में जाने वाले किसानों की मुश्किलें भी बढ़ गई
है। अब उन्हें धान की फसल की कटाई कर मंडी में पहुंचाने में मुश्किलों का सामना
करना पड़ेगा। इस वर्ष यह तीसरी बार हुआ है जब यमुनानदी के पानी से अस्थाई रास्ता
बह गया है। इससे पहले भी दो बार यह रास्ता बह जाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ी
है। अब जलस्तर कम होने पर ही दोबारा रास्ते का निर्माण संभव है। तब तक पुल का
निर्माण कार्य कर रही कंपनी का कार्य भी प्रभावित होगा वहीं दूसरी ओर किसानों को भी
मुश्किलों का सामना करना होगा।
- अस्थाई रास्ते से ही अपने खेतों में आसानी से पहुंच पाते है
किसान
यमुनानदी पार क्षेत्र के सैंकड़ो किसानो की भूमि है।
जिन्हें अपने खेतों में जाने के लिए इसी रास्ते का प्रयोग करना पड़ता है। फिलहाल
ओवरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके पूरा होने में अभी समय लगेगा। तब तक किसानों को इसी
रास्ते का सहारा है। अब धान की कटाई का समय चल रहा है। कुछ ही दिन पहले जब पुल
निर्माण का कार्य कर रही कंपनी ने इस रास्ते का निर्माण कार्य करवाया तो किसानों
को काफी राहत मिली थी। लेकिन अब रास्ता न होने से किसानों को लंबी दूरी तय कर
कलानौर के रास्ते अपने खेतो में पहुंचना होगा। जिससे समय की बर्बादी के साथ साथ
आर्थिक नुकसान भी किसानों का होगा।
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