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NEWS Desk- मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने प्रदेश के 22 जिलों के आधुनिक राजस्व अभिलेख कक्षों का किया उद्घाटन

अब लोग तत्काल ऑनलाईन तरीके से देख सकेंगे अपनी जमीन का रिकॉर्ड.



न्यूज़ डेक्स
News
  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के 22 जिलों का आधुनिक राजस्व अभिलेख कक्षों एवं 11 जीआईएस लैब का वीडियो कॉन्फैसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज का युग तकनीकी युग है और प्रदेश की सरकार डिजिटल इंडिया के अभियान को आगे बढाते हुए सूचना तकनीकी व ई-गर्वेनेश के माध्यम से लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए संकल्पित है और इस मामले में देश में सर्वाधिक अवार्ड हरियाणा को मिले है। प्रदेश में बहुत सी योजनाओं/ सेवाओं को ऑनलाईन किया गया है। राज्य सरकार का उदेश्य जनता को घर बैठे सभी सेवाओं, योजनाओं एवं कार्यप्रणाली की जानकारी आईटी के माध्यम से देना है। उन्होंने कहा कि आज का दिन प्रदेश के लोगों के लिए बहुत ही शुभ है, आज जिला का जितना भी जमीन से जुड़ा हुआ रिकॉर्ड है, लगभग सभी का डिजिलाईजेशन हो गया है। इसके लिए जिला प्रशासन बहुत ही बधाई का पात्र है। अब कोई भी व्यक्ति अपना जमीन का रिकॉर्ड किसी भी समय देख सकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में राजस्व से जुड़े कागजात को आज कपडे की पुरानी गठरियों से आजादी मिली है।

उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ई-भूमि पोर्टल राज्य सरकार द्वारा पहले ही शुरू किया जा चुका है। राज्य सरकार की नितियों को दूसरे प्रदेशों द्वारा खूब सराहा गया है। बल्कि अनेक ऑनलाईन पद्धति वाली कल्याणकारी सेवाओं/योजनाओं को केन्द्र व दुसरे राज्यों ने भी अपनाया है। ड्रोन द्वारा ली गई लाल डोरा वाली जमीन की निशानदेही जैसी योजना का लोगों ने खूब फायदा उठाया है। इस प्रक्रिया से अब गांव में भी लोग अपने घर मकानों की रजिस्ट्रयां करवाने लग गए है। यह प्रक्रिया गांव के लोगों के लिए काफी कारगर सिद्ध हो रही है। इससे लोगों को जहां अपनी जमीन का मालिकाना हक मिलता है, वहीं आपस के झगडों में भी कमी आएगी जिससे लोगों को समय व धन की बचत हो सकेगी। उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर 2019 को प्रशासन द्वारा जमीन को कम्पयूटरीकृत करने के लिए कहा गया था और आज दो वर्ष से पहले ही इस कार्य को पूर्ण कर लिया गया है। राज्य सरकार का यह क्रान्तिकारी कदम है।

इस आधुनिक अभिलेख कक्ष के शुरू होने से जनता को अविलम्ब तरीके से अपना भूमि संबंधि रिकॉर्ड देखने में कोई दिक्कत नही होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस रिकॉर्ड को जमाबंदी की वैब्साईट से भी एकिकरण किया जाएगा ताकि लोगों को किसी भी कार्यालय मे जाने की जरूरत न पडे। उन्होंने बताया कि रिकॉर्ड को कम्पयूटरीकृत करने से पहले मेन्यूअल तरीके से लोगों को अपने रिकॉर्ड से संबंधि पुरानी जानकारी लेने के लिए काफी समय लगता था, लेकिन मॉडर्न रेवेन्यू रिकार्ड रूम से यह सुविधा लोगों को अब तत्काल मिल सकेगी। 

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