𝐢𝐧𝐟𝐫𝐚𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐬𝐭𝐫𝐞𝐧𝐠𝐭𝐡𝐞𝐧𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐌𝐞𝐥𝐚 𝐚𝐫𝐞𝐚. 𝐓𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐡𝐚𝐝 𝐚𝐫𝐫𝐢𝐯𝐞𝐝 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐭𝐨 𝐩𝐚𝐫𝐭𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐭𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐢𝐬𝐭𝐨𝐫𝐢𝐜 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐌𝐞𝐥𝐚. 𝐈𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐟𝐢𝐟𝐭𝐲 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐰𝐡𝐨 𝐡𝐚𝐬 𝐫𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐝 𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐛𝐲 𝐛𝐫𝐞𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐧𝐲 𝐦𝐲𝐭𝐡𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐮𝐩𝐞𝐫𝐬𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬. 𝐃𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐬𝐮𝐩𝐞𝐫𝐬𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐧𝐨 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐡𝐚𝐝 𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝟏𝟗𝟕𝟎. 𝐀 𝐟𝐞𝐰 𝐝𝐚𝐲𝐬 𝐚𝐠𝐨, 𝐰𝐡𝐞𝐧 𝐡𝐞 𝐜𝐚𝐦𝐞 𝐭𝐨 𝐤𝐧𝐨𝐰 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐦𝐲𝐭𝐡𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐮𝐩𝐞𝐫𝐬𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐢𝐧 𝐚𝐬𝐬𝐨𝐜𝐢𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐡𝐨𝐥𝐲 𝐩𝐥𝐚𝐜𝐞, 𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐛𝐫𝐞𝐚𝐤 𝐚𝐥𝐥 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐦𝐲𝐭𝐡𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐮𝐩𝐞𝐫𝐬𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬. 𝐇𝐞 𝐟𝐢𝐫𝐬𝐭 𝐨𝐟𝐟𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐩𝐫𝐚𝐲𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐭 𝐆𝐮𝐫𝐝𝐰𝐚𝐫𝐚 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲, 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐧 𝐨𝐟𝐟𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐩𝐫𝐚𝐲𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐆𝐡𝐚𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐧𝐜𝐢𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐡𝐢𝐭𝐞 𝐆𝐚𝐮𝐛𝐚𝐜𝐡𝐡𝐚 𝐭𝐞𝐦𝐩𝐥𝐞, 𝐑𝐢𝐧 𝐌𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐒𝐚𝐫𝐨𝐯𝐚𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐒𝐮𝐫𝐚𝐣𝐤𝐮𝐧𝐝 𝐒𝐚𝐫𝐨𝐯𝐚𝐫.
इसी के तहत कपालमोचन मेला क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है।
