प्रदेश के इस डायमंड बजट में गुणात्मक वृद्धि पर जोर
मुख्यमंत्री ने हिसार की जीजेयू में आम बजट के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर की चर्चा
हिसार | NEWS - हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमने प्रदेश के बजट को नई दिशा देने का काम किया है। यह डायमंड बजट है, जिसमें गुणात्मक वृद्धि पर जोर दिया है। इसमें समर्थ हरियाणा, अत्योदय, सत्तत विकास और पर्यावरण जैसे विषयों पर विशेष तौर पर फोकस किया गया। यह पहली बार है कि मंत्रियों, अर्थशास्त्रियों व समाज के प्रभुद्ध वर्ग के साथ-साथ अन्य हित्तधारकों के साथ बैठक करके बजट तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री शनिवार को हिसार की गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पिछले दिनों विधानसभा में पेश किए गए हरियाणा के आम बजट से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर रहे थे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार का बजट पेश करने से पूर्व 8 बैठकें कर 550 लोगों से इस संबंध में सुझाव लिए गए और चर्चा की गई। पहली बार बजट पेश करने के बाद 74 विधायकों की 8 कमेटी बनाकर इस पर चर्चा की गई, अलग-अलग सुझाव आमंत्रित किए गए। 2 मार्च से 22 मार्च तक चले बजट सत्र में 12 बैठकें हुई 50 घंटे चर्चा चली और सभी विधायकों ने अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ बजट पर चर्चा की। हमारी सरकार ने इस बजट में हर वर्ग और हर क्षेत्र को पैसा दिया है। पिछले वर्ष 1 लाख 53 हजार करोड़ रुपये का बजट था, जिसमें 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए 1 लाख 77 हजार करोड़ रुपये किया गया है।
तय पैरामीटर पर बना हरियाणा का बजट
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसी भी राज्य का बजट कुछ तय पैरामीटर पर बनाया जाता है, जैसे कि उस राज्य का कितना घाटा है, कितना खर्च किया गया है और कितना ऋण लिया गया है। हरियाणा का बजट केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए पैरामीटर के अनुरूप है, हमने इन्हें नहीं तोड़ा है। हरियाणा का ऋण-टू-जीएसडीपी अनुपात 25 प्रतिशत तय किया गया है जो अभी भी 24 प्रतिशत है। वहीं पड़ोसी राज्य पंजाब की बात करें तो उनका ऋण-टू-जीएसडीपी अनुपात 48 प्रतिशत पहुंच गया है। यह ऋण-टू-जीएसडीपी सीमा से नीचे है तभी प्रदेश को 6 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देने वालों की लाइन लगी हुई है। वहीं पंजाब की बात करें तो वहां का ऋण-टू- जीएसडीपी ज्यादा होने की वजह से उन्हें 10 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण लेना पड़ रहा है। फिर भी हमारा मानना है कि ऋण उतना लेना चाहिए, जितनी आवश्यकता हो।
अब हर जिले में होगा मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले से घोषणा कर रखी थी कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। इस दिशा में 4 जिलों को छोड़कर सभी जिलों में कार्य चल रहा था। इस बजट में इन चार जिलों के अंदर भी मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की घोषणा की गई है। इससे प्रदेश में एमबीबीएस की 3 हजार सीटें हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट सभी वर्गों के लिए था। विपक्ष के नेताओं को भी खोजना पड़ा कि इसमें क्या कमी निकाली जाए। यह प्रदेश को दिशा देने वाला बजट साबित होगा। इस कार्यक्रम में शहरी स्थानीय निकाय एवं आवास मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, विधायक विनोद भ्याणा, उपकुलपति बीआर काम्बोज, कुलसचिव अवनीश वर्मा, विश्वविद्यालय के शिक्षक व छात्र मौजूद रहे।
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