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Chandigarh- भारत को भीख में नहीं बल्कि अनगिनत कुर्बानियों व बरसों के संघर्ष से मिली है आजादी : हुड्डा

𝐜𝐫𝐢𝐭𝐢𝐜𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐦𝐚𝐝𝐞 𝐛𝐲 𝐏𝐚𝐝𝐦𝐚 𝐒𝐡𝐫𝐢 𝐚𝐰𝐚𝐫𝐝𝐞𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐢𝐥𝐦 𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫 𝐊𝐚𝐧𝐠𝐚𝐧𝐚 𝐑𝐚𝐧𝐚𝐮𝐭 𝐫𝐞𝐜𝐞𝐧𝐭𝐥𝐲 𝐨𝐧 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐢𝐧𝐝𝐞𝐩𝐞𝐧𝐝𝐞𝐧𝐜𝐞. 𝐍𝐨 𝐨𝐧𝐞 𝐜𝐚𝐧 𝐛𝐞 𝐚𝐥𝐥𝐨𝐰𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐢𝐧𝐬𝐮𝐥𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐝𝐨𝐦 𝐬𝐭𝐫𝐮𝐠𝐠𝐥𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐝𝐨𝐦 𝐟𝐢𝐠𝐡𝐭𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲- 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝.



चंडीगढ़
news
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल ही में पद्मश्री से पुरस्कृत एक अभिनेत्री द्वारा देश की आजादी के बारे में दिये गये बयान की कड़े शब्दों में आलोचना की है। हुड्डा ने कहा कि किसी को भी देश की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इतना ही नहीं, आज़ादी व आज़ादी के संघर्ष के दौरान हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को अपमानित करने वाली अभिनेत्री को जो पद्म पुरस्कार दिया गया है, उसे भी वापस लिया जाना चाहिए।

𝐓𝐡𝐞 𝐭𝐫𝐨𝐮𝐛𝐥𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐁𝐨𝐥𝐥𝐲𝐰𝐨𝐨𝐝 𝐚𝐜𝐭𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐊𝐚𝐧𝐠𝐚𝐧𝐚 𝐑𝐚𝐧𝐚𝐮𝐭, 𝐬𝐮𝐫𝐫𝐨𝐮𝐧𝐝𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐛𝐞𝐠𝐠𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐝𝐨𝐦, 𝐚𝐫𝐞 𝐢𝐧𝐜𝐫𝐞𝐚𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐨𝐮𝐬𝐥𝐲. 𝐀𝐥𝐨𝐧𝐠 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐚 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐃𝐞𝐥𝐡𝐢 𝐁𝐉𝐏, 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐝𝐢𝐟𝐟𝐞𝐫𝐞𝐧𝐭 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐭𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐩𝐚𝐫𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐝𝐞𝐬𝐜𝐞𝐧𝐝𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐝𝐨𝐦 𝐟𝐢𝐠𝐡𝐭𝐞𝐫𝐬 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐨𝐩𝐞𝐧𝐞𝐝 𝐚 𝐟𝐫𝐨𝐧𝐭 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐊𝐚𝐧𝐠𝐚𝐧𝐚. 𝐀𝐥𝐨𝐧𝐠 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐢𝐬 𝐚 𝐝𝐞𝐦𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐨 𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐛𝐚𝐜𝐤 𝐭𝐡𝐞 𝐏𝐚𝐝𝐦𝐚 𝐒𝐡𝐫𝐢 𝐚𝐰𝐚𝐫𝐝 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐡𝐢𝐦.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वर्षों के संघर्ष और अनगिनत कुर्बानियों के बाद हमारे देश को स्वतंत्रता मिली है। जिन लोगों को लगता है कि देश को आजादी भीख में मिली है, उन्होंने शायद कभी स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में पढ़ा तक नहीं है। महारानी लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे, तात्यां टोपे से लेकर महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, खुदी राम बोस, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, लाला लाजपत राय, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, अशफाकउल्ला खां समेत अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। यहां तक कि देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। तब कहीं जाकर हम एक आजाद मुल्क बन पाए हैं।

हुड्डा ने कहा कि वो खुद एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से हैं। उनके पिता स्वर्गीय चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों का अत्याचार सहा और कई बरस विभिन्न जेलों में गुज़ारे। अपने निजी और पारिवारिक लाभ-हानि व सुख को त्याग कर उन्होंने अपना सब कुछ स्वतंत्रता आंदोलन में झोंक दिया था। ऐसे कितने ही हजारों लाखों जाने अनजाने महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान ने अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागने के लिए मजबूर किया।

हुड्डा ने कहा कि जिस पीढ़ी को आजादी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ा, जिसने गुलामी का दौर नहीं देखा और जिसको आजादी विरासत में मिली है, उसे आजादी के संघर्ष व स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी को कभी भूलना नहीं चाहिए। इस पीढ़ी के लोगों को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ना, समझना और जानना चाहिए, ताकि उन्हें भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन, तप, त्याग, बलिदान से देशप्रेम की प्रेरणा मिल सके। 

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Bhiwan

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