विश्वासघात दिवस
यमुनानगर | NEWS - कृषि कानूनों की वापसी के बाद एक साल से लम्बे चले आंदोलन के बाद एक बार फिर किसान आंदोलन करने की तैयारी में है। सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में आज संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल पर देश भर में विश्वासघात दिवस मना रहा है। यमुनानगर में भी किसानों ने सरकार के खिलाफ विश्वासघात दिवस मनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले की शव यात्रा निकाली और पुतला फूंका। इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वही जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति और राज्यपाल को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
केंद्र पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि कृषि मुद्दों पर देश भर में आज विश्वासघात दिवस मनाया जा रहा है। सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था। लेकिन वादे अधूरे रह गए। सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ आज 31 जनवरी को देशव्यापी विश्वासघात दिवस मना रहे है। इस दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। साथ ही किसान नेताओ ने कहा कि अगर अब भी सरकार ने मांगे नही मानी तो एक बार फिर बहुत बड़ा आंदोलन होगा।
किसानों ने बताया कि सरकार ने कुछ वादे किए थे जो इस प्रकार है। सरकार ने वादा किया था कि किसान आन्दोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें तत्काल प्रभाव से वापिस लिये जाएंगे। सरकार का वादा था आन्दोलन के दौरान शहीद परिवारों को हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सैद्धांतिक सहमति दी है।" हकीकत है कि शहीद किसान परिवारों को मुआवजा देने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई कार्यवाही शुरू नहीं की है। हरियाणा सरकार की तरफ से मुआवजे की राशि और स्वरूप के बारे में भी कोई निर्णय घोषित नहीं हुआ है।MSP पर प्रधानमंत्री ने स्वयं और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है। वास्तव में इस मुद्दे पर सरकार ने न तो कमेटी के गठन की घोषणा की है और न ही कमेटी के स्वरूप और उसकी मैंडेट के बारे में कोई जानकारी दी है। सरकार ने कोई भी वादा पूरा नही किया।