अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
यमुनानगर | NEWS - संत निश्चल सिंह कॉलेज ऑफ एजुकेशन फॉर वूमेन यमुनानगर के प्रांगण में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर ''बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग, चुनौतियां और अवसर'' विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। यह प्रतियोगिता डॉक्टर सुनीता अग्रवाल व डॉ वंदना गुप्ता के द्वारा आयोजित की गई। डॉ सुनीता अग्रवाल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि आज देश भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जा रहा है जिसका लक्ष्य सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता लाना और बहुभाषावाद को बढ़ावा देना है। यह दिवस पूरे देश के लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली सभी भाषाओं के सरंक्षण और बचाव को बढ़ावा देने के लिए एक अहम भूमिका निभाता है। प्रतियोगिता में डीएलएड और बीएड प्रथम व द्वितीय वर्ष की छात्राओं ने अपनी भागीदारी बढ़ चढ़कर दी। छात्राओं ने अपने वक्तव्य में कहा कि यदि डिजिटल माध्यम से हमने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को अपनाने का प्रयास नहीं किया तो शायद हमारी अन्य भाषाएं भी अपना अस्तित्व नहीं बचा पाएंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुभाषी शिक्षा के द्वारा ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राप्त किया जा सकता है, जिसके लिए हमें आवश्यकता है कि बच्चे की आरंभिक शिक्षा उसकी मातृभाषा में ही दी जाए साथ ही साथ प्रत्येक को अपने घर में मातृभाषा का उपयोग करते हुए उसे प्राथमिकता देनी चाहिए और उस पर गर्व करना चाहिए। कॉलेज प्राचार्य डॉ अंजू वालिया ने छात्राओं को इस दिन की महत्व बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम यह प्रयास बांग्लादेश के द्वारा किया गया और यूनेस्को के आम सम्मेलन में 2000 में 21 फरवरी को इस दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। बचपन में जिस भाषा से हमारा परिचय होता है जिस भाषाई परिवेश में हम रहते हैं,बढ़ते हैं, वही हमारी मातृभाषा होती है। जिसका सरंक्षण करना हम सब का कर्तव्य होता है। इसके उपयोग से ही मातृ भाषाएं समृद्ध होती हैं इसलिए हमें प्रत्येक दिन अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाना चाहिए। कॉलेज सचिव सरदार मनोरंजन सिंह साहनी कॉलेज डायरेक्टर सरदार ए एस ओबरॉय ने इस प्रतियोगिता की सराहना दी और प्रतिभागियों को बधाई दी।
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