विष्व एड्स दिवस
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : सिविल सर्जन डा0 विजय दहिया की अध्यक्षता में मुकन्द लाल सिविल अस्पताल यमुनानगर मे विष्व एड्स दिवस मनाया गया । इस पर सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि एच0आई0वी0 संक्रमित रक्त चढाने, संक्रमित सूई के प्रयोग से, असुरक्षित यौन संबंध से व एच0आई0वी0 संक्रमित मां से उसके होने वाले बच्चे को हो सकता है। एच0आई0वी0 संक्रमण के फैलने की सबसे अधिक संभावना हमारे समुदाय के हाई रिस्क ग्रुप में होती है। जैसे आई.डी.यूज (इंजैक्टिव ड्रग यूजर) एफ.एस.डब्लयु (फीमेल सैक्स वर्कर) एम.एस.एम. (मैन सैक्स विद मैन) जो कि एच0आई0वी0 होने के हाई रिस्क गु्रप हैं। उन्होने आगे बताया कि हाथ मिलाने से, साथ बैठने से, एक दूसरे के कपडे इस्तेमाल करने से, ऑफिस या स्कूल में साथ काम करने से, मच्छर के काटने से एच0आई0वी0 एड्स नहीं फैलता। इस पर उन्होने बताया कि असुरक्षित यौन संबध इसकी एक बडी वजह है लोगो को इस बारे मे जागरूक करना जरूरी है, हांलाकि पिछले कई वर्षो से लोगा जागरूक हुए भी है। यही कारण है कि वे ईलाज करवाने अस्पताल आने लगे है ताकि ईलाज के माध्यम से मरीज को बेहतर जीवन जीने के स्थ्तिी मे लाया जा सके । इस पर उन्होने बताया कि एड्स पीडित की सहायता के लिए सरकार द्वारा 2250 रूप्ये प्रतिमाह पेंषन के रूप मे योजना शुरू की है, लेकिन पेंषन लाभ लेने के लिए परिवार की आय दो लाख रूप्ये से अधिक न हो और पीडित व्यक्ति नियमित रूप से एआरटी पर दवाई लेता हो साथ ही उन्होने यह भी बताया कि भले ही पीडित व्यक्ति अन्य कोई पेंषन लेता हो, लेकिन इस पेंषन का लाभ संक्रमित व्यक्ति को फिर भी मिलेगा ।
इस अवसर पर डा0 चारू कालरा उप सिविल सर्जन एड्स ने बताया कि एच0आई0वी0 की जांच एकीकृत जांच एवं सलाह केन्द्र में मुफ्त में की जाती है, जो कि आई.सी.टी.सी. केन्द्र मुकन्द लाल सिविल अस्पताल यमुनानगर, सिविल अस्पताल जगाधरी, ई0एस0आई0, सरस्वती नगर, सढौरा एवं प्रतापनगर में उपलब्ध है। इस पर डा.चारू ने बताया कि सरकार की योजनानुसार प्रदेष को 2030 तक एड्स सक्रंमण से मुक्त करना है ओर 2026 तक एक एैसी योजना पर कार्य करना हेै, जिसके बाद एक भी बच्चा एड्स से संक्रमित पैदा न हो इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं की एच0आई0वी0 जांच जरूरी है, जिससे कि उनकी एच0आई0वी0 स्थिति का पता चल सके ओर यदि वह गर्भवती महिला संक्रमित पाई जाती है तो तुरंत प्रभाव से दवाई दी जाती हैं ताकि बच्चे को सकं्रमण से बचाया जा सके । इस अवसर पर डा.दिपिका गुप्ता, डा. पुनीत कालरा, डा0राजेष परमार, पूजा डी.पी.एम.,बोबेष पंजेटा, अरूण कुमार, ममता, रीतू, प्रदीप, प्रियंका, मनजीत, अस्पताल का अन्य स्टॉफ मौजूद रहा ।
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