उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चल रही प्रत्येक स्कीम की विस्तारपूर्वक की समीक्षा
यमुनानगर | NEWS - जिला सचिवालय के कांफ्रैंस हाल में उपायुक्त पार्थ गुप्ता की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चल रही प्रत्येक स्कीम की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। बैठक के दौरान समेकित बाल विकास योजना के तहत चल रहे 1281 आगनवाड़ी केन्द्रों के अंतर्गत कुपोषित बच्चों की समीक्षा ली गई जिसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास बलजीत कौर जो कि एक पोषण विशेषज्ञ भी है। उन्होनें जिले में 88 अति कुपोषित बच्चों पर उपायुक्त से उनकी स्थिति पर विशेष चर्चा की। उल्लेखनीय है कि अति कुपोषित बच्चों के परिवारों को गृह भेंट के दौरान पौष्टिक आहार वितरण और पौष्टिक आहार बनाने की विधि भी बताई जा रही है।दिसम्बर माह में अतिकुपोषित बच्चों का आंकड़ा 129 से घट कर जनवरी में 88 रह गया है इनमे 16 बच्चों जो जन्म के समय विभिन बिमारियों से ग्रस्त थे उन पर जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा निरंतर निगरानी रखी जा रही है।

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बैठक में कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के हितों की योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करते हुए लाभान्वित किया जाए। उन्होंने परिवार पहचान पत्र (पी0पी0पी0) में महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा में अव्वल रहा जिसकी उन्होंने सराहना की गयी और विभाग की सभी योजनाओं को सही ढंग से लागू करने के लिए सम्बंधित महिला अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
अन्य योजनाओं बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं, वन स्टॉप सैन्टर, प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना, बाल सरंक्षण, आपकी बेटी-हमारी बेटी, कामकाजी महिला हॉस्टल की प्रगति रिपोर्ट के बारे में बताया कि इन सभी योजनाओं पर विभाग की ओर से कार्य किये जा रहे है जिसमें बच्चों एवं महिलाओं को विभागीय हिदायतों के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना के अंतर्गत पहली गर्भवती माता को 5000/- की राशि तीन किश्तों में मुहैया कराई जा रही है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं स्कीम के तहत जन सामान्य को बेटियों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बाल सरंक्षण ईकाई की ओर से जरूरतमंद बच्चों को विभाग की ओर से सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है जिनमें कोरोना के दौरान परिजनो को खो चुके बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना पी0एम0 केयर योजना उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ ही किशोर न्याय अधिनियम व पोक्सो अधिनियम के प्रति जागरूकता अभियान चलाये जा रहे है। उडाऩ परियोजना के तहत स्लम बस्ती में आश्रित बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है उनकी शिक्षा को लेकर जोर दिया जा रहा है जिले में वन स्टॉप सैन्टर में पीडि़त महिलाओं को 24 घंटे स्वास्थ्य परामर्श कानूनी और आश्रय सुविधा एक ही छत के नीचे दी जा रही है। कोई भी पीडि़त महिला सीधे तौर पर हैल्पलाईन नम्बर 181 पर संपर्क कर सकती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी बलजीत कौर ने बताया कि विभाग की ओर से महिलाओं और बच्चों के पोषण, विकास और अन्य विषयों पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी विपुल फलोर, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी सन्तोष नैन, जसबीर कौर, कुसुम, जिला बाल सरंक्षण अधिकारी आंचल त्यागी, सभी महिला सुपरवाईजर व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।