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Radaur- चिकन प्रौसेंसिग फैक्ट्री: ग्रामीणों को किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं यह यूनिट

दोनों पक्ष के लोग एसडीएम कार्यालय पहुंचे



रादौर: गांव कांजनू में प्रस्तावित चिकन प्रौसेंसिग फैक्ट्री के मामले में मंगलवार को दोनों पक्ष के लोग एसडीएम कार्यालय पहुंचे और एसडीएम सुशील कुमार के समक्ष अपने अपने ब्यान दर्ज करवाए। ग्रामीणों की ओर से इस मौके पर पर्यावरण बचाओ धर्म बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश कांजनू, मानसिंह आर्य, शिवकुमार संधाला, पवन कुमार, रामकुमार, शिवकुमार, अशोक कुमार व सुखबीर इत्यादि मौजूद रहे जबकि फैक्ट्री संचालक अंकित विनायक एसडीएम कार्यालय पहुंचे। एसडीएम ने दोनों पक्षों को अलग अलग बुलाया और मामले को लेकर बातचीत की।

ग्रामीणों को किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं यह यूनिट

समिति अध्यक्ष जयप्रकाश कांजनू ने कहा कि ग्रामीण बूचडखाने का विरोध कर रहे और वह किसी भी कीमत पर इस यूनिट को गांव में नहीं लगने देगें। आज एसडीएम कार्यालय में उन्हें बुलाया गया था। इस दौरान उन्होंने अपने लिखित ब्यान वहां दर्ज करवा दिए है। जिसमें उन्होंने कहा कि यह बूचडख़ाना है और ग्रामीणों की आस्था के खिलाफ है। जिस पर न केवल गांव के लोगों को बल्कि आसपास के लोगो को भी एतराज है। यह कार्य नियमों के विरूद्ध भी किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए ग्रामीण इसे नहीं खुलने देगें। हाईकोर्ट में 28 जनवरी की तारिख लगी हुई है। तब तक उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन की कमेटी भी इसमें कोई सकारात्मक निर्णय लेगी। अगर फिर भी ग्रामीणों की भावनाओं के विपरीत जाकर प्रशासन कोई फैसला लेता है तो वह इसके बाद समिति सदस्यों की बैठक बुलाकर उसमें कोई सख्त कदम उठाएगें।

उन्होंने नियमों के तहत गांव कांजनू में मीट प्रौसेसिंग यूनिट लगाने की परमिशन ली थी। नियमों के तहत ही सभी विभागों से अनापत्ति पत्र लिया गया। लेकिन ग्रामीण इसका विरोध कर रहे है। जबकि उनका कार्य पूरी तरह से नियमों के तहत है। ग्रामीणों का विरोध उचित नहीं है। मामला अब न्यायालय में भी विचाराधीन है। उन्हें उम्मीद है कि न्यायालय से उन्हें न्याय भी मिलेगा। आज उन्हें एसडीएम कार्यालय में बुलाया गया था। इस दौरान उन्होंने अपना पक्ष एसडीएम के समक्ष रख दिया है। वहीं दूसरा विकल्प भी दिया है कि अगर ग्रामीण उनकी इस यूनिट को गांव में नहीं लगने देना चाहते तो उनके पूरे पैसे वापिस करवाए जाए। ताकि वह कहीं और यह यूनिट लगा सके। अगर ऐसा नहीं होता तो वह खरीदी गई इस यूनिट पर पोल्ट्री फार्म जैसा कोई अन्य कार्य करेगें। 

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