कपिल मुनि जी की धरती कपालमोचन में उन्होंने लोगों को गुरुनानक देव के प्रकाशपर्व और देव दीपावली की बधाई देते हुए इस क्षेत्र की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना के कारण कपालमोचन मेला का आयोजन नहीं करवाया जा सका लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकॉल को अपनाते हुए मेला का भव्य आयोजन किया गया। जिला प्रशासन द्वारा कम समय में बेहतरीन तैयारी करने पर मुख्यमंत्री ने सराहना की। उन्होंने कहा कि बीती शाम करीब 𝟐 लाख श्रद्धालुओं ने कपालमोचन मेला में आस्था की डुबकी लगाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र का सांस्कृतिक दृष्टि से भी काफी महत्व है। इस जगह गुरु नानकदेव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी का आगमन हुआ था। इसे भी ध्यान में रखते हुए हमने इस क्षेत्र के विकास के लिए अनेक कदम उठाए हैं। श्री कपालमोचन तीर्थ के अलावा श्री बद्रीनारायण, श्री माता मंत्रादेवी व श्री केदारनाथ के विकास के लिए श्राइन बोर्ड बनाया गया है। कपालमोचन में 𝟑𝟎𝟎 लाख रुपये की लागत से भव्य गुरु गोबिंद सिंह युद्ध कला संग्रहालय का निर्माण किया गया है। बिलासपुर-कपालमोचन-दनोरा सड़क को 𝟐𝟎 करोड़ 𝟖 लाख 𝟗𝟕 हजार रुपये की लागत से चौड़ा व मजबूत किया गया है। जिला यमुनानगर में लिंक रोड कपालमोचन-दनौरा सड़क से भगवानपुर सड़क को 𝟐 करोड़ 𝟓𝟖 लाख 𝟒 हजार रुपये खर्च करके चौड़ा किया गया है। इसी प्रकार काटगढ़ से रामपुर गेंडा सड़क पर सोम नदी के ऊपर 𝟔 करोड़ 𝟒𝟑 लाख 𝟕𝟗 हजार रुपये की लागत से ऊपरगामी पुल का निर्माण किया गया है। राजकीय महाविद्यालय अहड़वाला भवन का 𝟏𝟒 करोड़ 𝟏𝟑 लाख 𝟓𝟎 हजार रुपये की लागत से निर्माण किया गया है।
𝐖𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐠𝐫𝐚𝐭𝐮𝐥𝐚𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐮𝐬𝐩𝐢𝐜𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐨𝐜𝐜𝐚𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐆𝐮𝐫𝐮𝐩𝐮𝐫𝐚𝐛 𝐨𝐟 𝐆𝐮𝐫𝐮 𝐍𝐚𝐧𝐚𝐤 𝐃𝐞𝐯 𝐉𝐢, 𝐡𝐞 𝐞𝐱𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐥𝐢𝐠𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐢𝐬𝐭𝐨𝐫𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐫𝐭𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐚𝐫𝐞𝐚. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐲𝐞𝐚𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐦𝐞𝐥𝐚 𝐜𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐛𝐞 𝐨𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐳𝐞𝐝 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐂𝐨𝐯𝐢𝐝-𝟏𝟗, 𝐛𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐭𝐢𝐦𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐢𝐫 𝐰𝐚𝐬 𝐨𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐳𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐚 𝐠𝐫𝐚𝐧𝐝 𝐦𝐚𝐧𝐧𝐞𝐫 𝐛𝐲 𝐟𝐨𝐥𝐥𝐨𝐰𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐯𝐢𝐝-𝟏𝟗 𝐩𝐫𝐨𝐭𝐨𝐜𝐨𝐥𝐬. 𝐓𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐩𝐩𝐫𝐞𝐜𝐢𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐚𝐝𝐦𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐟𝐨𝐫 𝐦𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐞𝐱𝐜𝐞𝐥𝐥𝐞𝐧𝐭 𝐩𝐫𝐞𝐩𝐚𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐢𝐧 𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐥𝐞𝐬𝐬 𝐭𝐢𝐦𝐞. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐫𝐨𝐮𝐧𝐝 𝟐 𝐥𝐚𝐤𝐡 𝐝𝐞𝐯𝐨𝐭𝐞𝐞𝐬 𝐭𝐨𝐨𝐤 𝐚 𝐝𝐢𝐩 𝐨𝐟 𝐟𝐚𝐢𝐭𝐡 𝐢𝐧 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐌𝐞𝐥𝐚 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐞𝐯𝐞𝐧𝐢𝐧𝐠.
