शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर
चंडीगढ़ / 𝐂𝐢𝐭𝐲 𝐋𝐢𝐟𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚. 𝐂𝐨𝐦
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बजट सत्र के दूसरे दिन सदन को बताया कि अनुच्छेद 𝟐𝟏 ए के अनुसार भारत सरकार द्वारा बनाए गए निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 𝟐𝟎𝟎𝟗 के तहत सरकार छह वर्ष से चौदह वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के अधिकार पर अमल कर रही है ताकि छह से चौदह वर्ष की आयु का कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित न रहें।
भौगौलिक स्थिति के आधार पर प्राईमरी स्तर के 𝟖𝟔𝟓𝟔 तथा माध्यमिक स्तर के 𝟐𝟒𝟐𝟏 सरकारी स्वतंत्र विद्यालय चलाये जा रहे हैं।
उन्होंने अवगत कराया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियम, 𝟐𝟎𝟎𝟑 के नियम 𝟏𝟑𝟒 - ए के अंतर्गत बी. पी. एल. / ई. डब्लयू. एस. वर्ग के मेधावी बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाई के लिए अवसर प्रदान करने का प्रावधान है। निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम -𝟐𝟎𝟎𝟗 के मध्यनजर, राज्य सरकार के हरियाणा शिक्षा नियमावली 𝟐𝟎𝟎𝟑 के द्वारा पारित 𝟏𝟑𝟒 - ए नियम के पुनर्विचार किया जा रहा है।
उन्होंने सदन को बताया कि वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟓-𝟏𝟔 से वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 तक नियम 𝟏𝟑𝟒-ए के तहत निजी विद्यालयों में कक्षा दो से बाहरवीं तक कुल 𝟏𝟐𝟐𝟔𝟑𝟔 बच्चों का दाखिला हुआ।
उन्होंने सदन को यह भी बताया कि सरकार द्वारा वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟔-𝟏𝟕 से वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 तक जिला अनुसार पूरे प्रदेश के निजी विद्यालयों को कक्षा दो से 𝟖वीं तक 𝟏𝟑𝟒-ए के अंतर्गत दाखिल छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति राशि कुल 𝟕𝟎,𝟑𝟏,𝟑𝟎,𝟕𝟎𝟎 रुपये दी गई है। उन्होंने बताया कि जिला सोनीपत को वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟔-𝟏𝟕 से वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 तक 𝟔,𝟒𝟕,𝟓𝟏,𝟏𝟎𝟎 रुपये जारी किये गये हैं।