एम्स-2 के सभी 11 संस्थान बनते तो हरियाणा व आस पास के लाखों लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिलती- दीपेन्द्र हुड्डा
गुरुग्राम।। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज गुरुग्राम में हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित कई कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने सभी को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं दी और कहा कि महाबली संकटमोचन हनुमान जी की कृपा सदा हम सभी पर बनी रहे।
दीपेन्द्र हुड्डा ने गुड़गांव में तेजी से
कोरोना केस बढ़ने पर चिंता जताते हुए कहा कि चौथी लहर का सामना करने के लिये सरकार
को युद्ध स्तर पर तैयारियां करनी चाहिए ताकि हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन, दवाईयों की कमी न हो।
कोरोना की पिछली जानलेवा लहरों से सबक लेकर सरकार समय रहते पूरे प्रबंध करे।
अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाईयों का पर्याप्त इंतजाम
कराए, ताकि मरीजों को इलाज के
लिये दर-दर की ठोकर न खानी पड़े।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमने काफी कोशिश करके यूपीए सरकार के समय पूरे हरियाणा में चारो ओर कई बड़े प्रोजेक्ट मंजूर कराए थे। उसी में 𝟐𝟎𝟎𝟗 में बाढसा एम्स-𝟐 के 𝟑𝟎𝟎 एकड़ वाले परिसर में 𝐍𝐂𝐈 के अलावा 𝟏𝟎 राष्ट्रीय संस्थान बनने की भी घोषणा भूमि पूजन के समय हुई थी और एम्स के वर्किंग प्लान में भी इन्हें शामिल किया गया था।
लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि 𝟐𝟎𝟏𝟒 में देश और प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद हरियाणा सरकार के उपेक्षापूर्ण और भारत सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के कारण कई सारे प्रोजेक्ट हरियाणा से चले गये। उन्होंने हरियाणा सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि ये इतनी कमजोर सरकार है कि 𝐔𝐏𝐀 सरकार के समय उनके द्वारा मंजूर कराए गए हरियाणा से सारे महत्त्वपूर्ण संस्थान एक के बाद एक हरियाणा से जाते रहे और इस सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
उन्होंने बताया एम्स-𝟐 बाढ़सा परिसर में हज़ारों करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संस्थानों में 𝟕𝟏𝟎 बेड वाले राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (𝐍𝐂𝐈) के अलावा नेशनल कार्डियोवैस्कुलर सेंटर - 𝟔𝟎𝟎 बेड, नेशनल सेंटर फॉर चाइल्ड हेल्थ - 𝟓𝟎𝟎 बेड, नेशनल ट्रांस्प्लांटेशन सेंटर - 𝟓𝟎𝟎 बेड, जनरल पर्पस हॉस्पिटल - 𝟓𝟎𝟎 बेड, डाइजेस्टिव डिजीज सेंटर - 𝟓𝟎𝟎 बेड, नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर जिरियाटिक्स - 𝟐𝟎𝟎 बेड, सेंटर फार ब्लड डिसार्डर - 𝟏𝟐𝟎 बेड, कॉम्प्रिहेंसिव रिहेबिलिटेशन सेंटर, सेंटर फॉर लेबोरेटरी मेडिसिन, नेशनल सेंटर फॉर नर्सिंग एजुकेशन एंड रिसर्च जैसे बड़े संस्थान बनने थे।
यदि ये सारे संस्थान बन गए होते तो इससे हरियाणा व आस पास के लाखों लोगों को न केवल बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिलती, लोगों का जीवन बचाने में भी सहायता मिलती बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलता। दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि हाल ही में जब उन्होंने संसद में इसके काम की प्रगति की जानकारी मांगी तो जवाब मिला कि 𝐍𝐂𝐈 के अलावा बाकी बचे 𝟏𝟎 संस्थानों पर अभी तक कोई काम नहीं किया गया है। सरकार के जवाब से ऐसा लगता है कि महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट और सोनीपत रेल कोच फैक्टी की तरह इन्हें भी बीजेपी सरकार कहीं और उठा ले गई है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ने विधानसभा में बहुत बड़ा झूठ बोला है कि कोरोना की लहर के समय ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। जबकि सच्चाई पूरा देश और प्रदेश जानता है कि ऑक्सीजन और बेड की कमी से सड़कों पर तड़प-तड़प कर मरते रहे। अगर दूसरी-तीसरी लहर के समय सामाजिक संगठनों के लोग आगे आकर मोर्चा नहीं संभालते तो मौतों का आंकड़ा कहीं ज्यादा बड़ा और भयावह होता। उन्होंने कहा कि ट्रिपल टी यानी टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की नीति पर काम करते रहना जरूरी है। लोगों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो चुकी प्रदेश सरकार के लचर रवैये के चलते अप्रैल माह में ही सक्रिय मरीजों की संख्या दोगुनी हो चुकी है और संक्रमण दर 𝟏𝟎 गुना तक बढ़ चुकी है।
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