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Kaithal- राइट टू सर्विस के दायरे में आने वाली सेवाओं में विलंब होने पर होगी ऑटो अपील: उपायुक्त

राइट टू सर्विस सुशासन की दिशा में बढ़ते कदम में आस की अहम भूमिका-आमजन से जुड़े विभागों की अधिकतर सेवाएं राइट टू सर्विस एक्ट के दायरे में अधिसूचित !


कैथल / 𝐂𝐢𝐭𝐲 𝐋𝐢𝐟𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚. 𝐂𝐨𝐦

उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि आजादी अमृत महोत्सव के तहत खुशहाल हरियाणा-समृद्ध हरियाणा थीम के साथ हरियाणा सरकार द्वारा निरंतर सुशासन की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाए जा रहे है। हरियाणा सरकार द्वारा सुशासन के तहत एक और नई पहल करते हुए आस-ऑटो अपील सॉफ्टवेयर शुरू किया है जिसके अंतर्गत सेवा के अधिकार में सरकारी सेवाओं की समयबद्धता अनुरूप कार्य करने के लिए बाध्यता सुनिश्चित की गई है। आमजन को राइट टू सर्विस एक्ट की जानकारी भी प्रभावी रूप से दी जा रही है और लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा शुरू किया गया आस पोर्टल आमजन के लिए काफी लाभकारी है। अगर किसी व्यक्ति का कार्य राइट टू सर्विस एक्ट के तहत निर्धारित समय सीमा में नहींं होने पर ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के तहत आवेदन अपीलेट अथॉरिटी में चला जाएगा। अपीलेट अथॉरिटी के दायरे में भी काम नहीं होने पर आवेदन आगे वरिष्ठ अधिकारी के पास चला जाएगा। अगर इन दोनों स्तरों पर भी कार्य का निपटान नहीं होने पर आवेदन स्वत: ही राइट टू सर्विस कमीशन के पास आ जाएगा। यह कदम सरकार ने जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक कार्यशैली को जवाबदेह, पारदर्शी, निष्पक्ष और प्रभावी बनाने के मद्देनजर उठाए है।

उपायुक्त ने कहा कि आमजन से सीधे जुड़े सरकारी विभागों की अधिकतर सेवाएं सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में नोटिफाई की हुई है। इनमें से कई सेवाएं ऑनलाइन सरल पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही है। आस-ऑटो अपील सॉफ्टवेयर आमजन के अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार का एक अहम कदम है। राइट टू सर्विस एक्ट के दायरे में आवेदक को सरकारी सेवाएं और योजनाओं का समयबद्ध लाभ देना संबंधित विभाग और अधिकारी का सेवा दायित्व है। जिला व उपमंडल स्तर पर कार्यरत सभी विभागों को अपने-अपने कार्यालयों के बाहर सेवा का अधिकार अधिनियम के अनुसार जन जागरूकता के लिए विभागीय सेवाओं का समय सीमा के साथ उल्लेख किया जा रहा है।

 हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज मुख्यमंत्री शतोउद्यमी सारथी योजना’ शुरू करने की घोषणा. मुख्यमंत्री शतोउद्यमी सारथी योजना’ नामक इस नई योजना के तहत समाज के पांच अनुभवी व्यक्तियों को हर सौ परिवारों के ऊपर सारथी लगाया जायेगा जोकि इन परिवारों के लिये सारथी बनकर उन्हें आगे बढ़ाने का काम करेंगे और ये लोग यह देखरेख भी करेंगे कि यह परिवार काम कर रहे हैं या नहीं

 नगर निगम के कर्मचारी अब फरलो नहीं मार सकेंगे और न ही पांच बजे से पहले कार्यालय से निकल पाएंगे. क्योंकि अब नगर निगम के सभी कर्मचारियों की हाजिरी फेस बायोमेट्रिक मशीन से लगेगी. निगम के सभी कर्मचारियों की हाजिरी व उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम के तीनों कार्यालयों में फेस रिकॉग्निशन अटेंडेंस सिस्टम (चेहरा पहचान उपस्थिति प्रणाली) मशीनें स्थापित कर दिए गए है










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