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Panchkula- सीबीआई कोर्ट के जज सुशील कुमार गर्ग को मिला धमकी भरा पत्र

𝐓𝐡𝐞 𝐂𝐁𝐈 𝐣𝐮𝐝𝐠𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐰𝐲𝐞𝐫 𝐰𝐡𝐨 𝐡𝐞𝐚𝐫𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐑𝐚𝐧𝐣𝐢𝐭 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐦𝐮𝐫𝐝𝐞𝐫 𝐜𝐚𝐬𝐞 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐫𝐞𝐜𝐞𝐢𝐯𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐫𝐞𝐚𝐭𝐬. 𝐓𝐡𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐫𝐞𝐚𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐚 𝐥𝐞𝐭𝐭𝐞𝐫. 𝐓𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐰𝐫𝐢𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐞𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐡𝐚𝐬 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐡𝐢𝐬 𝐧𝐚𝐦𝐞 𝐚𝐬 𝐃𝐫. 𝐌𝐨𝐡𝐢𝐭 𝐆𝐮𝐩𝐭𝐚. 𝐇𝐨𝐰𝐞𝐯𝐞𝐫, 𝐑𝐚𝐦 𝐑𝐚𝐡𝐢𝐦 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐈 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐧𝐨𝐭𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐝𝐨 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐃𝐫. 𝐌𝐨𝐡𝐢𝐭 𝐆𝐮𝐩𝐭𝐚 𝐚𝐧𝐝 𝐚 𝐂𝐁𝐈 𝐢𝐧𝐪𝐮𝐢𝐫𝐲 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐛𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐝𝐮𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐢𝐧𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐭𝐭𝐞𝐫.


पंचकूला NEWS पंचकूला स्थित हरियाणा के विशेष सीबीआई कोर्ट के जज सुशील कुमार गर्ग को मिला धमकी भरा पत्र।

डेरामुखी गुरमीत राम रहीम के खिलाफ रणजीत सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे सीबीआई की विशेष अदालत के जज डॉ. सुशील गर्ग और सीबीआई के वकीलों को एक चिट्ठी लिखकर धमकी दी गई है। सीबीआई कोर्ट के जज ने राम रहीम के केस की सुनवाई के दौरान यह बात बताई।

धमकी भरे पत्र में आपत्तिजनक शब्दों का किया गया प्रयोग।

बहुचर्चित रंजीत सिंह हत्या मामले में सोमवार को फैसला सुनाए जाने की कार्रवाई के दौरान सीबीआई जज सुशील कुमार गर्ग में कोर्ट में कही बात।

उन्होंने कहा कि चिट्ठी लिखने वाले ने अपना नाम डॉ मोहित गुप्ता और अपना पता डेरे का लिखा है।

जज ने कहा कि चिट्ठी में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है, इससे स्पष्ट होता है कि धमकी दी जा रही है।

सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुशील कुमार गर्ग ने राम रहीम से कहा- "मुझे चिट्ठी लिखी गई है, चिट्ठी में क्या लिखा है मैं यह नहीं बता सकता हूं, मुझे चिट्ठी लिखकर धमकी दी गई है।"

जानकारी के मुताबिक बलात्कारी गुरमीत राम रहीम ने जज से कहा कि उसका डॉ मोहित गुप्ता से कोई लेना देना नहीं है, पहले भी उसने ऐसा किया था तब हाईकोर्ट ने उस पर ₹50000 जुर्माना भी लगाया था।

बलात्कारी गुरमीत राम रहीम ने धमकी भरे पत्र की सीबीआई जांच कराने का निवेदन किया।

दुष्कर्मी राम रहीम की इस मांग का सीबीआई के वकील एच पी एस वर्मा और बचाव पक्ष के वकील अजय बर्मन ने भी समर्थन किया।

हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जज सुशील कुमार गर्ग ने अभीतक इस बारे में कोई सिफारिश नहीं की है।

वहीं वरिष्ठ वकील के पी सिंह ने बताया कि इससे पहले भी कोर्ट को एक चिट्ठी लिखी गई थी लेकिन उसमें कोई आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया था।

सीबीआई जज डॉ सुशील गर्ग ने डेरामुखी के सामाजिक कार्य के आधार पर सजा में रियायत बरतने की मांग पर टिप्पणी की कि सामाजिक कार्य का अपराध से कोई सरोकार नहीं है। आपने धर्म का कार्य किया यह बहुत अच्छी बात है लेकिन जो अपराध किया उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आप ने रणजीत सिंह की हत्या की है। ये साक्ष्यों के आधार पर साबित हो चुका है।

सामाजिक कार्यों के मद्देनजर सजा में नरमी नहीं बरती जा सकती है। इसलिए अर्जी को खारिज किया जा रहा है और उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है। इसके साथ ही 31 लाख का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। इस जुर्माना राशि का आधा हिस्सा पीड़ित परिवार को मिलेगा। 

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