𝐓𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐡𝐚𝐬 𝐚 𝐥𝐨𝐭 𝐨𝐟 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐫𝐭𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐜𝐮𝐥𝐭𝐮𝐫𝐚𝐥 𝐩𝐨𝐢𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐯𝐢𝐞𝐰. 𝐆𝐮𝐫𝐮 𝐍𝐚𝐧𝐚𝐤 𝐃𝐞𝐯 𝐉𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐆𝐮𝐫𝐮 𝐆𝐨𝐛𝐢𝐧𝐝 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐉𝐢 𝐡𝐚𝐝 𝐚𝐫𝐫𝐢𝐯𝐞𝐝 𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐩𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐩𝐥𝐚𝐜𝐞. 𝐂𝐨𝐧𝐬𝐢𝐝𝐞𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞𝐬𝐞 𝐟𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐰𝐞 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐬𝐞𝐯𝐞𝐫𝐚𝐥 𝐬𝐭𝐞𝐩𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐬𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫, 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝. 𝐀𝐩𝐚𝐫𝐭 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐒𝐡𝐫𝐢 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐓𝐞𝐞𝐫𝐭𝐡, 𝐒𝐡𝐫𝐢𝐧𝐞 𝐁𝐨𝐚𝐫𝐝 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐒𝐡𝐫𝐢 𝐁𝐚𝐝𝐫𝐢𝐧𝐚𝐫𝐚𝐲𝐚𝐧, 𝐒𝐡𝐫𝐢 𝐌𝐚𝐭𝐚 𝐌𝐚𝐧𝐭𝐫𝐚𝐝𝐞𝐯𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐒𝐡𝐫𝐢 𝐊𝐞𝐝𝐚𝐫𝐧𝐚𝐭𝐡. 𝐓𝐡𝐞 𝐠𝐫𝐚𝐧𝐝 𝐆𝐮𝐫𝐮 𝐆𝐨𝐛𝐢𝐧𝐝 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐌𝐚𝐫𝐭𝐢𝐚𝐥 𝐀𝐫𝐭𝐬 𝐌𝐮𝐬𝐞𝐮𝐦 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐚𝐭 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐚𝐭 𝐚 𝐜𝐨𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐑𝐬. 𝟑𝟎𝟎 𝐥𝐚𝐤𝐡. 𝐓𝐡𝐞 𝐁𝐢𝐥𝐚𝐬𝐩𝐮𝐫-𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧-𝐃𝐚𝐧𝐚𝐮𝐫𝐚 𝐫𝐨𝐚𝐝 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐰𝐢𝐝𝐞𝐧𝐞𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐭𝐫𝐞𝐧𝐠𝐭𝐡𝐞𝐧𝐞𝐝 𝐚𝐭 𝐚 𝐜𝐨𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐑𝐬. 𝟐𝟎.𝟖 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞. 𝐋𝐢𝐧𝐤 𝐫𝐨𝐚𝐝 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧-𝐃𝐚𝐧𝐚𝐮𝐫𝐚 𝐫𝐨𝐚𝐝 𝐭𝐨 𝐁𝐡𝐚𝐠𝐰𝐚𝐧𝐩𝐮𝐫 𝐫𝐨𝐚𝐝 𝐢𝐧 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐰𝐢𝐝𝐞𝐧𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐬𝐩𝐞𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐑𝐬. 𝟐.𝟓𝟖 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞. 𝐒𝐢𝐦𝐢𝐥𝐚𝐫𝐥𝐲, 𝐚𝐧 𝐨𝐯𝐞𝐫 𝐛𝐫𝐢𝐝𝐠𝐞 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐨𝐯𝐞𝐫 𝐒𝐨𝐦 𝐫𝐢𝐯𝐞𝐫 𝐨𝐧 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐭𝐨 𝐑𝐚𝐦𝐩𝐮𝐫 𝐆𝐚𝐢𝐧𝐝𝐚 𝐫𝐨𝐚𝐝 𝐚𝐭 𝐚 𝐜𝐨𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐑𝐬. 𝟔.𝟒𝟑 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞. 𝐓𝐡𝐞 𝐆𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐂𝐨𝐥𝐥𝐞𝐠𝐞 𝐀𝐡𝐚𝐫𝐰𝐚𝐥𝐚 𝐁𝐡𝐚𝐰𝐚𝐧 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐚𝐭 𝐚 𝐜𝐨𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐑𝐬. 𝟏𝟒.𝟏𝟑 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞.
