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Chandigarh- बेरोजगारों की फौज होने के बावजूद सरकारी पद खाली क्यों हैं: दीपेंद्र हुड्डा

हरियाणा के मेहनती और काबिल युवा इसलिए मायूस हैं क्योंकि HPSC, HSSC ने नौकरियां बेचना शुरू कर दिया- दीपेंद्र हुड्डा



चंडीगढ़सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि एक तरफ पूरे हरियाणा में लाखों बेरोजगार नौकरी मांग रहे हैं, दूसरी तरफ विभिन्न सरकारी महकमों में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं, ये कैसी विडम्बना है.? उन्होंने सरकार से सीधा सवाल किया कि बेरोजगारों की फौज होने के बावजूद सरकारी पद खाली क्यों हैं.? दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि अगर केवल शिक्षा विभाग की बात की जाए तो प्रदेश में टीचर्स के 𝟑𝟗,𝟐𝟖𝟕 पद खाली है। डेढ़ लाख 𝐇𝐓𝐄𝐓 पास युवा भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। टीचर्स की हर भर्ती को लटकाया जा रहा है। 𝐁𝐉𝐏, 𝐁𝐉𝐏-𝐉𝐉𝐏 सरकार ने 𝟕 साल मे एक भी 𝐉𝐁𝐓 भर्ती नही निकाली। हर बार 𝐇𝐓𝐄𝐓 के नाम पर बेरोजगारो से करोड़ो वसूले जाते है लेकिन उन्हें नौकरी नहीं दी जाती। इसके विपरीत हुड्डा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा से जुड़े महकमों में करीब 𝟏 लाख नौकरियां दी गई थीं।

उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा के मेहनती और काबिल युवा भाजपा राज में मायूस हो गये हैं। क्योंकि भाजपा सरकार ने मेहनत और काबिलियत को ताख पर रख दिया और आम चर्चा चल पड़ी है कि नौकरी देने वाली दोनों संस्थाएं 𝐇𝐏𝐒𝐂 और 𝐇𝐒𝐒𝐂 ने उम्मीदवार की काबिलियत की जांच करने की बजाय उनकी जेब की जांच करना शुरू कर दिया है। देश भर के भाजपा शासित राज्यों में नौकरियों में जमकर धांधली हो रही है और इसके खिलाफ आवाज़ उठाने वाले बेरोजगार नौजवानों पर बर्बरता भाजपा सरकार में जमकर लाठियां बरसायी जा रही हैं। भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि युवाओं का आक्रोश नौकरी मिलने से शांत होगा, लाठियां बरसाने से नहीं। 

उन्होंने आगे कहा कि भर्ती निकल गई तो इम्तेहान नहीं, परीक्षा हो गई तो परिणाम नहीं, परिणाम निकल गये तो ज्वाइनिंग नहीं, हर साल 𝟐 करोड़ नौकरी का वादा छोड़िए, अब तो इस सरकार में युवाओं का सम्मान भी नहीं। सांसद दीपेन्द्र ने कहा सरकार की गलत नीतियों के कारण ही हरियाणा बेरोज़गारी दर में नंबर 𝟏 बना हुआ है। तीन-तीन साल बीत जाने के बावजूद भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया तक पूरी नहीं होती और हरियाणा में तो और बुरा हाल है। यहाँ ऐसी कोई भर्ती नहीं निकली जो भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक, परीक्षा रद्द की भेंट न चढ़ी हो।

कहा कि ख़बरें बताती हैं कि देशभर में शिक्षकों के 𝟏𝟎.𝟔 लाख से ज्यादा पद खाली हैं. लोकसभा में शिक्षा मंत्री ने बताया था कि 𝟐𝟎𝟐𝟎-𝟐𝟏 तक पूरे देश में शिक्षकों के 𝟔𝟏 लाख 𝟖𝟒 हजार 𝟒𝟔𝟒 पद स्वीकृत हैं, जबकि अलग-अलग राज्यों में कुल 𝟏𝟎 लाख 𝟔𝟎 हजार 𝟏𝟑𝟗 पद खाली हैं। इसी प्रकार राज्यसभा में सरकार ने एक सवाल के जवाब में बताया कि 𝟏 मार्च 𝟐𝟎𝟐𝟎 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 𝟖 लाख 𝟕𝟐 हज़ार पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि हर साल 𝟐 करोड़ नौकरियां देने का झूठा वादा करने वाली भाजपा सरकार ने युवा विरोधी सोच के चलते देश के युवाओं को बेरोज़गारी के गर्त में पहुंचा दिया है। 

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