- कानून अच्छे थे तो वापिस लेने का
क्यों कहा..?
- अगर कानून वापिस ही लेने तो इतनी जान
और माल का नुकसान क्यों किया..?
यमुनानगर News। मानवता के पुजारी धन-धन श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशपर्व व तीनो
काले कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा की देशवासियो को बधाई, देने के लिए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ने अपने गाँव सुढैल में
गाँववासीयो के साथ लड्डू खिला कर ख़ुशी मनाई। सरकार को घुटनों के बल लाने के लिए अन्नदाता को सैल्यूट करते हुए
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में तानाशाही का कोई स्थान नही होता। आज देश के किसान ने अहंकारी व तानाशाही सरकार को हराकर साबित कर दिया
है। कि लोकतंत्र में जनता व जनभावना
सुप्रीम होती है।
अर्जुन
सुढैल ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा तीन काले कानूनी की वापसी की घोषणा के साथ ही
कई अनुत्तरित प्रश्न भी उपज चुके हैं..
मांगो
को मानने में एक वर्ष का समय क्यों लगा
आंदोलन
दौरान शहीद हुए किसानों का जिम्मेवार कौन लाखो करोड़ो के नुकसान की जिम्मेवारी किसकी
यह
कानून ठीक नही थे तो आपातकालीन स्तिथि में बिना किसी से सलाह मशवरा किए लागू क्यों
किए गए
क्या
मोजूदा सरकार सिर्फ प्रधानमंत्री के इशारे पर चल रही है
जबकि
सविंधान अनुसार सरकार सामूहिक निर्णय से कार्य करती है
प्रदेश
प्रवक्ता ने कहा कि काले कृषि कानून लेकर देश के किसान पर प्रयोग करने की कोशिश की
गई। जिसे किसान ने एकजुटता दिखा कर फेल कर दिया। यह
सरकार की नैतिक हार है, जिसे स्वीकार करते हुए सरकार को जनता से माफी मांगते हुए इस्तीफा दे
देना चाहिए।
न्यूनतम
समर्थन मूल्य पर कानून के बगैर किसान संतुष्ट नही हो सकते और यह जीत अधूरी है। इस मोके पर इनैलो कार्यकर्ताओं ने
पटाखे बजाकर व लड्डू बांटकर खुशियां मनाई। इस अवसर राजेश दहिया, हरबीर लाठर, कर्म सिंह, भुरा महला, नरेश, पुरू दहिया,
निशु सुढैल, सुशील कुमार, गोल्डी बाल्मीकि, सहित काफी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
और
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Radaur
महापंचायत का फैसला: फैक्ट्ररी संचालक या तो काम बदले या फिर जगह बदले
अर्जुन सुढैल ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा तीन काले कानूनी की वापसी की घोषणा के साथ ही कई अनुत्तरित प्रश्न भी उपज चुके हैं..
मांगो को मानने में एक वर्ष का समय क्यों लगा
आंदोलन दौरान शहीद हुए किसानों का जिम्मेवार कौन लाखो करोड़ो के नुकसान की जिम्मेवारी किसकी
यह कानून ठीक नही थे तो आपातकालीन स्तिथि में बिना किसी से सलाह मशवरा किए लागू क्यों किए गए
क्या मोजूदा सरकार सिर्फ प्रधानमंत्री के इशारे पर चल रही है
जबकि सविंधान अनुसार सरकार सामूहिक निर्णय से कार्य करती है
प्रदेश
प्रवक्ता ने कहा कि काले कृषि कानून लेकर देश के किसान पर प्रयोग करने की कोशिश की
गई। जिसे किसान ने एकजुटता दिखा कर फेल कर दिया। यह
सरकार की नैतिक हार है, जिसे स्वीकार करते हुए सरकार को जनता से माफी मांगते हुए इस्तीफा दे
देना चाहिए।
न्यूनतम
समर्थन मूल्य पर कानून के बगैर किसान संतुष्ट नही हो सकते और यह जीत अधूरी है। इस मोके पर इनैलो कार्यकर्ताओं ने
पटाखे बजाकर व लड्डू बांटकर खुशियां मनाई। इस अवसर राजेश दहिया, हरबीर लाठर, कर्म सिंह, भुरा महला, नरेश, पुरू दहिया,
निशु सुढैल, सुशील कुमार, गोल्डी बाल्मीकि, सहित काफी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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