𝐃𝐨𝐧'𝐭 𝐩𝐚𝐲 𝐚𝐭𝐭𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐨 𝐛𝐚𝐬𝐞𝐥𝐞𝐬𝐬 𝐬𝐮𝐩𝐞𝐫𝐬𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬
𝐑𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐮𝐩𝐞𝐫𝐬𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐬𝐩𝐫𝐞𝐚𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐚 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐛𝐬𝐞𝐧𝐜𝐞 𝐨𝐟 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐌𝐞𝐥𝐚 𝐬𝐢𝐧𝐜𝐞 𝐦𝐚𝐧𝐲 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬 𝐛𝐮𝐭 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐯𝐢𝐬𝐢𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐌𝐞𝐥𝐚, 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐈 𝐝𝐨 𝐧𝐨𝐭 𝐛𝐞𝐥𝐢𝐞𝐯𝐞 𝐢𝐧 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐬𝐮𝐩𝐞𝐫𝐬𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚 𝐟𝐞𝐰 𝐝𝐚𝐲𝐬 𝐛𝐞𝐟𝐨𝐫𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐫𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐞𝐥𝐚, 𝐈 𝐡𝐚𝐝 𝐫𝐞𝐜𝐞𝐢𝐯𝐞𝐝 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐢𝐧𝐟𝐨𝐫𝐦𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐲𝐞𝐚𝐫 𝟏𝟗𝟕𝟎, 𝐧𝐨 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐡𝐚𝐬 𝐯𝐢𝐬𝐢𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐊𝐚𝐩𝐚𝐥𝐦𝐨𝐜𝐡𝐚𝐧 𝐌𝐞𝐥𝐚, 𝐞𝐚𝐫𝐥𝐢𝐞𝐫 𝐏𝐮𝐧𝐣𝐚𝐛 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐟𝐚𝐢𝐫. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐈 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐭𝐨 𝐚𝐭𝐭𝐞𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐩𝐫𝐨𝐠𝐫𝐚𝐦𝐦𝐞 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐜𝐚𝐧𝐜𝐞𝐥𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐰𝐨 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐝𝐮𝐥𝐞𝐝 𝐦𝐞𝐞𝐭𝐢𝐧𝐠𝐬. 𝐄𝐯𝐞𝐧 𝐛𝐞𝐟𝐨𝐫𝐞 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐈 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐨𝐧𝐜𝐞 𝐟𝐨𝐫 𝐝𝐚𝐫𝐬𝐡𝐚𝐧. 𝐒𝐢𝐦𝐢𝐥𝐚𝐫 𝐬𝐮𝐩𝐞𝐫𝐬𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐛𝐞𝐥𝐢𝐞𝐯𝐞𝐝 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐌𝐚𝐝𝐡𝐮𝐛𝐚𝐧 𝐨𝐟 𝐊𝐚𝐫𝐧𝐚𝐥. 𝐖𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐈 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐫𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐝 𝐌𝐚𝐝𝐡𝐮𝐛𝐚𝐧 𝐭𝐡𝐫𝐢𝐜𝐞 𝐢𝐧 𝐝𝐢𝐟𝐟𝐞𝐫𝐞𝐧𝐭 𝐩𝐫𝐨𝐠𝐫𝐚𝐦𝐦𝐞𝐬 𝐰𝐡𝐞𝐫𝐞𝐚𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝟑𝟎 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬 𝐧𝐨 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐡𝐚𝐬 𝐠𝐨𝐧𝐞 𝐭𝐨 𝐌𝐚𝐝𝐡𝐮𝐛𝐚𝐧 𝐞𝐱𝐜𝐞𝐩𝐭 𝐦𝐞.
अंधविश्वास पर ध्यान नहीं देना चाहिए
कपालमोचन मेला में दर्शन करने के बाद मीडिया द्वारा कपालमोचन मेला में मुख्यमंत्रियों के न आने बारे फैले अंधविश्वास का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ऐसे अंधविश्वास को नहीं मानता। उन्होंने कहा कि मेला शुरू होने से कुछ दिन पहले ही मुझे इस प्रकार की जानकारी मिली थी, कि वर्ष 𝟏𝟗𝟕𝟎 के बाद कोई भी मुख्यमंत्री इस कपालमोचन मेला में नहीं आया है, पहले पंजाब के मंत्री व मुख्यमंत्री भी इस मेले में आते थे। उन्होंने कहा कि आज मैं दो बैठकें रद्द करके इस कार्यक्रम में शिरकत करने आया हूं, इससे पहले भी एक बार दर्शन करके जा चुका हूं। ऐसा ही अंधविश्वास करनाल के मधुबन को लेकर भी माना जाता है। मैं मुख्यमंत्री रहते हुए मधुबन में भी तीन बार अलग-अलग कार्यक्रमों में पहुंचा हूं, जबकि पिछले 𝟑𝟎 साल से मेरे अलावा कोई दूसरा मुख्यमंत्री मधुबन नहीं गया।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल, अंबाला के सांसद रतनलाल कटारिया, कुरुक्षेत्र के
सांसद नायब सैनी, यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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